प्रकाश मेहरा
एक्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली। राहुल गांधी ने 7 जून 2025 को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में धांधली (मैच फिक्सिंग) का आरोप लगाते हुए एक लेख और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सनसनीखेज दावे किए, जिसके बाद सियासी बवाल मच गया। उनके बयान ने विपक्षी और सत्तापक्षी नेताओं के बीच तीखी बहस छेड़ दी।
राहुल गांधी ने क्या कहा ?
राहुल गांधी ने अपने लेख (कुछ रिपोर्ट्स) में दावा किया कि 2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव “लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट” था। उन्होंने इसे “चुनाव की चोरी” करार देते हुए पांच चरणों में धांधली की रणनीति को बताया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 2023 में चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित कानून बदलकर चयन समिति से मुख्य न्यायाधीश को हटाया और अपनी पसंद के लोगों को नियुक्त किया।
उन्होंने दावा किया कि “महाराष्ट्र में 2019 के विधानसभा चुनाव में 8.98 करोड़ मतदाता थे, जो मई 2024 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 9.29 करोड़ हुए। लेकिन नवंबर 2024 के विधानसभा चुनाव तक यह संख्या 9.70 करोड़ हो गई, यानी पांच महीनों में 41 लाख मतदाताओं की असामान्य वृद्धि हुई। उन्होंने इसे संदिग्ध बताया, क्योंकि महाराष्ट्र की वयस्क आबादी सरकारी आंकड़ों के अनुसार 9.54 करोड़ है।
चुनाव की चोरी का पूरा खेल!
2024 का महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट था।
अपने आर्टिकल में मैंने विस्तार से बताया है कि कैसे यह साज़िश step by step रची गई:
Step 1: चुनाव आयोग की नियुक्ति करने वाले पैनल पर कब्ज़ा
Step 2: वोटर लिस्ट में फर्ज़ी मतदाता… pic.twitter.com/S4XV5W3DpU
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 7, 2025
धांधली से लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर !
राहुल ने कहा कि मतदान के दिन शाम 5 बजे तक मतदान प्रतिशत 58.22% था, लेकिन अगली सुबह यह बढ़कर 66.05% हो गया, जो असामान्य है। आरोप लगाया कि जहां बीजेपी को जिताना था, वहां फर्जी मतदान कराया गया। राहुल ने मांग की कि मतदाता सूची और सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक किए जाएं, क्योंकि ये लोकतंत्र को मजबूत करने के औजार हैं।
राहुल ने यह भी दावा किया कि यह “मैच फिक्सिंग” अब बिहार विधानसभा चुनाव में दोहराई जाएगी और जहां-जहां बीजेपी हार रही होगी, वहां यही रणनीति अपनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि धांधली से लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर होती हैं और जनता का भरोसा टूटता है।
किसने क्या कहा ?
राहुल के बयानों पर सत्तापक्ष (बीजेपी और सहयोगी) और विपक्षी नेताओं की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस फडणवीस ने राहुल पर तीखा हमला बोला और कहा “कि राहुल ने बिहार में अपनी हार स्वीकार कर ली है। उन्होंने कहा, “जब तक राहुल गांधी तथ्यों को नहीं समझेंगे और खुद से झूठ बोलना बंद नहीं करेंगे, उनकी पार्टी जीत नहीं सकती।” फडणवीस ने राहुल पर मतदाताओं का अपमान करने का भी आरोप लगाया।
बिहार में राहुल गांधी ने मान ली अपनी हार!
राहुल गांधी जब तक अपने आपको झूठा दिलासा देंगे, तब तक उनकी पार्टी कभी जीत नहीं सकती है। ऐसी बेसिर-पैर बातें करके राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के मतदाताओं का अपमान किया है, इसके लिए मैं उनका निषेध करता हूँ।
(नागपुर | 7-6-2025)@RahulGandhi… pic.twitter.com/4LcZtHW7I4
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) June 7, 2025
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल के लेख को उनकी हताशा और बार-बार चुनाव हारने का परिणाम बताया। उन्होंने X पर लिखा, “राहुल का नया लेख उनकी उदासी और फर्जी नैरेटिव गढ़ने का खाका है।”
Rahul Gandhi’s latest article is a blueprint for manufacturing fake narratives, owing to his sadness and desperation of losing election after election.
