स्पेशल डेस्क/नई दिल्ली: 19 अप्रैल की सुबह, जब दिल्ली की गलियां अभी नींद से जाग रही थीं, मुस्तफ़ाबाद के शक्ति विहार में एक चार मंजिला इमारत अचानक ढह गई। रात के करीब 2:30 बजे का वह पल, जो एक साधारण रात को त्रासदी में बदल देगा, एक स्थानीय CCTV में कैद हो गया। धूल का गुबार, इमारत के मलबे का शोर, और उसमें फंसे लोगों की चीखें—यह सब उस रात की कहानी का हिस्सा बन गया। इस हादसे में चार लोगों की जान चली गई, और कई अन्य मलबे में फंसे रहे। लेकिन यह कहानी सिर्फ एक हादसे की नहीं, बल्कि हिम्मत, उम्मीद, और इंसानियत की भी है। आइए समझते हैं एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा की इस ग्राउंड रिपोर्ट से।
हादसे की शुरुआत रात का सन्नाटा और अचानक का धमाका !
शक्ति विहार की गली नंबर 1 में बनी यह चार मंजिला इमारत एक मध्यमवर्गीय परिवारों का आशियाना थी। इसमें करीब 22 लोग रहते थे, जिनमें बच्चे, महिलाएं, और बुजुर्ग शामिल थे। शुक्रवार की रात दिल्ली में मौसम ने अचानक करवट ली थी। तेज़ हवाएं, धूल भरी आंधी, और बारिश ने शहर को अपनी चपेट में लिया। कुछ लोग मानते हैं कि इसी आंधी ने इमारत की नींव को कमज़ोर किया, जिसके चलते वह ढह गई। लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि यह इमारत पहले से ही जर्जर थी, और अवैध निर्माण ने इसकी कमज़ोरी को और बढ़ा दिया था।
रात 2:50 बजे दिल्ली फायर सर्विस को एक कॉल आई। कॉल करने वाले की आवाज़ में घबराहट थी— “पूरी इमारत ढह गई है, लोग मलबे में दबे हैं!” कुछ ही मिनटों में नेशनल डिज़ास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF), दिल्ली पुलिस, और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंच गईं। लेकिन जो दृश्य उनके सामने था, वह किसी के भी रोंगटे खड़े कर देने वाला था। इमारत पूरी तरह से चपटी हो चुकी थी—जैसे कोई पत्तों का घर गिर गया हो। NDRF के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल मोहसिन शाहिदी ने इसे “पैनकेक कोलैप्स” बताया, एक ऐसा हादसा जिसमें इमारत की मंजिलें एक-दूसरे पर गिर जाती हैं, और जीवित बचने की संभावना बेहद कम होती है।
बचाव का जज़्बा उम्मीद की किरण
सुबह 3:02 बजे दयालपुर पुलिस स्टेशन को सूचना मिली, और तुरंत बचाव अभियान शुरू हो गया। NDRF की दो टीमें, दिल्ली फायर सर्विस, और स्थानीय पुलिस ने मलबे को हटाना शुरू किया। कुत्तों की एक विशेष टीम भी मौके पर थी, जो मलबे में फंसे लोगों का पता लगाने में मदद कर रही थी। स्थानीय लोग भी अपने पड़ोसियों को बचाने के लिए आगे आए। एक चश्मदीद ने बताया, “दो भाई, उनकी पत्नियां, और उनके बच्चे इस इमारत में रहते थे। हमें नहीं पता कि वे कहां हैं।” उसकी आवाज़ में दर्द और अनिश्चितता साफ झलक रही थी।
सुबह तक 18 लोगों को मलबे से निकाला जा चुका था। इनमें से 14 को जीटीबी अस्पताल ले जाया गया, जहां चार लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। बाकी 8-10 लोगों के अभी भी मलबे में फंसे होने की आशंका थी। बचाव दल ने हर संभव कोशिश की, लेकिन मलबे की विशालता और इमारत के ढहने का तरीका काम को मुश्किल बना रहा था। फिर भी, हर बार जब कोई ज़िंदा व्यक्ति मलबे से निकाला जाता, वहां मौजूद लोगों की आंखों में उम्मीद की चमक दिखती थी।
परिवार का दर्द जिन्होंने खोया अपनों को !
