स्पेशल डेस्क/नई दिल्ली: दिल्ली में बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद बिजली कटौती की शिकायतें बढ़ी हैं, और इस मुद्दे ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चर्चा को जन्म दिया है। आम आदमी पार्टी (AAP) और अन्य विपक्षी दल इसे बीजेपी सरकार की नाकामी के रूप में पेश कर रहे हैं, जबकि बीजेपी का दावा है कि कटौती नियोजित (शेड्यूल्ड) हैं या तकनीकी कारणों से हो रही हैं। नीचे इस मुद्दे की पूरी रिपोर्ट दी गई है, जिसमें कारण, प्रभाव, और विभिन्न पक्षों के दावों का विश्लेषण शामिल है।
बिजली कटौती में कौन से क्षेत्र प्रभावित ?
2025 की शुरुआत में, विशेष रूप से फरवरी-अप्रैल 2025 के बीच, दिल्ली के कई इलाकों में बिजली कटौती की शिकायतें सामने आई हैं। राजधानी के कुछ पॉश क्षेत्र में साउथ एक्सटेशन,अमृत नगर, राधेपुर, विकासपुरी, आनंद पर्वत, मलका गंज, तिलक नगर,रमेश नगर, उत्तम नगर, कश्मीरी गेट, बुराड़ी, और कालकाजी जैसे क्षेत्रों में 1 से 5 घंटे तक की कटौती दर्ज की गई। कटौती दिन और रात दोनों समय हो रही है, कुछ स्थानों पर रात में कई घंटों तक बिजली गुल रही। उदाहरण के लिए, 9 अप्रैल 2025 को दिल्ली में पीक डिमांड 5462 मेगावाट थी, फिर भी कई क्षेत्रों में रातभर बिजली नहीं थी। अप्रैल 2025 में गर्मी बढ़ने के साथ बिजली की मांग में वृद्धि हुई, जिससे बिजली आपूर्ति पर दबाव बढ़ा।
सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक तस्वीर शेयर की और लिखा “दिल्ली के मुख्यमंत्री के अपने निर्वाचन क्षेत्र शालीमार बाग में बिजली कटौती।”
Power cut in Delhi CM's own constituency Shalimar Bagh.😆😆 pic.twitter.com/Q7iqvu3pcJ
— Tarun Gautam (@TARUNspeakss) April 17, 2025
क्या हैं बिजली कटौती के कारण ?
बिजली कटौती के पीछे कई संभावित कारण सामने आए हैं, जिनमें तकनीकी, प्रशासनिक, और राजनीतिक कारक शामिल हैं गर्मी के कारण एयर कंडीशनर और अन्य उपकरणों का उपयोग बढ़ा, जिससे बिजली की मांग में वृद्धि हुई। हालांकि, 2024 में पीक डिमांड 8500 मेगावाट तक थी, और तब भी कटौती नहीं हुई थी, जबकि 2025 में 5462 मेगावाट पर ही समस्याएं शुरू हो गईं। ट्रांसमिशन और वितरण में समस्याएं: पुराने बिजली ढांचे, ट्रांसमिशन लाइनों में खराबी, या रखरखाव कार्यों के कारण कुछ क्षेत्रों में कटौती हो रही है। पावर परचेज एग्रीमेंट कॉस्ट (PPAC): कोयले और ईंधन की कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण बिजली खरीद की लागत बढ़ी, जिससे आपूर्ति प्रबंधन पर असर पड़ा।
क्या प्रशासनिक और नीतिगत कारण ?
नई सरकार का प्रबंधन: AAP नेताओं का दावा है कि उनकी सरकार ने 10 वर्षों में दिल्ली की बिजली व्यवस्था को मजबूत किया था, लेकिन बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रबंधन में कमी आई। वहीं बीजेपी का कहना है कि कुछ कटौती रखरखाव या तकनीकी उन्नयन के लिए नियोजित हैं, न कि आपूर्ति की कमी के कारण। वितरण कंपनियों की भूमिका: दिल्ली में बिजली वितरण का जिम्मा BRPL, BYPL, TPDDL, और NDMC के पास है। इन कंपनियों के बीच समन्वय या संसाधन प्रबंधन में कमी की शिकायतें हैं।
बिजली पर आरोप-प्रत्यारोप जारी ?
AAP का आरोप है कि बीजेपी जानबूझकर बिजली आपूर्ति में बाधा डाल रही है ताकि जनता को परेशान किया जाए। दूसरी ओर, बीजेपी का कहना है कि AAP झूठे दावे फैला रही है।
चुनावी वादे और दबाव: बीजेपी ने 2025 के विधानसभा चुनाव में 300 यूनिट मुफ्त बिजली और सस्ती बिजली दरों का वादा किया था। इन वादों को पूरा करने के लिए PPAC में कमी की गई, लेकिन आपूर्ति प्रबंधन में चुनौतियां बनी हुई हैं।
बिजली कटौती से जनता परेशान !
