पहल डेस्क/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच वैशाली जिले के महनार विधानसभा क्षेत्र में 29 अक्टूबर को एक बड़ा सियासी ड्रामा देखने को मिला। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और जनशक्ति जनता दल (JJD) के प्रमुख तेज प्रताप यादव को उनकी ही पुरानी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के समर्थकों (जिन्हें मुख्य रूप से तेजस्वी यादव के समर्थक बताया जा रहा है) ने भारी विरोध का सामना कराना पड़ा।
समर्थकों ने ‘तेजस्वी यादव जिंदाबाद’, ‘लालू यादव जिंदाबाद’ और ‘लालटेन छाप जिंदाबाद’ (RJD का चुनाव चिन्ह) जैसे नारे लगाए, काफिले को कुछ दूर तक खदेड़ा और पत्थरबाजी की। यह घटना लालू परिवार के आंतरिक कलह को सड़क पर उजागर करती नजर आ रही है।
कब और कहां हुई घटना
महनार विधानसभा क्षेत्र के हीरानंद उच्च विद्यालय के प्रांगण में JJD के उम्मीदवार जय सिंह राठौर के समर्थन में चुनावी सभा। तेज प्रताप हेलीकॉप्टर से पहुंचे थे, लेकिन शाम हो जाने के कारण हेलीकॉप्टर उन्हें उतारकर वापस लौट गया। इसके बाद वे सड़क मार्ग से सभा स्थल पहुंचे और महुआ (उनका अपना क्षेत्र) की ओर रवाना हो रहे थे।
कैसे हुई विरोध की शुरुआत ?
सभा के दौरान ही मंच पर भाषण देते समय भीड़ ने ‘तेजस्वी जिंदाबाद’ के नारे लगाना शुरू कर दिए। सभा समाप्त होने के बाद जब तेज प्रताप काफिले के साथ निकले, तो RJD समर्थकों ने उन्हें घेर लिया। आक्रोशित भीड़ ने नारेबाजी की, काफिले को रोका और कुछ दूर तक पीछा करते हुए खदेड़ा। समर्थकों ने काफिले पर पत्थर फेंके, जिससे तनाव और बढ़ गया। तेज प्रताप को बिना ज्यादा नुकसान के वहां से निकलना पड़ा।
लालू परिवार का आंतरिक कलह
तेज प्रताप यादव 2024 में RJD छोड़कर अपनी अलग पार्टी JJD बना चुके हैं। वे तेजस्वी पर ‘लालू की छत्रछाया में रहने’ का आरोप लगाते रहे हैं और खुद को ‘असली जननायक’ बताते हैं। 2023 में तेज प्रताप की शादी के विवादास्पद घटनाक्रम के बाद लालू ने उन्हें RJD से ‘निष्कासित’ कर दिया था। तेजस्वी को RJD का चेहरा बनाया गया, जबकि तेज प्रताप ने महुआ से अपना नामांकन किया। इस घटना ने परिवार के विभाजन को और गहरा कर दिया। JJD उम्मीदवार जय सिंह राठौर ने RJD उम्मीदवार रविंद्र सिंह पर ‘साजिश’ का आरोप लगाया और पुलिस सुरक्षा की मांग की।
RJD ने घटना पर साधी चुप्पी
RJD ने इसे ‘लोकतांत्रिक विरोध’ बताया, लेकिन आधिकारिक बयान में चुप्पी साधी। तेजस्वी ने अलग से महिलाओं को ’10 हजार की रिश्वत’ देने का आरोप लगाया, जो अप्रत्यक्ष रूप से NDA पर निशाना है। तेज प्रताप ने इसे ‘राजनीतिक साजिश’ कहा, लेकिन तुरंत कोई बड़ा बयान नहीं दिया।महनार RJD का गढ़ माना जाता है। यह घटना बिहार चुनाव के अंतिम चरण से ठीक पहले (वोटिंग 5 नवंबर से) NDA-RJD के बीच तनाव बढ़ा सकती है। विपक्षी दल इसे ‘परिवारवाद का अंत’ बताकर प्रचार कर रहे हैं।
यह घटना बिहार की राजनीति में भाई-भाई के बीच की खाई को साफ दिखाती है, जहां चुनावी महत्वाकांक्षा ने पारिवारिक रिश्तों पर भारी पड़ दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।







