प्रकाश मेहरा
एक्जीक्यूटिव एडिटर
चमोली: उत्तराखंड के दूरस्थ पहाड़ी क्षेत्र वीरभूमि सवाड़ (विकासखंड देवाल, विधानसभा थराली, जिला चमोली) में लंबे समय से चली आ रही एक बड़ी मांग अब पूरी हो गई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को देशभर में 57 नए केंद्रीय विद्यालय (केवी) खोलने की स्वीकृति दी, जिनमें सवाड़ का नाम भी शामिल है। इस निर्णय के साथ ही क्षेत्र में उत्साह और हर्ष का माहौल है।
राष्ट्रीय स्तर पर निर्णय
केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार, 57 नए केवी में से 7 विद्यालय गृह मंत्रालय द्वारा और 50 विद्यालय राज्य सरकारों के सहयोग से स्थापित किए जाएंगे। इनमें से 20 केंद्रीय विद्यालय उन जिलों में खोले जाएंगे जहां अब तक कोई केवी नहीं था। साथ ही, 14 आकांक्षी जिलों, 4 वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों और 5 पूर्वोत्तर/पर्वतीय क्षेत्रों को भी प्राथमिकता दी गई है। केवल बिहार में ही 19 नए केवी स्वीकृत हुए हैं।
सवाड़ में जश्न का माहौल
सवाड़ में केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी और क्षेत्रीय विधायक भूपाल राम टम्टा का आभार व्यक्त करने के लिए रैली का आयोजन किया। ग्रामीणों ने बताया कि “बीते एक दशक से यहां के लोग केंद्रीय विद्यालय की स्थापना की मांग कर रहे थे। आखिरकार उनके संघर्ष और अथक प्रयासों ने यह ऐतिहासिक सफलता दिलाई।”
कार्यक्रम में सहभागिता
धन्यवाद रैली और जश्न कार्यक्रम में देवाल भाजपा मंडल अध्यक्ष उमेश मिश्रा, महामंत्री नरेंद्र बागड़ी, देवाल प्रमुख तेजपाल सिंह रावत, सवाड़ शहीद मेला समिति के अध्यक्ष एवं लंबे समय से केवी की मांग को लेकर संघर्षरत आलम सिंह बिष्ट, पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं सवाड़ की नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान आशा धपोला, सवाड़ सैनिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष गोविंद सिंह बिष्ट, महिपाल बिष्ट, महिला मंगल दल अध्यक्ष बसंती मेहरा, उप प्रधान विरेंद्र बिष्ट, धन सिंह धपोला, युवा मंगल दल अध्यक्ष प्रमोद धपोला समेत अनेक जनप्रतिनिधि और ग्रामीण शामिल हुए।
शिक्षा और पलायन पर सकारात्मक असर
नेताओं और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस स्वीकृति को क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक बताया। उनका कहना है कि देवाल जैसे सुदूरवर्ती विकासखंड में केंद्रीय विद्यालय की स्थापना से न केवल शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा, बल्कि पलायन की समस्या पर भी रोक लगेगी। अब क्षेत्र के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए दूर-दराज़ नहीं जाना पड़ेगा।
ग्रामीणों का वर्षों पुराना सपना पूरा
वीरभूमि सवाड़ में केंद्रीय विद्यालय की स्वीकृति ने न केवल ग्रामीणों का वर्षों पुराना सपना पूरा किया है, बल्कि यह निर्णय पूरे क्षेत्र की शिक्षा और सामाजिक विकास की दिशा में एक नया अध्याय भी जोड़ेगा। यह साबित करता है कि निरंतर संघर्ष और सामूहिक प्रयास किसी भी बड़े लक्ष्य को हासिल करने में सहायक होते हैं।