प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: बिहार में महागठबंधन (इंडिया ब्लॉक) ने चुनाव आयोग (EC) के विशेष गहन मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) और नए श्रम संहिता के खिलाफ व्यापक “चक्का जाम” और “बिहार बंद” का आयोजन किया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने किया।
महागठबंधन के विरोध का कारण
महागठबंधन ने आरोप लगाया कि EC का SIR अभियान गरीबों, दलितों, महादलितों और प्रवासियों के मताधिकार को छीनने की साजिश है। उनका दावा है कि यह प्रक्रिया आगामी बिहार विधानसभा चुनाव (2025) में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए NDA सरकार के इशारे पर शुरू की गई है।
तेजस्वी यादव ने कहा कि “EC ने मतदाता सत्यापन के लिए 11 दस्तावेजों की मांग की है, जो बिहार के गरीब लोगों के पास आमतौर पर नहीं होते, जैसे आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड या राशन कार्ड। इससे लाखों मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा सकते हैं।”
राहुल गांधी ने इसे “महाराष्ट्र चुनाव की तरह बिहार में भी वोट चोरी” की कोशिश करार दिया।
महाराष्ट्र में जनादेश छीना, अब बिहार में मताधिकार – तरीका नया, साज़िश पुरानी।
हम इन संविधान-विरोधी ताक़तों को बेनक़ाब करते रहेंगे – जनता और युवाओं के साथ मिलकर मुंहतोड़ जवाब देंगे। pic.twitter.com/tE1XD7VUPy
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 9, 2025
प्रदर्शन का स्वरूप…पटना में मार्च
राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने पटना में इनकम टैक्स गोलंबर से चुनाव आयोग कार्यालय तक मार्च का नेतृत्व किया। इस दौरान वे ट्रक पर सवार होकर गए, लेकिन EC कार्यालय के पास बैरिकेडिंग के कारण उनका काफिला रोका गया।
हाजीपुर में RJD कार्यकर्ताओं ने महात्मा गांधी सेतु को अवरुद्ध किया। जहानाबाद में RJD की छात्र शाखा ने रेलवे ट्रैक जाम कर ट्रेन सेवाओं को बाधित किया। अरवल, दरभंगा, पूर्णिया, कटिहार, और मुजफ्फरपुर में टायर जलाकर सड़कों को अवरुद्ध किया गया। सचीवालाय हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ट्रैक जाम किया।
गरीबों, बहुजनों और अल्पसंख्यकों के मताधिकार पर हमला पूरे संविधान पर हमला है!
पक्षपातपूर्ण मतदाता पुनरीक्षण के नाम पर भाजपा और संघ का बहुजन विरोधी एजेंडा स्वीकार नहीं!बिहार में चक्का जाम का संदेश देश के कोने कोने में जा रहा है!@yadavtejashwi pic.twitter.com/oi0LVaENZu
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) July 9, 2025
नारेबाजी और प्रदर्शन !
प्रदर्शनकारियों ने “वोट बंदी नहीं चलेगी” और “गरीब विरोधी सरकार मुस्ती हो” जैसे नारे लगाए। मार्च में CPI के डी. राजा, CPI(ML) लिबरेशन के दीपंकर भट्टाचार्य, बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, और स्वतंत्र सांसद पप्पू यादव शामिल थे। विरोध को इमारत-ए-शरिया, जमीयत उलेमा-ए-हिंद और मुस्लिम मजलिस-ए-मशावरत जैसे संगठनों का समर्थन प्राप्त था।
शंखनाद हो गया
जनता सड़क पर उतर गईवोटबंदी की सरकार
उखाड़ फेंकेगा बिहार
राहुल गांधी जी हम बिहारी हैं तैयार pic.twitter.com/ZK9Nw8klCT— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) July 9, 2025
विपक्ष का आरोप और EC का जवाब
महागठबंधन ने SIR को “असंवैधानिक” और “वोटरों को दबाने” का प्रयास बताया। कांग्रेस और अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसकी सुनवाई 10 जुलाई को होनी थी। EC ने कहा कि “SIR का उद्देश्य मतदाता सूची को पारदर्शी बनाना और केवल पात्र मतदाताओं को शामिल करना है।
❌इस पोस्ट में किए गए दावे भ्रामक हैं।
✔️ *DM ने जो कहा है, वह SIR में निहित है. गौर से SIR के चार स्तंभ पढ़ें 👇:*। @ECISVEEP https://t.co/a0T2K8facW pic.twitter.com/rQwZBtWgpk
— Chief Electoral Officer, Bihar (@CEOBihar) July 9, 2025
BJP ने इसे सामान्य प्रक्रिया बताया और महागठबंधन पर “हंगामा” करने का आरोप लगाया। BJP सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह विरोध “बिहार में शांति भंग” कर रहा है।
सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ, हालांकि आपातकालीन सेवाओं जैसे एंबुलेंस और स्कूल बसों को छूट दी गई। यह विरोध भारत बंद के साथ समन्वित था, जिसमें 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने न्यूनतम मजदूरी और श्रम संहिता के खिलाफ प्रदर्शन किया।
लोकतंत्र, मताधिकार और चुनाव आम जनता के लिए हैं!
चुनाव आयोग में बैठे सत्ता के समक्ष नतमस्तक अधिकारियों, पर्दे के पीछे से देश पर शासन कर रही "बहुजन एवं गरीब विरोधी" संघ और केंद्र व बिहार की सत्ता में बैठी भाजपा नीतीश के लिए नहीं!@yadavtejashwi pic.twitter.com/yxZu8ANN9P
— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) July 9, 2025
बिहार में चक्का जाम और बंद ने पूरे राज्य में व्यापक प्रभाव डाला, जिसमें सड़कों और रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध किया गया। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन ने EC के SIR को गरीबों और वंचितों के खिलाफ साजिश बताया, जबकि BJP ने इसे सामान्य प्रक्रिया करार दिया। यह प्रदर्शन बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक तनाव को दर्शाता है।