Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राष्ट्रीय

एक ही मुर्गी बार-बार कई जगह हलाल!

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
May 23, 2023
in राष्ट्रीय, विशेष
A A
income tex
22
SHARES
741
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

हरिशंकर व्यास


सरकार से जब भी टैक्स बढऩे या ज्यादा से ज्यादा वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स लगाने के बारे में पूछा जाता है तो उसका एक सपाट जवाब होता है कि वह टैक्स के पैसे का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए कर रही है। कैसे? जवाब है सरकार टैक्स के पैसे से बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है। फिर सोशल मीडिया में देश की जनता को धिक्कारते हुए ये पोस्ट वायरल कराए जाते है कि देश के लोग चाहते हैं कि ट्रेन दुर्घटना नहीं हो लेकिन ट्रेन का किराया बढ़ाया जाना कबूल नहीं है। लोग चाहते हैं कि सडक़ें अच्छी बनें पर उसके लिए पैसा चुकाने को तैयार नहीं हैं। मोदी सरकार में इस तरह के पोस्ट का क्यों भरमार है? क्योंकि इससे सरकार की वसूली सही ठहरती है तो मुफ्तखोरी का आरोप लगा कर जनता को चुप करा दिया जाता है। असलियत बिल्कुल अलग है।

इन्हें भी पढ़े

Sheikh Hasina

शेख हसीना ने तोड़ी चुप्पी, बोली- आतंकी हमला US ने रचा, PAK ने अंजाम दिया

November 2, 2025
amit shah

अमित शाह ने बताया- भारत में क्यों नहीं हो सकता Gen-Z प्रदर्शन!

November 2, 2025
Gold

तीन महीने में भारतीयों ने कितना सोना खरीदा? ये आंकड़े चौंका देंगे

November 2, 2025
adi kailash

22KM कम हो जाएगी आदि कैलाश की यात्रा, 1600 करोड़ होंगे खर्च

November 1, 2025
Load More

गौर कर इस मिसाल पर। सरकार कहती है कि वह टैक्स के पैसे सडक़ बनवा रही है। लेकिन उसी सडक़ पर चलने के लिए आम नागरिक को चार बार अलग अलग तरह से पैसे देने होते हैं। गाड़ी की कीमत पर लगने वाले भारी भरकम टैक्स को छोड़ दें तब भी गाड़ी खरीदने के बाद रजिस्ट्रेशन के समय रोड टैक्स जमा कराया जाता है। उसके बाद पेट्रोल या डीजल की कीमत पर 50 फीसदी से ज्यादा टैक्स चुकाना होता है। इस टैक्स के बाद लोगों को पेट्रोल और डीजल पर प्रति लीटर के हिसाब से रोड इंफ्रास्ट्रक्चर का सेस यानी उपकर भी देना होता है। अंत में सडक़ पर भारी भरकम टोल टैक्स चुकाना होता है, जो अक्सर किसी निजी कंपनी को जाता है और उस पर भी सरकार जीएसटी वसूलती है। सोचें, एक मुर्गी को कितनी बार हलाल किया जाता है! असल में आजकल सरकार टैक्स के पैसे से बुनियादी ढांचे का विकास नहीं कर रही है। उसने बुनियादी ढांचे का पीपीपी या हाइब्रिड मॉडल निकाला है, जिसमें सरकार पैसा नहीं देती है, बल्कि निजी कंपनियां बैंकों से कर्ज लेकर बुनियादी ढांचे का विकास करती हैं और उसके इस्तेमाल के लिए जनता से पैसे वसूलती हैं।

यह बात सिर्फ सडक़ परिवहन के मामले में नहींहै, हर जगह देखी जा सकती है। एक एक करके हवाईअड्डे निजी होते जा रहे हैं। उन हवाईअड्डों पर लगने वाला यूजर चार्ज कई गुना बढ़ा दिया गया है। इसी तर्ज पर रेलवे स्टेशनों का भी कथित तौर पर विकास हो रहा है।उन्हें सुंदर बनाया जा रहा है। उसके इस्तेमाल के लिए जनता से अलग पैसे वसूले जा रहे हैं। देश भर के रेलवे स्टेशनों का सौंदर्यीकरण हो रहा है। यह काम निजी कंपनियां अपने पैसे से या बैंकों से लोन लेकर कर रही हैं। कुछ प्रोजेक्ट्स में जरूर सरकार भी पैसे दे रही है, लेकिन ज्यादातर प्रोजेक्ट निजी कंपनियां खुद पूरा कर रही हैं। बदले में लोगों से स्टेशनों के इस्तेमाल के लिए यूजर चार्ज वसूला जाएगा। प्लेटफॉर्म टिकट कई गुना बढ़ गए है। किराए में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है। नई ट्रेनें चलाई जा रही हैं तो उसमें फ्लेक्सी फेयर लागू किया गया है, जिससे ट्रेन का किराया हवाईजहाज के किराए की तरह बढ़ रहा है।

लेकिन लोगों को क्या समझाया जा रहा है? उन्हें अच्छी सुविधा मिल रही है तो कुछ पैसे चुकाने में दिक्कत नहीं होनी चाहिए। सोचें, ये दोनों बातें कैसे हो सकती हैं? एक तरफ जनता के पैसे से अच्छी सुविधा विकसित हो रही है तो दूसरी तरफ उसी सुविधा के इस्तेमाल के लिए जनता से शुल्क वसूली जा रहा है! फिर भले वह अडानी की जेब में जाए या किसी ठेकेदारी की जेब में। जो सुविधा निजी कंपनियां अपने पैसे से विकसित कर रही हैं उसके लिए सरकार उनको दूसरी सुविधाएं दे रही है। स्टेशनों पर रेलवे की जमीन का कारोबारी इस्तेमाल बढ़ रहा है। बावजूद इसके कंपनियां जनता से यूजर चार्ज वसूलती हैं। उस पर सरकार अलग जीएसटी लेती है। इस तरह से यह एक दुष्चक्र बन गया है, जिसमें जनता कदम कदम पर किसी न किसी तरह से सेवा शुल्क चुका रही है। अपनी जेबे खाली कर रही है।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
Sai Jalkumar Masand Sahib

प्रख्यात देशभक्त संत साईं जलकुमार मसंद साहिब जी का दिल्ली में हुआ भव्य सम्मान

March 20, 2025
Opposition unity missing in 2023

इन तीन राज्यों में जाति जनगणना पर फंस रहा है विपक्ष?

October 23, 2023
modi cabinet 2024

50 हजार करोड़ का खर्च कर कई राज्यों को इंफ्रास्ट्रक्चर बूस्ट देगी मोदी सरकार

August 4, 2024
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • विवादों के बीच ‘द ताज स्टोरी’ ने बॉक्स ऑफिस पर कर दिया बड़ा खेल
  • मल्लिकार्जुन खरगे को अमित शाह का जवाब, गिनाया RSS का योगदान
  • दिल्ली सरकार का तोहफा, महिलाओं के लिए ‘पिंक सहेली स्मार्ट कार्ड’ की शुरुआत

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.