प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: नई दिल्ली में विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ संसद भवन से चुनाव आयोग मुख्यालय तक मार्च निकाला। इस प्रदर्शन में करीब 300 सांसद शामिल थे, जिनमें प्रमुख नेता जैसे राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी वाद्रा, अखिलेश यादव, शरद पवार, अभिषेक बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, शिवसेना (यूबीटी) और आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद शामिल थे। AAP ने हाल ही में इंडिया गठबंधन से अलग होने की घोषणा की थी, फिर भी इसके सांसद संजय सिंह मार्च में शामिल हुए।
प्रदर्शन का कारण
विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची में कथित धांधली और ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने 7 अगस्त को बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के आंकड़े पेश करते हुए दावा किया कि वहां 1,00,250 मतों की चोरी हुई, जबकि यह सीट भाजपा ने 32,707 मतों के अंतर से जीती थी। विपक्ष का कहना है कि यह धांधली भारतीय जनता पार्टी (BJP) को फायदा पहुंचाने के लिए की गई। अखिलेश यादव ने भी दावा किया कि 18,000 वोटों को मतदाता सूची से हटाया गया, जिसके सबूत उन्होंने चुनाव आयोग को सौंपे। विपक्ष साफ और पारदर्शी मतदाता सूची की मांग कर रहा है, ताकि ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ का सिद्धांत बरकरार रहे।
मार्च और पुलिस कार्रवाई
विपक्षी सांसदों ने संसद के मकर द्वार से मार्च शुरू किया, राष्ट्रगान गाया, और ‘वोट चोरी बंद करो’ जैसे नारे लगाए। सांसदों ने सफेद टोपियां पहनीं, जिन पर ‘SIR’ और ‘वोट चोरी’ लिखा था, साथ ही लाल क्रॉस का निशान था। दिल्ली पुलिस ने संसद मार्ग और परिवहन भवन के पास बैरिकेड लगाकर मार्च को रोक दिया। पुलिस का कहना था कि प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं ली गई थी।
पुलिस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, अखिलेश यादव, संजय राउत, महुआ मोइत्रा, सागरिका घोष, ज्योतिमणि और संजना जाटव समेत कई सांसदों को हिरासत में लिया और संसद मार्ग थाने ले गई। कुछ देर बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। अखिलेश यादव ने बैरिकेड फांदकर विरोध जताया, जबकि महुआ मोइत्रा और मिताली बाग प्रदर्शन के दौरान बेहोश हो गईं। राहुल गांधी और अन्य सांसदों ने उनकी मदद की।
विपक्ष के बयान
राहुल गांधी: “यह लड़ाई राजनीतिक नहीं, बल्कि संविधान और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के अधिकार को बचाने की है। हम साफ मतदाता सूची चाहते हैं।” उन्होंने दावा किया कि सच्चाई देश के सामने है और सरकार विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है।
आज जब हम चुनाव आयोग से मिलने जा रहे थे, INDIA गठबंधन के सभी सांसदों को रोका गया और हिरासत में ले लिया गया।
वोट चोरी की सच्चाई अब देश के सामने है।
यह लड़ाई राजनीतिक नहीं – यह लोकतंत्र, संविधान और ‘एक व्यक्ति, एक वोट’ के अधिकार की रक्षा की लड़ाई है।
एकजुट विपक्ष और देश का हर… pic.twitter.com/SutmUirCP8
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 11, 2025
मल्लिकार्जुन खरगे: “भाजपा की कायराना तानाशाही नहीं चलेगी। यह लोकतंत्र और जनता के वोट के अधिकार की लड़ाई है।”
भाजपा की कायराना तानाशाही नहीं चलेगी !
