बेंगलुरु: पंडित हरिदत्त शर्मा फाउंडेशन ने एस-व्यासा, डीम्ड यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु के सहयोग से “हाइपरटेंशन और इसकी रोकथाम एवं उपचार के लिए समग्र योग चिकित्सा” पर एक तीन दिवसीय निःशुल्क कार्यशाला का सफल आयोजन किया। इस कार्यशाला में 300 से अधिक प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक सक्रिय रूप से भाग लिया।
कार्यक्रम की शोभा विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों ने बढ़ाई, जिनमें केंद्रीय कानून मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, ए.आई.सी.टी.ई. के अध्यक्ष, प्रो. टी.जी. सीताराम, विधायक श्री सतीश उपाध्याय, श्रीमती आरती मेहरा (पूर्व महापौर, दिल्ली), सुप्रसिद्ध हृदय शल्य चिकित्सक एवं फोर्टिस अस्पताल के निदेशक डॉ. राजू व्यास, प्रकाश अस्पताल समूह (नोएडा) के अध्यक्ष डॉ. वी.एस. चौहान, डॉ. कपिल देव, डॉ. रजनीश गुप्ता, डॉ. नरेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार श्री विनोद अग्निहोत्री, डॉ. एस.ए.एस. किर्मानी और प्रसिद्ध हिंदी कवि डॉ. अशोक चक्रधर शामिल थे। इस अवसर पर पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी अर्जुनपुरी जी महाराज भी विशेष रूप से हरिद्वार से पधारे।
इस अवसर पर कानून मंत्री श्री अर्जन राम मेघवाल जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रख्यात पत्रकार और लेखक पंडित हरिदत्त शर्मा जी की स्मृति में गठित यह फाउंडेशन मानवीय एवं सामाजिक सरोकारों से संबंधित कार्यों में संलग्न रहकर “नर सेवा नारायण सेवा” की उक्ति को चरितार्थ कर रही है और प्रकाशमय समाज की अवधारणा में एक मजबूत नींव बनकर अपने को समर्पित किए हुए हैं। ऐसे प्रयासों का कोई आर्थिक समतुल्य नहीं हो सकता किंतु इससे जो आत्मिक शांति प्राप्त होती है वह अमूल्य है। आज समाज में ऐसे प्रयासों को और बलवती बनाए जाने की आवश्यकता है जिससे कि हमारे जीवन की सामूहिकता के उद्देश्य को सार्थकता प्रदान की जा सके।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण पद्मश्री डॉ. एच.आर. नागेंद्र (प्रधानमंत्री मोदीजी के योग सलाहकार, प्रसिद्ध योग गुरु और एस-व्यासा यूनिवर्सिटी के कुलपति) का ज्ञानवर्धक सत्र रहा, जिसमें उन्होंने ‘अन्न’ (भोजन) और ‘मन’ (मस्तिष्क) के गहरे संबंध पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि उचित आहार और संतुलित मन हाइपरटेंशन और संपूर्ण स्वास्थ्य प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
डॉ. नागेंद्र ने प्राणायाम की विभिन्न तकनीकों का प्रदर्शन किया और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित एवं रोकने में इसकी वैज्ञानिक और चिकित्सीय महत्ता पर बल दिया। इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को हाइपरटेंशन की समग्र समझ प्रदान करना था, जिसमें पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक चिकित्सा के दृष्टिकोण को एकीकृत किया गया। जिससे एक स्वस्थ और तनावमुक्त जीवन जीने की दिशा में प्रेरणा मिली।