प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
गाजियाबाद: शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर व श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी जी महाराज ने हरमिलाप मंदिर शिवपुरी में सनातन धर्म की रक्षा,सभी हिन्दुओं के परिवारों की रक्षा,सनातन धर्म के शत्रुओं के समूल विनाश और भक्तगणों की सात्विक मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु किए जा रहे मां बगलामुखी महायज्ञ के दूसरे दिन श्रीमद्भगदगीता के आधार पर प्रवचन करते हुए कहा कि सनातन धर्म की मूल मान्यताओं के अनुसार जो समाज या व्यक्ति अपनी मां, बहन, बेटी, पत्नी सहित नारियों के सम्मान की रक्षा नहीं कर सकता, उसे जीवित रहने का कोई अधिकार नहीं होता।
इसका सबसे बड़ा प्रमाण महाभारत का युद्ध है जो एक नारी महारानी द्रौपदी के अपमान के प्रतिशोध के लिए योगेश्वर श्रीकृष्ण द्वारा रचाया गया था। हस्तिनापुर की राजसभा में जितने भी गणमान्य बैठ कर द्रौपदी का अपमान देख रहे थे,उन सभी को योगेश्वर ने मिटने के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया था।ऐसा नहीं है कि द्रौपदी के अपमान का दंड केवल कौरवों को मिला।
बीमारियों का उपचार केवल श्रीमद्भगवद्गीता
इसका दंड पांडवों को भी भुगतना पड़ा।योगेश्वर श्रीकृष्ण ने पांडवों को भी उनकी कायरता का इतना कठिन दंड दिया था कि उनके परिवार में उन पांच भाइयों के अतिरिक्त केवल एक बच्चा जीवित बचा था जो महाभारत के समय अभिमन्यु की पत्नी के गर्भ में था। यूं तो अश्वत्थामा ने ब्रह्मास्त्र चलाकर इस शिशु की भी हत्या कर दी परंतु योगेश्वर श्रीकृष्ण ने इस शिशु को जीवनदान दिया। योगेश्वर श्रीकृष्ण ने अपनी इस लीला से सिद्ध किया कि जो भी व्यक्ति, परिवार या समाज अपनी नारियों के सम्मान की रक्षा नहीं कर सकता, उसको जीवित रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि लव जिहाद जैसी घातक बीमारियों का उपचार केवल श्रीमद्भगवद्गीता के आधार पर ही किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त कोई उपचार नहीं है।
उन्होंने हिन्दुओं के घटते हुए जनसंख्या अनुपात और छोटे होते परिवारों को वर्तमान समय की हिन्दुओं की सबसे बड़ी समस्या बताते हुए समस्त हिन्दू समाज से अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने का आह्वान करते हुए कहा कि अगर हमें अपने परिवार,अपनी नारियों सहित अपना अस्तित्व बचाना है तो हिन्दुओं को अधिक से अधिक बच्चे पैदा करने पड़ेंगे।
जनसंख्या बढ़ाने का लक्ष्य
अगर हिन्दुओं ने ऐसा नहीं किया तो कोई भगवान अवतार लेकर हिन्दुओं को बचा नहीं पाएंगे। अतः अब हिन्दुओं को अपनी जनसंख्या बढ़ाने का लक्ष्य रखना चाहिए।इसके लिए सनातन धर्मियों का धनी समाज विशेष रूप से योजना बनाए और संपूर्ण समाज को इसके लिए प्रेरित करे। महायज्ञ में उनके साथ उनके शिष्य यति अभयानंद जी व यति धर्मानंद जी भी थे। महायज्ञ के पुरोहित पंडित सनोज शास्त्री जी हैं।
महायज्ञ के यजमान नरेश गर्ग, पंकज गर्ग थे। दिनेश सिंघल,दीपक अग्रवाल अमर उजाला, नागेश त्यागी, विपुल मित्तल, राजीव गर्ग सुरेश केडिया, सुधीर गुप्ता, अनुज गुप्ता, मयंक सहित अनेक भक्तगणों ने महायज्ञ में आहुति समर्पित की।