Read how Rahul Gandhi lied about Maharashtra:⁰https://t.co/xJjwLFdf6V
Here’s how he does it, step by step:
Step 1:…
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) June 7, 2025
बीजेपी नेता डॉ निशिकांत दूबे ने कहा कि “राहुल बाबा इलेक्शन फ़िक्स या कैसे चुराया जाता है,अपने दादी इंदिरा गांधी जी का कारनामा पढ़िए जो इलाहाबाद हाईकोर्ट का जजमेंट है।
राहुल बाबा इलेक्शन फ़िक्स या कैसे चुराया जाता है,अपने दादी इंदिरा गांधी जी का कारनामा पढ़िए जो इलाहाबाद हाईकोर्ट का जजमेंट है
1. 1971 के चुनाव में सेना तथा उसके हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल हुआ
2. प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी के चुनाव में शराब,कपड़ा खुले आम बाँटे गए
3. हिंदू धर्म के… https://t.co/v4lzzx0lW5 pic.twitter.com/lAhzjz7At2— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) June 7, 2025
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने राहुल पर मतदाताओं के मन में भ्रम और संदेह फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “जब कांग्रेस जीतती है, जैसे तेलंगाना या कर्नाटक में, तब व्यवस्था निष्पक्ष होती है, लेकिन हारने पर हरियाणा और महाराष्ट्र में साजिश की कहानियां शुरू हो जाती हैं।”
It is not that Rahul Gandhi doesn’t understand how the electoral process works. He does — very well.
But his goal is not clarity, it is chaos. His repeated attempts to sow seeds of doubt and dissension in the minds of voters about our institutional processes are deliberate.… https://t.co/3rjRv0vlXo pic.twitter.com/gJVguW3huZ
— Amit Malviya (@amitmalviya) June 7, 2025
विपक्ष ने दी प्रतिक्रिया ?
संजय राउत (शिवसेना-UBT) ने राहुल के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि “महाराष्ट्र का चुनाव “हाइजैक” किया गया था। उन्होंने दावा किया कि बीजेपी और पीएम मोदी ने मिलकर बोगस वोटरों के जरिए चुनाव चुराया, क्योंकि अगर महाविकास अघाड़ी (MVA) की सरकार बनी होती, तो अडानी के प्रोजेक्ट रद्द हो जाते।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने X पर पोस्ट कर राहुल के दावों का समर्थन किया और कहा कि महाराष्ट्र चुनाव में धांधली को राहुल ने तर्कसंगत और स्पष्ट तरीके से समझाया है। यह “हम भारत के लोग” के लिए एक गंभीर चेतावनी है।
हाल ही में सम्पन्न हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव किस तरह फिक्स कर चुराए गए – इसे राहुल गांधी जी ने बेहद स्पष्ट और तर्कसंगत तरीके से समझाया है। यह 'हम भारत के लोग' के लिए एक गंभीर चेतावनी है। pic.twitter.com/VSG7cNwWTq
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 7, 2025
कांग्रेस (INC) आधिकारिक X हैंडल पर राहुल के लेख को साझा करते हुए कहा कि धांधली लोकतंत्र के लिए जहर है और महाराष्ट्र चुनाव इसका ब्लूप्रिंट था।
चुनाव में धांधली ‘मैच फिक्सिंग’ की तरह होती है और यह लोकतंत्र के लिए ज़हर के समान है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र में धांधली करने का एक ‘ब्लूप्रिंट’ था, जिसके मतदान संबंधी आंकड़े और नतीजे इसे बयां भी करते हैं।
नेता विपक्ष श्री @RahulGandhi ने अपने लेख में ‘चुनाव में… pic.twitter.com/gNy0tXukNr
— Congress (@INCIndia) June 7, 2025
चुनाव आयोग का जवाब !