इस हादसे ने कई परिवारों को तोड़ दिया। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि मृतकों में एक मां और उसका छोटा बच्चा भी शामिल था। “वह अपने बच्चे को सीने से लगाए हुए थी, लेकिन मलबे ने दोनों को छीन लिया,” उसने रोते हुए कहा। एक अन्य परिवार ने बताया कि उनके रिश्तेदार, जो इस इमारत में किराएदार थे, अब लापता हैं। मलबे से निकाले गए लोगों में से कुछ की हालत गंभीर थी, और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।
सियासत और जिम्मेदारी जांच का दौर !
हादसे की खबर फैलते ही राजनीतिक हलकों में भी हलचल मच गई। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने तुरंत जांच के आदेश दिए। न्यूज़ एजेंसी ANI से बातचीत में उन्होंने कहा, “मुस्तफ़ाबाद में हुआ यह हादसा बेहद दुखद है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि घायलों को बेहतर इलाज मिले और बचाव कार्य में कोई कमी न रहे।
#WATCH | On the Mustafabad building collapse incident, Delhi CM Rekha Gupta says, "It is a very sensitive issue that the way such weak buildings are being constructed, by flouting all the rules, the officers who are guilty of such construction should also be punished. Contractor… pic.twitter.com/2P71tKRv52
— ANI (@ANI) April 19, 2025
BJP सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा, “यह इमारत पुरानी थी और इसका निर्माण बिना उचित प्लानिंग के हुआ था। सरकार इसकी जांच करेगी।”
मुस्तफाबाद दयालपुर इलाके में इमारत ढहने की घटना पर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, "यह बहुत दुखद घटना है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि जो भी इससे प्रभावित हुए हैं, उन्हें सहारा दें।@PKhandelwal_MP #DelhiBuildingCollapse #MustafabadBuildingCollapse #Mustafabad… pic.twitter.com/N3ra5LOToc
— Punjab Kesari (@punjabkesari) April 19, 2025
वहीं, मुस्तफ़ाबाद के विधायक और दिल्ली विधानसभा के डिप्टी स्पीकर मोहन सिंह बिष्ट ने आरोप लगाया कि दिल्ली नगर निगम (MCD) की लापरवाही इस हादसे का कारण बनी। उन्होंने कहा, “मैंने तीन महीने पहले ही इस इमारत के खतरे के बारे में चेतावनी दी थी। MCD और बिजली कंपनियां भ्रष्टाचार में डूबी हैं।”
Mustafabad building collapse: "MCD drenched in corruption," says Delhi Dy Speaker
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— ANI Digital (@ani_digital) April 19, 2025
आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी दुख जताया। उन्होंने X पर लिखा, “मुस्तफ़ाबाद में इमारत गिरने की घटना बहुत दुखद है। मैं सभी कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वे प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्यों में सहयोग करें।” विपक्ष की नेता आतिशी ने भी AAP कार्यकर्ताओं से बचाव कार्यों में मदद करने की अपील की।
मुस्तफ़ाबाद में बिल्डिंग गिरने की ये घटना बेहद दुखद है। इस हादसे में जिन परिवारों ने अपनों को खोया, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।
पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं से मेरी अपील है कि राहत और बचाव कार्यों में प्रशासन का पूरा सहयोग करें। https://t.co/hMkQGMZjRT
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 19, 2025
हादसे पर मुस्तफ़ाबाद के विधायक क्या बोले ?
घटनास्थल के पास पहुंचे मुस्तफ़ाबाद के विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से खास बातचीत में कहा कि “इलाके में छह मंज़िला इमारतें बनी हुई हैं जबकि यहां का इन्फ्रास्ट्रक्चर इतनी ऊंची इमारतों का बोझ नहीं सह सकता. लिहाज़ा ऐसे हादसों की आशंका बनी ही हुई थी. मैं पहले भी विधानसभा में ये मुद्दा उठा चुका हूं. यहां तो छह-छह मंज़िला इमारतें बन गई हैं. लेकिन यहां का इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्हें बर्दाश्त नहीं कर सकता. जहां 20-25 घरों की जगह है. अगर यहां 100 घर बस जाएं तो ऐसे हादसे होंगे ही।”
“मैंने लेफ़्टिनेंट गवर्नर के सामने भी ये मुद्दा उठाया है. ऐसे हालात के लिए ज़िम्मेदार अफ़सरों पर कार्रवाई ज़रूरी है आम आदमी पार्टी के शासन में भ्रष्टाचार की वजह से ये स्थिति बनी. अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. अफ़सरों को तो अब काम करना ही पड़ेगा.”
