स्पेशल डेस्क
पहलगाम: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 से 27 लोगों की मौत हुई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, और लगभग 17 से 25 लोग घायल हुए। मृतकों में दो विदेशी नागरिक (इजरायल और इटली से) और दो स्थानीय लोग शामिल थे, जबकि बाकी पर्यटक उत्तर प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, ओडिशा, और अन्य राज्यों से थे। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली। हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में गुस्सा और दुख का माहौल है, और जम्मू में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। नीचे इस घटना और जम्मू में हुए हमले,कड़ी कार्यवाही के संकेत और विरोध प्रदर्शनों का विश्लेषण एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा के साथ जानिए पूरी रिपोर्ट !
पहलगाम आतंकी हमले का विवरण !
हमला पहलगाम के बैसरन घाटी में मंगलवार 22 अप्रैल को दोपहर करीब 2:30 बजे हुआ। यह क्षेत्र ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से प्रसिद्ध है और पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। चार आतंकियों ने सेना या पुलिस की वर्दी पहनकर बैसरन घाटी में घुड़सवारी, पिकनिक, और पर्यटन का आनंद ले रहे पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। आतंकियों ने पहले पर्यटकों के नाम और धर्म पूछे, और फिर चुन-चुनकर गोलियां मारीं। कुछ पीड़ितों को ‘कलमा’ पढ़ने के लिए कहा गया, और जो नहीं पढ़ सके, उन्हें गोली मार दी गई।
हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा ?
आतंकियों के पास अमेरिकी M4 कार्बाइन राइफल और AK-47 जैसे खतरनाक हथियार थे। घटनास्थल से 50-70 खाली कारतूस बरामद हुए। जांच में तीन संदिग्ध आतंकियों—आसिफ फौजी, सुलेमान शाह, और अबु तल्हा—के स्केच जारी किए गए। हमले का मास्टरमाइंड लश्कर-ए-तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद बताया जा रहा है। पहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में गुस्सा और शोक की लहर दौड़ गई। जम्मू में विभिन्न समुदायों, संगठनों, और राजनीतिक दलों ने विरोध प्रदर्शन किए। इन प्रदर्शनों में आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की गई।
हिंदू, मुस्लिम,और सिख समुदायों का एकजुट प्रदर्शन !
जम्मू में हिंदू, मुस्लिम, और सिख समुदाय के लोग एकजुट होकर सड़कों पर उतरे। उन्होंने आतंकवादियों के लिए कड़ी सजा की मांग की और श्रीनगर के लाल चौक पर आतंकियों को सार्वजनिक रूप से फांसी देने की मांग उठाई। यह प्रदर्शन सामुदायिक एकता का प्रतीक था। प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी की और पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया, क्योंकि हमले के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन का हाथ माना जा रहा है।
हिंदू संगठनों और भाजपा नेताओं का प्रदर्शन !
विश्व हिंदू परिषद (VHP), बजरंग दल, और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेताओं ने जम्मू के सलाथिया चौक और धार रोड पर धरना दिया। उन्होंने पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि नई सरकार बनने के बाद हिंदुओं पर हमले बढ़े हैं, और सरकार को सख्त कदम उठाने चाहिए।
इन संगठनों ने जम्मू में बुधवार को बंद का आह्वान किया, जिसके चलते बाजार बंद रहे और सड़कों पर सन्नाटा पसरा। इंडियन यूथ कांग्रेस (IYC) ने जम्मू में आतंकी हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान का पुतला जलाया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग की। उनका आरोप था कि केंद्र सरकार सुरक्षा व्यवस्था में नाकाम रही है।
जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज का बंद !
जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने हमले के विरोध में बुधवार को जम्मू बंद का आह्वान किया। इसके चलते जम्मू में दुकानें बंद रहीं, और व्यापारिक गतिविधियां ठप हो गईं। यह बंद आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने का प्रतीक था। कश्मीर के बटमालू व्यापारी संघ ने भी हमले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने निर्दोष पर्यटकों की हत्या की निंदा की और कहा कि कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर्यटन पर निर्भर है, और ऐसे हमले क्षेत्र की छवि को धूमिल करते हैं।
प्रदर्शनों की मांगें ठोस कदम उठाये सरकार !
आतंकियों को जल्द से जल्द पकड़कर कड़ी सजा दी जाए। श्रीनगर के लाल चौक पर आतंकियों को सार्वजनिक रूप से फांसी देने की मांग। केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) पर कब्जा करने की मांग की। कश्मीर में पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग।
हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट जारी किया गया। पहलगाम और अन्य पर्यटक स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई। भारतीय सेना, CRPF, और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। सेना की विक्टर फोर्स और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप आतंकियों की तलाश में जुटे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बुधवार को घटनास्थल का दौरा किया और जांच शुरू की।
मृतकों के परिजनों को मुआवजा और सहायता !
जम्मू-कश्मीर सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए 2 लाख रुपये, और मामूली रूप से घायलों के लिए 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की। श्रीनगर और अनंतनाग में 24×7 इमरजेंसी कंट्रोल रूम स्थापित किए गए। हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए: श्रीनगर (0194-2457543, 0194-2483651), अनंतनाग (9596777669, 01932225870)। मृतकों के शवों को उनके गृहनगर भेजने के लिए विशेष विमान की व्यवस्था की गई। शवों को तीन चरणों में भेजा जा रहा है।
हमले को लेकर किसने क्या कहा ?