चुनाव आयोग ने राहुल के आरोपों को “बेतुका” और “तथ्यहीन” बताते हुए खारिज किया। ECI ने कहा “मतदाता सूचियां जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के अनुसार तैयार की जाती हैं। हर साल या चुनाव से पहले सूचियों का संशोधन होता है और सभी पार्टियों, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, को अंतिम सूची दी जाती है।
राहुल के आरोप न केवल कानून का अपमान हैं, बल्कि यह राजनीतिक दलों के हजारों प्रतिनिधियों और लाखों चुनाव कर्मचारियों की मेहनत और पारदर्शिता पर सवाल उठाते हैं।
ECI ने 24 दिसंबर 2024 को कांग्रेस को इस मुद्दे पर जवाब दिया था, जो उनकी वेबसाइट पर उपलब्ध है, लेकिन राहुल बार-बार तथ्यों को नजरअंदाज कर रहे हैं।
पूरा मामला क्या है ?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजों में बीजेपी-महायुति गठबंधन ने शानदार जीत हासिल की, जबकि विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) को करारी हार का सामना करना पड़ा। राहुल गांधी ने पहले भी 3 फरवरी 2025 को संसद और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस में गड़बड़ी की बात उठाई थी। इसके बाद 7 जून 2025 को उनके लेख और X पोस्ट ने इस मुद्दे को फिर से गरमा दिया।
राहुल के आरोपों का आधार
- राहुल ने अपने दावों के लिए कुछ बिंदुओं को आधार बनाया।
- मतदाता सूची में असामान्य वृद्धि पांच महीनों में 41 लाख मतदाताओं की वृद्धि, जो वयस्क आबादी (9.54 करोड़) से ज्यादा (9.70 करोड़) थी।
- मतदान प्रतिशत में विसंगति: मतदान के बाद आंकड़ों में अचानक 7.83% की बढ़ोतरी।
- संस्थागत दुरुपयोग: चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर सवाल, क्योंकि चयन समिति में मुख्य न्यायाधीश की जगह कैबिनेट मंत्री को शामिल किया गया।
- संदिग्ध नतीजे: 118 सीटों पर नए वोटर जोड़े गए, जिनमें से 102 पर बीजेपी जीती।
How to steal an election?
Maharashtra assembly elections in 2024 were a blueprint for rigging democracy.
My article shows how this happened, step by step:
Step 1: Rig the panel for appointing the Election Commission
Step 2: Add fake voters to the roll
Step 3: Inflate voter… pic.twitter.com/ntCwtPVXTu— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 7, 2025
राहुल के बयान से सियासी हंगामा
बीजेपी नेताओं ने राहुल के दावों को उनकी हताशा और हार का बहाना बताया। उनका कहना है कि राहुल बार-बार EVM या मतदाता सूची जैसे मुद्दों को उठाकर लोकतांत्रिक संस्थाओं को बदनाम करते हैं। MVA के नेताओं, खासकर शिवसेना (UBT) ने राहुल के दावों का समर्थन किया और कहा कि बीजेपी ने बोगस वोटरों के जरिए चुनाव हाइजैक किया। ECI ने राहुल के आरोपों को कर्मचारियों का मनोबल तोड़ने वाला और कानून का अपमान बताया।
पहले भी हुआ विवाद
राहुल ने पहले भी महाराष्ट्र चुनाव पर सवाल उठाए थे। अप्रैल 2025 में बोस्टन (अमेरिका) में उन्होंने दावा किया था कि महाराष्ट्र में वयस्क आबादी से ज्यादा मतदान हुआ, जिसके बाद बीजेपी ने उन पर देश को बदनाम करने का आरोप लगाया था। इसके अलावा, 2024 में एक जनसभा में राहुल ने लोकसभा चुनाव को “फिक्स्ड मैच” बताया था, जिस पर बीजेपी ने चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज की थी।
राहुल गांधी ने मतदाता सूची और सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक करने की मांग की है ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो। बीजेपी और ECI ने उनके आरोपों को खारिज कर दिया है, जबकि विपक्षी दल उनके समर्थन में हैं। यह विवाद बिहार विधानसभा चुनाव से पहले और गहरा सकता है, क्योंकि राहुल ने दावा किया है कि बीजेपी वहां भी यही रणनीति अपनाएगी।
लोकतंत्र और प्रक्रिया की पारदर्शिता !
राहुल गांधी के “मैच फिक्सिंग” वाले बयान ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उनके आरोपों में मतदाता सूची में हेरफेर, मतदान प्रतिशत में विसंगति, और संस्थागत दुरुपयोग जैसे बिंदु शामिल हैं। बीजेपी और ECI ने इन दावों को तथ्यहीन और हताशा से प्रेरित बताया, जबकि MVA ने इसका समर्थन किया। यह मामला लोकतंत्र और प्रक्रिया की पारदर्शिता पर एक बड़ी बहस का हिस्सा बन गया है।