सतीश मुखिया
मथुरा: देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ समाज के अंतिम व्यक्ति के विकास हेतु विभिन्न विकास योजनाओं का संचालन कर रहे हैं और वह चाहते हैं कि देश में आज कोई भी व्यक्ति ऐसा ना बचे, जिसको विकास योजनाओं का लाभ न मिल सके। इसी कड़ी में आज नगर निगम मथुरा वृंदावन के अंतर्गत आने वाले वार्ड संख्या: 12 राधेश्याम कॉलोनी में नगर निगम की टीम द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया। वर्ष 2017 में निगम बनने और 2022 में नगर निगम की सीमा में बढ़ोतरी के बाद ग्राम कोटा को 12 नंबर वार्ड में शामिल कर लिया गया। इस वार्ड से श्रीमती पूजा अहेरिया, पार्षद हैं और यह सीट वर्तमान में एससी वर्ग के लिए आरक्षित है। इस वार्ड में मिश्रित आबादी है और इसके अंदर पॉश कॉलोनी और कच्ची कॉलोनी की भरमार है। कोटा गांव को वर्ष 2022 में इसके अंतर्गत शामिल किया गया है ।इस गांव में मूलभूत समस्याओं की भरमार है। जिसमें नालियों, बिजली, सड़क ,पानी मुख्य रूप से शामिल हैं।

आज श्री अनिल कुमार त्यागी, सहायक नगर आयुक्त, नगर निगम मथुरा वृंदावन के नेतृत्व में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या: 19 से कोटा गांव को जाने वाली मुख्य सड़क जिसकी लंबाई 700 मीटर से 800 मीटर के आसपास है। यह सड़क टूटी-फूटी हुई है जिस कारण इस पर आवागमन के दौरान आम जनता को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस सड़क के दोनों ओर आबादी बसी हुई है। जिसमें एक तरफ बघेल समाज और जाटव समाज के परिवार रहते हैं वहीं दूसरी तरफ उनके सामने ब्राह्मण समाज व अन्य समाज के परिवार जन निवास करते हैं। इन लोगों ने अपने घरों के बाहर 7 से 8 फीट लंबे चौड़े चबूतरो, सीवर टैंको आदि का निर्माण कर रखा है जिससे जनमानस को आवागमन के दौरान विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए इस मुख्य सड़क की दोनों और नालियों का निर्माण करने का ठेका नगर निगम ने उठा दिया है। इस अतिक्रमण को हटवाने के लिए आज निगम की टीम कोटा गांव पहुंची और उन्होंने इस अतिक्रमण को हटवाने की शुरुआत की, जिस कारण गांव में वाद-विवाद उत्पन्न हो गया और पक्ष विपक्ष एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे जिस कारण पूरे दिन गांव में अफवाहों का बाजार गर्म रहा।

इस दौरान कुछ युवाओं ने हंगामा करने की कोशिश की जिनको एनफोर्समेंट टास्क फोर्स द्वारा पकड़ के अपनी गाड़ी में बैठा लिया गया। जब उनके परिवार को पता लगा तो वह हल्ला करने लगी और महिलाओं ने कहा कि आप हमारे बच्चों को छोड़ दो, कुछ लोग अपने घरों के आगे से अतिक्रमण हटवाने के लिए राजी हो गए, वहीं कुछ लोग इस दौरान निगम अधिकारियों से वाद विवाद करने लगे।
इस अभियान में नगर निगम द्वारा नापतोल व सीमांकन के लिए श्री रास बिहारी उपाध्याय, राजस्व अधिकारी, राजस्व विभाग अपनी टीम के साथ मौके पर रोज मौजूद रहे। उन्होंने कहां कि हम लोग तो यही चाहते हैं कि यह लोग हम लोगों का सहयोग करें, जिससे कि इनको नुकसान ना हो, अगर यह सहयोग नहीं करेंगे तब इनको भारी मात्रा में नुकसान होगा। यह अभियान आज पूरे दिन गांव कोटा में चलाया गया, बार-बार विवाद होने के कारण कई बार यह अभियान बीच में रुक गया और अंत में राजस्व विभाग की टीम द्वारा श्री अनिल कुमार त्यागी, प्रभारी अतिक्रमण को फोन करके मौके पर बुलाया गया। उन्होंने जाकर आम जनता को समझाया कि आप सरकारी जमीन पर किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं कर सकते और ना ही कोई स्थाई या अस्थाई निर्माण कर सकते हैं। आप कोई भी ऐसा काम ना करें जिससे कानून व्यवस्था भंग हो, अगर आप हम लोगों को परेशान करेंगे तो मुझे मजबूरन कानून कार्रवाई करनी पड़ेगी जिससे आप लोगों को परेशानी होगी।

