नई दिल्ली: पाकिस्तान में हाहाकारी बारिश ने तबाही मचा दी है. कई इलाके में बाढ़ की चपेट में है. हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. करतारपुर साहिब गुरुद्वारा पूरी तरह जलमग्न हो चुका है. गुरुद्वारा परिसर में करीब पांच फीट से ऊपर पानी भर गया है. इसमें 100 से ज्यादा लोग फंस गए हैं. इनमें ज्यादातर कर्मचारी हैं. करतारपुर कॉरिडोर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के मुखिया सैफुल्लाह खोखर ने बताया कि गुरुद्वारा दरबार साहिब सहित पूरा करतारपुर कॉरिडोर परिसर बाढ़ के पानी में डूब गया है. उन्होंने कहा कि फंसे हुए लोगों में ज्यादातर यहां के कर्मचारी हैं.
सैफुल्लाह खोखर ने कहा कि फंसे हुए कर्मचारियों को नावों और एक हेलीकॉप्टर से बचाया जा रहा है. सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि करतारपुर साहिब गुरुद्वारा लगभग पूरी तरह से बाढ़ के पानी में डूबा हुआ दिख रहा है. सूत्रों के मुताबिक, करतारपुर कॉरिडोर के पास धूसी बांध टूट गई है. इस कारण वहां बाढ़ आ गई. 2019 में करतारपुर कॉरिडोर को खोला गया था. यह करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान-भारत सीमा से लगभग 4.1 किलोमीटर दूर है.
पाकिस्तान के कई इलाके जलमग्न
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान के कई इलाकों में भीषण बारिश हो रही है. इस कारण वहां के ज्यादातर इलाके जलमग्न हैं. पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में मंगलवार तक करीब दो लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है क्योंकि सभी नदियों में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए चेतावनी जारी की गई है. उफनते बांधों और उफनती नदियों का पानी निचले सीमावर्ती इलाकों में छोड़े जाने के बाद हजारों लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया गया है. पाक के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि उसने सतलुज नदी में बढ़ते जलस्तर और बाढ़ के खतरे के बारे में पहले ही चेतावनी जारी कर दी है.
बढ़ते जलस्तर के कारण उफान पर नदियां
पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने ट्वीट कर कहा है कि रावी, चिनाब और सतलुज नदियों में बढ़ते जलस्तर के कारण पंजाब बाढ़ की स्थिति है. रावी नदी के कोट नैना में 2,30,000 क्यूसेक पानी प्रवेश कर गया है. इस बीच, चिनाब नदी के हेड मराला में पानी का प्रवाह 9,22,000 क्यूसेक तक पहुंच गया है. पंजाब के कसूर से 14,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है जबकि बहावलनगर शहर से 89,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. हाल ही में नई दिल्ली ने इस्लामाबाद को सीमा पार संभावित बाढ़ के बारे में आगाह किया था.