पीएम मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर भारत लौटे और दिल्ली हवाई अड्डे पर ही हमले को लेकर बैठक की। उन्होंने कहा, “आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
I strongly condemn the terror attack in Pahalgam, Jammu and Kashmir. Condolences to those who have lost their loved ones. I pray that the injured recover at the earliest. All possible assistance is being provided to those affected.
Those behind this heinous act will be brought…
— Narendra Modi (@narendramodi) April 22, 2025
गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंचे, पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी, और उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने कहा, “इस जघन्य हमले के दोषियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।”
With a heavy heart, paid last respects to the deceased of the Pahalgam terror attack. Bharat will not bend to terror. The culprits of this dastardly terror attack will not be spared. pic.twitter.com/bFxb2nDT4H
— Amit Shah (@AmitShah) April 23, 2025
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने हमले की निंदा की और पर्यटकों के पलायन पर दुख जताया। उन्होंने पर्यटकों की सुरक्षित वापसी के लिए अतिरिक्त उड़ानों और सड़क मार्ग की व्यवस्था की।
It’s heartbreaking to see the exodus of our guests from the valley after yesterday’s tragic terror attack in Pahalgam but at the same time we totally understand why people would want to leave. While DGCA & the Ministry of Civil Aviation are working to organise extra flights,… pic.twitter.com/5O3i5U1rBh
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) April 23, 2025
पीडीपी प्रमुख ने हमले की निंदा की और कहा, “कश्मीरी इस घटना पर शर्मिंदा हैं।” उन्होंने श्रीनगर में विरोध मार्च निकाला।
I strongly condemn the cowardly attack on tourists in Pahalgam, which tragically killed five and injured several as being reported for now . Such violence is unacceptable and must be denounced.
Historically, Kashmir has welcomed tourists warmly, making this rare incident deeply…
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) April 22, 2025
आतंकी हमले पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?
आतंकी हमले के बाद विशेषज्ञों ने कई प्रतिक्रियाएं दी हैं इसको लेकर पत्रकार और विशेषज्ञ प्रकाश मेहरा कहते हैं कि “हमले को माफ नहीं किया जा सकता और इसका जवाब देना जरूरी है। नागरिकों पर सुनियोजित नरसंहार” और सुरक्षा बलों की तैयारियों पर भी कई सवाल उठते हैं। पर्यटन सीजन में अतिरिक्त सुरक्षा क्यों नहीं थी ? केंद्र और राज्य सरकार को जवाबदेही तय करनी चाहिए। पर्यटक स्थलों पर ड्रोन निगरानी और स्थानीय खुफिया नेटवर्क को मजबूत करना जरूरी है।आतंकी अब “सॉफ्ट टारगेट” जैसे पर्यटकों को निशाना बना रहे हैं, जिसके लिए नई रणनीति चाहिए।”
कश्मीर घाटी में प्रदर्शनों का असर ?
जम्मू में बंद के कारण बाजार, दुकानें, और व्यापारिक गतिविधियां पूरी तरह ठप रहीं। सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा, और केवल सुरक्षा बलों की गतिविधियां दिखीं। हमले ने जम्मू-कश्मीर की पर्यटन इंडस्ट्री को बड़ा झटका दिया। कई पर्यटक घाटी छोड़कर जा रहे हैं। एयर इंडिया और इंडिगो ने श्रीनगर से दिल्ली और मुंबई के लिए विशेष उड़ानें शुरू कीं, और टिकट कैंसिलेशन शुल्क माफ कर दिया। हिंदू, मुस्लिम, और सिख समुदायों का एकजुट प्रदर्शन कश्मीर में सामुदायिक एकता का प्रतीक बना। कश्मीर घाटी में 35 साल बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर बंद देखा गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से फोन पर बात की और आतंकवाद के खिलाफ भारत का समर्थन किया। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने हमले की निंदा की। रूस और अन्य देशों ने भी भारत के साथ एकजुटता जताई।
पहलगाम में क्या है वर्तमान स्थिति ?
सेना और पुलिस का सर्च ऑपरेशन जारी है। आतंकियों के राजौरी से चत्रु और वधावन होते हुए पहलगाम पहुंचने की जानकारी मिली है। दिल्ली, मुंबई, और अन्य शहरों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। हमले के बाद कश्मीर में सुरक्षा बढ़ाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। पुणे के 67 पर्यटक, जो हमले के बाद फंस गए थे, ने सुरक्षित वापसी की अपील की है।
पहलगाम आतंकी हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। इसने न केवल पर्यटन को प्रभावित किया, बल्कि कश्मीर की शांति और सामुदायिक एकता पर भी सवाल उठाए। जम्मू में हुए विरोध प्रदर्शन न केवल आतंकवाद के खिलाफ गुस्से का प्रतीक हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि कश्मीर के लोग आतंकवाद को अपने समाज का हिस्सा नहीं मानते। केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई की उम्मीद की जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और कश्मीर पर्यटकों के लिए फिर से सुरक्षित बन सके।