नई दिल्ली। भारत ने पहले 120 स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट बनाने की दिशा में बड़ा कदम बढ़ा दिया है। एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट या एडवांस मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट ( AMCA ) विकसित करने के लिए भारत की निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में होड़ लग चुकी है। ऑपरेशन सिंदूर के ठीक बाद 26 मई, 2025 को ही देश में पांचवी पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट बनने का रास्ता साफ हुआ था। अब सात निजी कंपनियों ने इसे डेवलप करने और निर्माण के लिए बोलियां लगाई हैं।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास परिषद (DRDO) की एक समिति इन बोलियों की जांच करेगी और फिर इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम शुरू हो जाएगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होते ही स्टील्थ फाइटर जेट के क्षेत्र में क्रांति आने की संभावना है। क्योंकि, चीन जैसे देश छठी पीढ़ी के फाइटर जेट पर काम कर रहे हैं, लेकिन भारत की पांचवीं पीढ़ी वाला फाइटर जेट प्रोजेक्ट भविष्य में छठी पीढ़ी वाली टेक्नोलॉजी को भी जोड़ने के इरादे से शुरू किया गया है।
भारतीय वायुसेना को देगा अभूतपूर्व ताकत
भारतीय वैज्ञानिकों की ओर से पहले से यह कहा जाता रहा है कि भले ही हम अभी पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट पर काम कर रहे हैं, लेकिन हम छठी पीढ़ी के और भी एडवांस फाइटर जेट वाली टेक्नोलॉजी विकसित करने में सक्षम हैं। AMCA की डिजाइन रक्षा मंत्रालय के एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) ने DRDO की निगरानी में तैयार की है।
ये फाइटर जेट दो इंजनों वाले मल्टीरोल स्टील्थ फाइटर होंगे, जिनका वजन 25 टन का होगा। भारतीय वायुसेना को स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट मिलते ही, जगुआर और मिराज 2000 जैसे लड़ाकू विमानों की जिम्मेदारियां कम होने का अनुमान है। यही नहीं, एडवांस मल्टीरोल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट फ्रांस से आए मौजूदा राफेल लड़ाकू विमानों और अगली पीढ़ी के तेजस एमके2 (Tejas Mk2)को भी अभूतपूर्व ताकत से लैस करेगा।
आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक
भारत का स्वदेशी AMCA प्रोजेक्ट सिर्फ रक्षा क्षेत्र की एक और हेडलाइन नहीं है, यह भारत को उन चुनिंदा ताकतवर देशों में ला खड़ेगा, जिन्होंने हम से पहले पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट बना लिए हैं। AMCA सिर्फ एक फाइटर जेट नहीं है, यह बहुत ही तेज, रडार की नजरों से ओझल और विभिन्न तरह की युद्ध की परिस्थितियों में दुश्मन की सेना को तबाह करने के लिए डिजाइन की गई है। भारतीय वायुसेना को पहला स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट मिलना देश की आत्मनिर्भरता, इंजीनियरिंग के क्षेत्र में अव्वल होने और राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक भी होगा।
स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट की विशेषता
25 टन वजनी दो इंजनों वाले AMCA की स्टील्थ (दुश्मन के रडार की पकड़ से बाहर ) डिजाइन, इंटरनल वेपन बेज और एडवांस सेंसर इसे बहुत ही ज्यादा घातक बनाने वाले हैं। इस प्रोजेक्ट का मकसद ही हवाई क्षेत्र में देश की बादशाहत कायम करना, दुश्मन के बहुत ज्यादा अंदर तक घुसकर सटीक हमले करना और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर मिशन के लिए तैयार रहना है। स्वदेशी स्टील्थ फाइटर जेट में एडवांस एवियॉनिक्स सूट, स्वदेशी एईएसए (Active Electronically Scanned Array) रडार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सक्षम ऐसे सिस्टम होंगे, जो इसकी ताकत अद्वितीय बनाने में वाले हैं।
छठी पीढ़ी वाले चाइनीज विमान की करेगा छुट्टी!
रक्षा क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि AMCA प्रोजेक्ट पर दो चरणों में काम होना है। पहले चरण में कई मौजूदा पीढ़ी की टेक्नोलॉजी भी इस्तेमाल हो सकती है और उन्नत इंजन लगेंगे, जिसका निर्माण साझेदारी में होने की संभावना बढ़ गई है। वहीं दूसरे चरण में छठी पीढ़ी की विशेषताओं से लैस स्वदेशी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होगा। चीन को लेकर ऐसी रिपोर्ट आ चुकी हैं कि वह पहले से ही छठी पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट J-50 पर काम कर रहा है। ऐसे में भारत की पांचवीं पीढ़ी का AMCA भी उसे चुनौती देने के लिए अपनी तैयारियों के साथ आएगा। सबसे खतरनाक बात है कि चीन पाकिस्तान को अपना पांचवीं पीढ़ी का विमान भी बेचने की तैयारी में है, इस वजह से भारत के लिए यह प्रोजेक्ट बहुत ही महत्वपूर्ण हो गया है।
लाखों करोड़ रुपये में होगा 120 एएमसीए का सौदा
भारतीय वायुसेना को पहला एडवांस मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट साल 2035 तक मिलने की संभावना है। 120 स्टील्थ फाइटर जेट के लिए यह सौदा लाखों करोड़ रुपये में होने की संभावना है। ये विमान इस तरह से डिजाइन किए जा रहे हैं कि यह अनमैन्ड एयरियल सिस्टम के साथ मिलकर साझा अभियान में भी शामिल हो सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार योजना ये है कि पहले इनके चार से पांच प्रोटोटाइप तैयार कर लिए जाएं और फिर उनका हर पैमाने पर परीक्षण कर लेने के बाद इसका भारतीय वायुसेना के लिए उत्पादन शुरू किया जाए।