ये जनता के वोट के अधिकार को बचाने की लड़ाई है।
ये लोकतंत्र को बचाने का संघर्ष है।
INDIA गठबंधन के साथी संविधान की धज्जियां उड़ाने वाली इस भाजपाई साज़िश को बेनक़ाब करके ही रहेंगे। #VoteChori pic.twitter.com/9tk4bYhkvr
— Mallikarjun Kharge (@kharge) August 11, 2025
अखिलेश यादव: “चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए। जिन लोगों ने वोट काटे, उनके खिलाफ कदम उठाए जाएं।”
अपने हक़ और इंसाफ की ख़ातिर लड़ेंगे
अब ज़ुल्मों की हर बंदिश हम पार करेंगे! pic.twitter.com/crn0m3Ajx5— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) August 11, 2025
शशि थरूर: “चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। उसे पारदर्शिता दिखानी चाहिए।”
VIDEO | As protesting opposition MPs were stopped by police barricades at Transport Bhawan while marching towards the Election Commission headquarters, Congress MP Shashi Tharoor said:
"The Election Commission was asked serious questions by Rahul Gandhi, and we deserve serious… pic.twitter.com/zSfsykb5f5— Press Trust of India (@PTI_News) August 11, 2025
प्रियंका गांधी: “मोदी सरकार जनता और विपक्ष की आवाज कुचलना चाहती है।”
देश भर में हो रही वोट चोरी के खिलाफ विपक्ष के करीब 300 सांसद चुनाव आयोग के अधिकारियों से मिलने जा रहे थे, लेकिन सभी को हिरासत में ले लिया गया।
नरेंद्र मोदी जी की कायर सरकार जनता और विपक्ष की आवाज सुनने की जगह, उसे कुचल देना चाहती है। वे सत्ता के पीछे छुपकर हर दिन जनता के… pic.twitter.com/9rwdV4lKGo
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) August 11, 2025
रणदीप सुरजेवाला: “चुनाव आयोग 65 लाख वोट काटने की सूची या कारण नहीं बता रहा, जो शर्मनाक है।”
बोल रहा है पूरा देश,
वोट हमारा छू के देख..
आज ये पूरा देश बोल रहा है।जेल की सलाखें श्री राहुल गांधी और विपक्ष को रोक नहीं पाएंगी।
इस देश के लोगों ने मोदी सरकार और चुनाव आयोग की साझेदारी को अब खारिज कर दिया है।
#ECIVoteChor pic.twitter.com/5C4hu70HgW— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) August 11, 2025
कांग्रेस की रणनीति
कांग्रेस ने ‘वोट चोरी’ को सियासी मुद्दा बनाते हुए एक वेब पेज शुरू किया, जहां लोग डिजिटल मतदाता सूची की मांग का समर्थन कर सकते हैं। राहुल गांधी ने विपक्षी नेताओं को अपने आवास पर डिनर पार्टी देकर इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाई। विपक्ष का कहना है कि SIR की प्रक्रिया बिहार के बाद तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में लागू होगी, इसलिए यह मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर उठाया जाएगा।
सरकार और पुलिस का रुख
दिल्ली पुलिस ने कहा कि मार्च के लिए अनुमति नहीं ली गई थी और केवल 30 सदस्यों को ही चुनाव आयोग से मिलने की अनुमति थी। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि वे EVM, राफेल और सीमा विवाद जैसे मुद्दों पर झूठ बोलकर अस्थिरता पैदा करना चाहते हैं।
Press Conference at @BJP4India HQ. https://t.co/yGYY8xhbtS
— Dharmendra Pradhan (@dpradhanbjp) August 11, 2025
विपक्ष की एकजुटता
राहुल गांधी के इस कैंपेन ने विपक्ष को फिर से एकजुट किया। ममता बनर्जी, शरद पवार, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, और अन्य नेताओं ने इस मुद्दे पर कांग्रेस का साथ दिया। विपक्ष का मानना है कि मतदाता सूची में धांधली लोकतंत्र के लिए खतरा है, और वे इसे सड़क से संसद तक उठाते रहेंगे।
‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर विपक्ष का यह प्रदर्शन लोकतंत्र और मतदाता सूची की पारदर्शिता की मांग को राष्ट्रीय स्तर पर ले गया। हालांकि, पुलिस कार्रवाई और नेताओं की हिरासत ने इसे और तूल दे दिया। यह मुद्दा आने वाले दिनों में और गर्माने की संभावना है, क्योंकि विपक्ष ने इसे संवैधानिक लड़ाई का रूप दे दिया है।