स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान में हवाई हमले किए, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया। इस हमले में पाकिस्तानी सेना ने 26 लोगों की मौत और 46 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। आइए, इस मामले को एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा के साथ विस्तार से समझते हैं।
पहलगाम आतंकी हमला
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए। इस हमले में लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठनों और पाकिस्तान की आईएसआई का हाथ होने के सबूत भारत ने पेश किए। इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए, जैसे: सिंधु जल संधि को स्थगित करना। पाकिस्तानी विमानों के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र बंद करना। पाकिस्तान से आयात, डाक सेवाएं, और वीजा सेवाएं बंद करना। पाकिस्तान के आधिकारिक X हैंडल और कुछ अधिकारियों के अकाउंट्स को ब्लॉक करना।
ऑपरेशन सिंदूर भारत का हवाई हमला
7 मई को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए। हमले मुरिदके, बहावलपुर, और नियंत्रण रेखा (LoC) के पार कुछ इलाकों में किए गए। भारतीय वायुसेना ने स्टैंडऑफ हथियारों (जो भारतीय हवाई क्षेत्र से ही लॉन्च किए जा सकते हैं) का इस्तेमाल किया। भारत का दावा है कि ये हमले आतंकी ठिकानों पर किए गए, जो पहलगाम हमले की साजिश रचने में शामिल थे। खास तौर पर लश्कर-ए-तैयबा के ट्रेनिंग कैंप, जैसे PoK के अत्तर शीशा इलाके में ‘जंगल मंगल टेरर ट्रेनिंग कैंप’, को निशाना बनाया गया।
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि “भारत ने नागरिक आबादी को निशाना बनाया, जिसमें 26 लोगों की मौत और 46 लोग घायल हुए। हालांकि, पाकिस्तान ने इसे “अनुचित और युद्ध का कार्य” करार दिया।”
हालांकि अधिकांश देश आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़े दिखे, लेकिन सैन्य कार्रवाई पर तटस्थ रुख अपनाया।
हमले के बाद डर और अस्थिरता का माहौल !
पाकिस्तान में इस हमले के बाद डर और अस्थिरता का माहौल है। कुछ लोग सेना प्रमुख आसिम मुनीर के इस्तीफे और पूर्व पीएम इमरान खान की रिहाई की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान ने अपनी बैलिस्टिक मिसाइल ‘अब्दाली’ का परीक्षण किया और साइबर हमले की कोशिश की, जिसमें भारतीय सेना की वेबसाइट को निशाना बनाया गया। पाकिस्तानी डिप्लोमेट अब्दुल बासित जैसे लोग भारत पर हमले की तारीखों का दावा कर प्रचार कर रहे हैं, जिसे भारत ने प्रोपेगेंडा करार दिया।
पाकिस्तान के खिलाफ व्यापक आक्रोश !
पहलगाम हमले के बाद भारत में पाकिस्तान के खिलाफ व्यापक आक्रोश है। दिल्ली, रायपुर, और अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन और बाजार बंद हुए। भारत ने सेना को सतर्क रहने और जवाबी कार्रवाई की खुली छूट दी है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की ऑर्डनेंस फैक्ट्रियों में कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं।पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने की कोशिश तेज कर दी है, जैसे FATF की ग्रे लिस्ट में डालने की मांग।
आतंकवाद के खिलाफ लक्षित कार्रवाई !
भारत का कहना है कि ये हमले आतंकवाद के खिलाफ लक्षित कार्रवाई थी, जो पहलगाम हमले का जवाब थी। भारत ने इसे अपनी रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा का हिस्सा बताया। पाकिस्तान इसे नागरिकों पर हमला और संप्रभुता का उल्लंघन बता रहा है, लेकिन आतंकी ठिकानों की मौजूदगी पर चुप है। दोनों देशों के दावों में विरोधाभास है। भारत के पास सैटेलाइट इमेज जैसे सबूत हैं, जो PoK में आतंकी कैंप दिखाते हैं, लेकिन पाकिस्तान नागरिक हताहतों का मुद्दा उठाकर सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर रहा है।
आगे की क्या रणनीति ?
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। भारत ने 7 मई को देशभर में मॉक ड्रिल की, जिसमें दिल्ली मेट्रो को सबसे सुरक्षित जगह बताया गया। भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन से पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा रहा है, जबकि पाकिस्तान चीन और कुछ अन्य देशों से समर्थन की उम्मीद कर रहा है। दोनों देशों की सेनाएं LoC पर सतर्क हैं। पाकिस्तान ने सीजफायर तोड़ा, जिसका भारत ने जवाब दिया।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाया और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया। पाकिस्तानी सेना ने 26 मौतों की पुष्टि की, लेकिन इसे नागरिक हताहत बताया। यह मामला दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है और अब इसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।