लंबी कटौती के कारण लोगों का दैनिक जीवन प्रभावित हुआ। बच्चे पढ़ाई नहीं कर पा रहे, और गर्मी में बिना बिजली के रहना मुश्किल हो गया। कई निवासियों ने इनवर्टर फिर से चालू किए, जो AAP शासन में बंद हो गए थे।
मुख्यमंत्री @gupta_rekha जी, आपकी सरकार और मंत्री जी ने लंबे-लंबे पॉवर कट से आपके क्षेत्र के लोगों को भी परेशान कर रखा है।
इस गर्मी में बिजली कटौती की समस्या से पूरी दिल्ली परेशान है लेकिन आपकी नींद टूट ही नहीं रही है। https://t.co/zwMitpEgLZ
— AAP (@AamAadmiParty) April 18, 2025
AAP ने बिजली कटौती को बीजेपी की नाकामी के रूप में पेश किया। कश्मीरी गेट, ITO, और अन्य क्षेत्रों में AAP कार्यकर्ताओं ने “बीजेपी आई, बिजली गई” के बैनर लगाकर विरोध प्रदर्शन किए।
📍 श्रीनिवासपुरी, दिल्ली
दिल्ली में लगातार हो रहे पॉवर कट से परेशान जनता अब सड़कों पर उतर आई है। मुख्यमंत्री और मंत्रियों के ख़िलाफ़ हल्लाबोल हो रहा है।
बीजेपी की पोल और जुमले जनता के सामने आ गए हैं और अब जनता BJP के एक-एक झूठ का हिसाब करेगी। pic.twitter.com/otFXGR6Oll
— AAP (@AamAadmiParty) April 12, 2025
बिजली कटौती पर बीजेपी का जवाब !
बीजेपी ने दावा किया कि AAP के दावे झूठे हैं और केंद्र सरकार के आंकड़े दिखाते हैं कि दिल्ली में 24×7 बिजली दी जा रही थी। साथ ही, PPAC में 50% तक की कटौती और सस्ती बिजली की घोषणा को उनकी उपलब्धि बताया। हालांकि बीते 16 अप्रैल को सीएम रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा “आज दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए बिजली सब्सिडी को यथावत जारी रखने का फैसला लिया गया, जिससे राजधानी के लाखों उपभोक्ताओं को राहत मिलती रहेगी।”
आज दिल्ली सरकार की कैबिनेट बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए बिजली सब्सिडी को यथावत जारी रखने का फैसला लिया गया, जिससे राजधानी के लाखों उपभोक्ताओं को राहत मिलती रहेगी। #DelhiCabinet @gupta_rekha pic.twitter.com/SMOWifI86B
— CMO Delhi (@CMODelhi) April 15, 2025
बिजली कटौती की कई शिकायतें !
वहीं बीते शनिवार को पत्रकार प्रकाश मेहरा ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा “दिल्ली में बिजली कटौती की कई शिकायतें हैं। रात 11 बजे, मेरे दोस्त का साउथ एक्स से फोन आता है: “भाई, कल मेरा एग्जाम है, 2 घंटे से बिजली नहीं है, मैं टॉर्च की रोशनी में पढ़ रहा हूँ। कृपया कुछ करो।”
AAP बनाम बीजेपी शासन !
AAP शासन (2015-2025): AAP का दावा है कि उन्होंने बिजली व्यवस्था को दुरुस्त किया, 24×7 बिजली दी, और 8500 मेगावाट की पीक डिमांड को भी संभाला।
बीजेपी शासन (2025 से): बीजेपी ने सस्ती बिजली और मुफ्त यूनिट्स के वादे किए, लेकिन कटौती की शिकायतें बढ़ीं। PPAC में कमी के बावजूद, आपूर्ति प्रबंधन में कमियां सामने आईं।
सीएम गुप्ता को आप नेता का जवाब !
दिल्ली की पूर्व मुख़्यमंत्री और आप नेता आतिशी सिंह ने वीडियो शेयर कर सोशल मीडिया पोस्ट एक्स पर लिखा “अभिषेक जी: मोदी समर्थक होते हुए भी आप झूठ बोल रहे हैं। यह ठीक नहीं है। माननीय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी ने बताया है कि बिजली कतई नहीं गई है। आपने कैंडल लाइट लंच के लिए ख़ुद लाइट ऑफ करी है।”
अभिषेक जी: मोदी समर्थक होते हुए भी आप झूठ बोल रहे हैं। यह ठीक नहीं है। माननीय मुख्यमंत्री @gupta_rekha जी ने बताया है कि बिजली कतई नहीं गई है। आपने कैंडल लाइट लंच के लिए ख़ुद लाइट ऑफ करी है 🕯️ https://t.co/QM7wghMAa5 pic.twitter.com/oSdMKmUCNA
— Atishi (@AtishiAAP) April 20, 2025
बिजली बिल कम होने की उम्मीद ?
दिल्ली सरकार ने PPAC में कमी की, जिससे मार्च 2025 से बिजली बिल कम होने की उम्मीद है। साथ ही, नियोजित रखरखाव कार्यों को तेज करने का दावा किया गया। DERC की भूमिका: दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (DERC) सिस्टम की मॉनिटरिंग कर रहा है और शिकायतों के निवारण के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। लोग तत्काल समाधान और नियमित बिजली आपूर्ति की मांग कर रहे हैं।
बिजली कटौती का मुद्दा तकनीकी चुनौतियाँ ?
दिल्ली में बिजली कटौती का मुद्दा तकनीकी चुनौतियों, बढ़ती मांग, और राजनीतिक दावों-प्रतिदावों का मिश्रण है। AAP इसे बीजेपी की नाकामी के रूप में पेश कर रही है, जबकि बीजेपी इसे नियोजित या अस्थायी समस्या बता रही है। सच्चाई यह है कि गर्मी के कारण मांग बढ़ी है, और आपूर्ति प्रबंधन में सुधार की जरूरत है। बीजेपी के लिए यह एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि सस्ती और मुफ्त बिजली के वादे को पूरा करने के साथ-साथ 24×7 आपूर्ति सुनिश्चित करना होगा।
हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करें!
यदि आप दिल्ली में बिजली कटौती की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो संबंधित वितरण कंपनी (BRPL, BYPL, TPDDL) के हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज करें। साथ ही, DERC की वेबसाइट पर भी अपनी शिकायत दर्ज की जा सकती है।