हादसे का कारण मौसम या लापरवाही ?
#WATCH | Delhi: On Mustafabad building collapse, Delhi Legislative Assembly Deputy Speaker and Mustafabad MLA Mohan Singh Bisht says, "Three months ago, when I won the elections, I was in this area. I had said at that time that this building could cause an accident. I have told… pic.twitter.com/cJpXKqSQjf
— ANI (@ANI) April 19, 2025
पुलिस और प्रशासन अभी हादसे के सटीक कारण की जांच कर रहे हैं। कुछ सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार रात की तेज़ आंधी और बारिश ने इमारत को कमज़ोर किया। लेकिन स्थानीय लोगों और कुछ नेताओं का मानना है कि अवैध निर्माण और पुरानी इमारतों की देखरेख में लापरवाही इस हादसे की जड़ है। मोहन सिंह बिष्ट ने दावा किया कि मुस्तफ़ाबाद में ऐसी कई इमारतें हैं, जो कभी भी ढह सकती हैं। उन्होंने कहा, “अवैध निर्माण और MCD की मिलीभगत ने इस इलाके को खतरे में डाल रखा है।”
क्या है सबक और उम्मीद ?
यह हादसा मुस्तफ़ाबाद के लिए एक चेतावनी है। दिल्ली में पहले भी ऐसे हादसे हो चुके हैं। पिछले हफ्ते ही मधु विहार और करोल बाग में दीवार ढहने की घटनाओं में दो लोगों की जान गई थी। इन हादसों ने एक बार फिर सवाल उठाया है कि क्या दिल्ली की इमारतें सुरक्षित हैं? क्या प्रशासन और MCD अपनी ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं ? लेकिन इस त्रासदी के बीच कुछ कहानियां उम्मीद भी जगाती हैं। स्थानीय लोगों ने जिस तरह एक-दूसरे की मदद की, NDRF और पुलिस ने जिस हिम्मत से बचाव कार्य किया, वह इंसानियत की मिसाल है। एक NDRF जवान ने कहा, “हम तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक आखिरी व्यक्ति को मलबे से न निकाल लें।”
हर्षिता की शादी और मुस्तफ़ाबाद का दर्द !
उसी दिन, जब मुस्तफ़ाबाद की गलियों में मातम पसरा था, दिल्ली के कपूरथला हाउस में अरविंद केजरीवाल की बेटी हर्षिता की शादी की रौनक थी। यह एक अजीब संयोग था—एक तरफ खुशी का माहौल, दूसरी तरफ दुख की छाया। हर्षिता और संभव की शादी की खबरें जहां सोशल मीडिया पर छाई थीं, वहीं मुस्तफ़ाबाद के हादसे ने लोगों का ध्यान दिल्ली की सुरक्षा और प्रशासन की ज़िम्मेदारी की ओर खींचा। अरविंद केजरीवाल, जो अपनी बेटी की शादी में व्यस्त थे, ने इस हादसे पर दुख जताया और अपने कार्यकर्ताओं को बचाव कार्य में जुटने का निर्देश दिया।
सिर्फ इमारत ढहने की कहानी नहीं !
मुस्तफ़ाबाद का यह हादसा सिर्फ एक इमारत के ढहने की कहानी नहीं है। यह उन लोगों की कहानी है, जिन्होंने अपने अपनों को खोया। यह उन जवानों की कहानी है, जो अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों को बचाते हैं। और यह उस शहर की कहानी है, जो हर दिन नई चुनौतियों से जूझता है। जैसे-जैसे बचाव कार्य जारी है, मुस्तफ़ाबाद के लोग उम्मीद की एक किरण तलाश रहे हैं। शायद यह हादसा दिल्ली को एक सबक दे—कि सुरक्षा और ज़िम्मेदारी को नज़रअंदाज़ करने की कीमत बहुत भारी पड़ती है।
न्यूज़ एजेंसी ANI के वीडियो के जरिए दिल्ली पुलिस के अनुसार, “10 लोगों को मलबे से निकाला गया, जिनमें से 4 की मौत हो गई। बचाव कार्य अभी भी जारी है।”
#WATCH | Delhi: Mustafabad building collapse caught on camera.
As per Delhi Police, "Among the 10 people who were taken out, 4 succumbed. Rescue operations still underway"
(Source – local resident) https://t.co/lXyDvOpZ3q pic.twitter.com/NlknYWODRR
— ANI (@ANI) April 19, 2025