Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राष्ट्रीय

SIR पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश, ‘सभी राजनीतिक दल कोर्ट में हलफनामा दें’

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
August 23, 2025
in राष्ट्रीय
A A
Supreme court
20
SHARES
656
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर


नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया (ECI) द्वारा चलाए जा रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। यह मामला बिहार के मतदाता सूची संशोधन से संबंधित है, जहां 65 लाख मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची से हटाए गए हैं, जिसे विपक्षी दलों और याचिकाकर्ताओं ने मतदाताओं को वंचित करने का प्रयास करार दिया है।

इन्हें भी पढ़े

CBI

अनिल अंबानी के घर और रिलायंस कम्युनिकेशंस के ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी

August 23, 2025
K.C. Veerendra

ED की बड़ी कार्रवाई… कांग्रेस विधायक के घर 12 करोड़ कैश, 6 करोड़ की ज्वेलरी जब्त!

August 23, 2025
amit shah

PM, CM से जुड़े बिल पर अमित शाह बोले…’केजरीवाल ने जेल जाने के बाद इस्तीफा दिया होता तो..!

August 23, 2025
PokerBaazi, Zupee

Dream11, PokerBaazi, Zupee और MPL पर रियल-मनी गेमिंग बंद! यूजर्स के पैसे सुरक्षित

August 23, 2025
Load More

राजनीतिक दलों को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने सभी संबंधित राजनीतिक दलों को निर्देश दिया कि वे अपने बूथ-लेवल एजेंट्स (BLAs) के माध्यम से मतदाताओं को ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल होने के लिए दावे और आपत्तियां दाखिल करने में सहायता करें।

कोर्ट ने यह भी कहा कि “राजनीतिक दल यह सुनिश्चित करें कि उनके बूथ-लेवल कार्यकर्ता स्थानीय स्तर पर लोगों के साथ मिलकर काम करें, क्योंकि ग्रामीण इलाकों में लोग एक-दूसरे को अच्छी तरह जानते हैं, जिससे मतदाता सूची में शामिल होने वाले व्यक्तियों की पहचान आसान हो सकती है।”

ECI को सूची प्रकाशित करने का आदेश

कोर्ट ने ECI को निर्देश दिया कि वह उन 65 लाख मतदाताओं की सूची प्रकाशित करे, जिनके नाम जनवरी 2025 की मतदाता सूची में थे, लेकिन SIR के बाद ड्राफ्ट सूची में शामिल नहीं किए गए। इस सूची में प्रत्येक मतदाता के नाम हटाने का कारण भी स्पष्ट करना होगा। यह सूची जिला निर्वाचन अधिकारियों के माध्यम से बूथ-वार उपलब्ध कराई जाएगी और इसे EPIC नंबर के जरिए खोजा जा सकेगा। इस सूची को व्यापक प्रचार के लिए समाचार पत्रों, रेडियो, टीवी और सोशल मीडिया के माध्यम से जनता तक पहुंचाने का निर्देश दिया गया।

आधार को वैध दस्तावेज के रूप में स्वीकार करने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने ECI को निर्देश दिया कि वह बिहार में SIR प्रक्रिया के दौरान आधार कार्ड को 11 स्वीकार्य दस्तावेजों में शामिल करे। कोर्ट ने कहा कि आधार और इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड (EPIC) जैसे वैधानिक दस्तावेजों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, क्योंकि इनमें “प्रामाणिकता की धारणा” होती है।

कोर्ट ने ECI से कहा कि वह “सामूहिक बहिष्करण” के बजाय “सामूहिक समावेश” पर ध्यान दे। जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमल्या बागची की बेंच ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई व्यक्ति जो मृत घोषित किया गया है, लेकिन वह जीवित है, तो कोर्ट तुरंत हस्तक्षेप करेगा।

याचिकाकर्ताओं के तर्क

याचिकाकर्ताओं, जैसे कि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और अन्य, ने तर्क दिया कि SIR प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी है और यह नागरिकता की जांच का एक छिपा हुआ प्रयास है, जो ECI के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।

याचिकाकर्ताओं ने कहा कि “SIR प्रक्रिया रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट, 1950 के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है। मतदाता सूची से नाम हटाने की प्रक्रिया के लिए सख्त कानूनी प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है, जिसमें प्रत्येक मामले में जांच और नोटिस शामिल है। याचिकाकर्ताओं ने बताया कि “ECI द्वारा मांगे गए 11 दस्तावेजों में से कई, जैसे जन्म प्रमाणपत्र, बिहार की बड़ी आबादी के पास उपलब्ध नहीं हैं, खासकर ग्रामीण और गरीब क्षेत्रों में।”

“कोई भी नाम बिना “स्पीकिंग ऑर्डर”

ECI ने SIR को मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी बताया, ताकि अयोग्य मतदाताओं (मृत, डुप्लिकेट, या स्थायी रूप से स्थानांतरित) को हटाया जा सके। ECI ने दावा किया कि इस प्रक्रिया में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को शामिल किया गया और 1.5 लाख बूथ-लेवल एजेंट्स को नियुक्त किया गया।

ECI ने यह भी कहा कि “कोई भी नाम बिना “स्पीकिंग ऑर्डर” और उचित नोटिस के नहीं हटाया जाएगा।ECI ने बताया कि “अब तक 84,000 दावे और 2.53 लाख नए मतदाता (18 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाले) प्रक्रिया में शामिल हुए हैं।”

ड्राफ्ट मतदाता सूची में 65 लाख नाम हटाए गए, जिसमें अधिकांश महिलाएं हैं, खासकर वे जो विवाह के कारण स्थानांतरित हुईं। याचिकाकर्ताओं ने इसे बड़े पैमाने पर मतदाता दमन का प्रयास बताया।

कानूनी वैधता पर सवाल

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि ECI को मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए नागरिकता की जांच करने का अधिकार नहीं है। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि “ECI ने हटाए गए मतदाताओं की सूची और उनके कारणों को सार्वजनिक नहीं किया, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अब ठीक करने का आदेश दिया है।

कब होगी अगली सुनवाई ?

सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर, 2025 के लिए निर्धारित की है। तब तक ECI को निर्देशों का पालन करना होगा और राजनीतिक दलों को मतदाताओं की सहायता के लिए सक्रिय भूमिका निभानी होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पारदर्शिता, समावेशिता और निगरानी पर जोर दिया है। कोर्ट का यह आदेश मतदाता सूची से सामूहिक बहिष्करण को रोकने और प्रक्रिया को अधिक निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ECI को आधार जैसे दस्तावेजों को स्वीकार करने और हटाए गए मतदाताओं की सूची प्रकाशित करने के निर्देश से प्रक्रिया में विश्वास बहाली की उम्मीद है।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
Mann Ki Baat

मन की बातें: पीएम मोदी की मन की बात

April 18, 2023
81st birth anniversary of film star 'Rajesh Khann

धूमधाम से संपन्न हुई फिल्म स्टार ‘राजेश खन्ना’ की 81वी जयंती

December 29, 2022
Love Jihad

लव जिहाद में बॉलीवुड का साथ’ विषय पर विशेष संवाद !

January 13, 2023
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • माखनलालजी का समाचारपत्र ‘कर्मवीर’ बना अनूठा शिलालेख
  • अनिल अंबानी के घर और रिलायंस कम्युनिकेशंस के ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी
  • ED की बड़ी कार्रवाई… कांग्रेस विधायक के घर 12 करोड़ कैश, 6 करोड़ की ज्वेलरी जब्त!

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.