मुरार सिंह कंडारी
मुंबई : केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के नागरिकों का जीवन सुलभ और सम्मानजनक बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं के माध्यम से इस वर्ग के नागरिकों को पक्के घर प्रदान किए जा रहे हैं। इस वर्ष केंद्र सरकार ने राज्य को 30 लाख घर उपलब्ध कराए हैं, जिससे कोई भी व्यक्ति बेघर नहीं रहेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में अनुसूचित जाति और जनजाति के पंजीकृत हर परिवार को इस वर्ष प्राथमिकता के आधार पर घर दिया जाएगा, ऐसा वक्तव्य मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने किया।
सामाजिक न्याय और विशेष सहायता विभाग द्वारा आयोजित वर्ष 2023-24 के पुरस्कार वितरण समारोह में यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बोल रहे थे।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट, मृदा एवं जलसंवर्धन मंत्री संजय राठोड, मंत्री भरत गोगावले, विधायक संतोष बांगर एवं अन्य मान्यवर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा निर्मित भारतीय संविधान विश्व का सर्वश्रेष्ठ संविधान है। इसमें मानवता, समानता, बंधुत्व और समान अवसर की भावना है। संविधान के अमृत महोत्सव वर्ष के उपलक्ष्य में राज्य में ‘घर-घर संविधान’ यह अभियान चलाया जा रहा है, जिससे संविधान की उद्देशिका प्रत्येक नागरिक तक पहुँचाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि महान व्यक्तियों के विचार समाज के हर वर्ग तक पहुँचाने का कार्य सरकार निरंतर कर रही है। जो व्यक्ति समाज के भले के लिए नि:स्वार्थ भावना से कार्य करते हैं, उनके साथ सरकार हमेशा खड़ी रहती है। अनुसूचित जाति और जनजातियों के लिए राज्य में विभिन्न योजनाएं प्रभावी रूप से लागू की जा रही हैं, जिनमें छात्रवृत्ति योजना, आश्रमशालाएं, स्पर्धा परीक्षा प्रशिक्षण, विदेश शिक्षा के लिए सहायता, और महामंडलों के माध्यम से रोजगारोन्मुख योजनाएं शामिल हैं।
प्रधानमंत्री आवास योजना, पीएम किसान योजना, पीएम फसल बीमा योजना, मुद्रा योजना और स्टैंड अप इंडिया योजना से भी इस वर्ग के लोगों को लाभ मिला है। केंद्र सरकार की नीतियों से लाखों युवा उद्यमी बन रहे हैं, ऐसा मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का इंदू मिल स्थित भव्य स्मारक अंतिम चरण में है और लोकशाहीर अण्णा भाऊ साठे, क्रांतिगुरु लहुजी वस्ताद साळवे के स्मारकों का कार्य भी तेजी से चल रहा है। सामाजिक न्याय विभाग का निधि उसी विभाग के लक्ष्यों की पूर्ति के लिए ही उपयोग किया जा रहा है, यह स्पष्ट करते हुए मुख्यमंत्री ने पुरस्कार प्राप्त करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को समाजहित के कार्य के लिए बधाई दी।
उपमुख्यमंत्री श्री शिंदे ने कहा कि इस पुरस्कार समारोह के माध्यम से समाजसेवा करने वालों का सम्मान होता है और साथ ही महान विभूतियों का स्मरण भी। अच्छे कार्यों का सम्मान होने से समाज में सकारात्मक प्रेरणा मिलती है। आगे से यह पुरस्कार समारोह हर वर्ष आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजर्षि शाहू महाराज ने सभी जातियों के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास शुरू किए, महात्मा फुले और क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले ने स्त्री शिक्षा की नींव रखी, लोकशाहीर अण्णा भाऊ साठे ने साहित्य के माध्यम से समाज जागरूकता का कार्य किया।
भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने देश को वैचारिक गुलामी से मुक्त किया और संत रविदास महाराज ने समाज के गरीब, शोषित, वंचित लोगों के लिए न्याय की आवाज उठाई। इन महापुरुषों के कार्यों को आदर्श मानकर समाज के लोगों को कार्य करना चाहिए। महाराष्ट्र देश का सबसे प्रगत राज्य है और विदेशी निवेश में पहले स्थान पर है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र दिव्यांग कल्याण विभाग स्थापित करने वाला देश का पहला राज्य है।
मंत्री श्री शिरसाट ने कहा कि इस पुरस्कार के लिए राज्यभर से 800 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से 130 लोगों का चयन हुआ है, जिनमें 90 व्यक्ति और 40 संस्थाएं शामिल हैं। विभाग की महत्वपूर्ण सेवाओं का लाभ अब सीधे व्हाट्सएप के माध्यम से लिया जा सकेगा, ऐसा उन्होंने इस अवसर पर बताया।
वर्ष 2023-24 के लिए डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर समाजभूषण पुरस्कार, साहित्यरत्न लोकशाहीर अण्णा भाऊ साठे पुरस्कार, कर्मवीर पद्मश्री दादासाहेब भाऊराव कृष्णराव गायकवाड पुरस्कार, संत रविदास पुरस्कार, शाहू-फुले-आंबेडकर पुरस्कार, और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर सामाजिक न्याय प्रावीण्य पुरस्कारों का वितरण मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अन्य मान्यवरों के हाथों किया गया।
कार्यक्रम की प्रस्तावना विभाग के प्रधान सचिव हर्षदीप कांबळे ने की और आभार समाज कल्याण प्रभारी आयुक्त प्रवीण पुरी ने व्यक्त किया।