इस दौरान पूरे दिन जगह-जगह बैठकों का दौर चलता रहा। महिलाएं और बच्चे जगह /जगह जमघट लगाकर कार्यवाही को देखते रहे और बतकही कहीं करते रहे। इस दौरान समाज के लोग एक दूसरे पर आरोप और लांछन लगाते रहैं कि आपने सरकारी जमीन पर कब्जा किया है जिस कारण कई बार विवाद की स्थिति उत्पन्न हुई और शांति भंग होने का खतरा पैदा हुआ। इस मुद्दे पर श्री बृजेश अहेरिया पार्षद प्रतिनिधि से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम लोग क्षेत्र में विकास करना चाहते हैं लेकिन जनता विकास नहीं होना देना चाहती है, आप देख ही रहे हैं कि लोग इस गंदगी में रहना चाहते हैं लेकिन जब सरकार उनके लिए कुछ कर रही है तो यह काम नहीं करने दे रहे हैं। जब गांव के कुछ लोगों से इस मुद्दे पर बात करने की कोशिश की तो उन्होंने दबी जबान में बताया कि सरकार गरीब लोगों को दबा रही है और यह एक पक्षी है कार्यवाही कर रही है, निगम द्वारा ना तो कोई हम लोगों को नोटिस दिया गया है, ना ही कोई सूचना दी गई है यह अचानक से आ गए हैं और अतिक्रमण हटा रहे हैं जिससे हम लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस पूरे अभियान के दौरान नगर निगम के प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी भीषण गर्मी में मौके पर मौजूद रहे। इन लोगों ने जहां जगह मिली वहीं बैठकर अपने आप को धूप से बचाया और गांव के युवा वर्ग ने इन लोगों को पानी पिलाकर पूरे दिन इन लोगों की अभियान में मदद की। इसी बीच पूरे प्रदेश में 24 घंटे बिजली देने का वादा करने वाली बिजली कंपनी गारंटी पर फेल साबित हुई।
गांव वालों ने बताया कि इस गांव में पिछले 24 घंटे से बिजली नहीं है। इस दौरान कुछ कर्मचारियों ने बताया कि हम लोगों को तो नौकरी करनी है चाहे धूप हो, गर्मी हो या बरसात अब तो हम यह अभियान पूरा कर कर ही जाएंगे चाहे हमको रात हो जाए। इसी बीच किसी कर्मचारी ने मजाकिया लहजे में कहा कि हम नगर निगम से सिर्फ इतना कहना चाहेंगे कि अगर यह अभियान रात को भी चलता है तो कम से कम भोजन न सही हल्के-फुल्के नाश्ता की व्यवस्था तो कर ही दें। इस अभियान के दौरान एनफोर्समेंट टास्क फोर्स के प्रभारी और अन्य साथी जिसमें श्री धर्मवीर सिंह ,श्री गुलबीर सिंह,श्री मुनि देव, JE सिविल, नगर निगम व महिला कर्मचारी अन्य साथी शामिल रहे।
गांव शहर में बदला लेकिन रहन-सहन और व्यवहार नहीं…
वर्ष 20 22 में गांव कोटा के राधेश्याम कॉलोनी नगर निगम सीमा में शामिल होने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि इस गांव के लोगों के जीवन स्तर में कुछ बदलाव आएगा लेकिन यहां के लोग अपने जीवन स्तर में बदलाव करने को तैयार नहीं लगते हैं। उनके लिए तो यह आज भी एक गांव ही है। इस अभियान के तहत बात करते हुए कुछ अधिकारियों ने कहा कि जब गांव शहर की सीमा में शामिल हो गया है तो कम से कम इन लोगों को अपने व्यवहार में कुछ परिवर्तन तो अवश्य करना चाहिए जिससे कि इनको समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा लेकिन यह आज भी यह उसी पुराने ढर्रे पर जीवन यापन करने को मजबूर हैं उनके लिए तो आज भी यह गिरारा है और यह इस गिरारे में ही मस्त है!