प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
अयोध्या : अयोध्या में आज एक ऐतिहासिक और गौरवपूर्ण क्षण दर्ज हुआ, जब श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केसरिया धर्म ध्वजा फहराई। इस पावन पल ने न केवल पूरे देश को भाव-विभोर कर दिया, बल्कि विश्वभर में बसे करोड़ों रामभक्तों के लिए भी यह एक अविस्मरणीय घोषणा बन गई कि सदियों की प्रतीक्षा के बाद राम मंदिर निर्माण अब अपने पूर्ण वैभव के साथ संपन्न हो चुका है।
प्रधानमंत्री मोदी सुबह विशेष पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मंदिर के गर्भगृह पहुँचे। वहां उन्होंने रामलला के चरणों में प्रणाम कर देश-विश्व की समृद्धि, शांति और सद्भाव की कामना की। इसके बाद मंदिर के भव्य शिखर की ओर अग्रसर होकर उन्होंने केसरिया धर्म ध्वजा को परंपरागत विधि-विधान के अनुसार फहराया। जैसे ही ध्वज शिखर पर लहराया, पूरा वातावरण जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा।
धर्म ध्वजा का फहराया जाना केवल एक अनुष्ठान नहीं, बल्कि राम मंदिर निर्माण की पूर्णता का वैश्विक संदेश माना जा रहा है। यह प्रतीक है उस अदम्य आस्था, धैर्य और एकता का, जिसने करोड़ों लोगों को पीढ़ियों तक जोड़कर रखा। मंदिर परिसर में उपस्थित संत-धर्माचार्यों ने इस क्षण को ‘धर्म पुनरुत्थान का आध्यात्मिक शंखनाद’ बताया।
मंदिर की वास्तुकला, उसकी दिव्यता और शिखर पर लहराते केसरिया ध्वज का दृश्य ऐसा था कि हजारों श्रद्धालु भाव-विह्वल हो उठे। अयोध्या नगरी आज दीपोत्सव जैसी आलोकित दिखाई दी, सड़कों पर रोशनी, मंदिरों में घंटियों का नाद और श्रद्धालुओं के चेहरों पर अपार उत्साह।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि राम मंदिर केवल एक स्थापत्य संरचना नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, मर्यादा और सनातन मूल्यों का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने इसे देश के आत्मगौरव का दिव्य अध्याय बताया। आज का यह ऐतिहासिक ध्वजारोहण भारत की आस्था और संकल्प का वह अध्याय है, जिसे आने वाली पीढ़ियाँ गर्व के साथ याद करेंगी।







