प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली : राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में बड़े पैमाने पर धांधली के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि मतदाता सूची में व्यापक अनियमितताएं हुईं, जिससे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को फायदा पहुंचा।
मतदाता सूची में असामान्य वृद्धि
राहुल गांधी ने कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 8.98 करोड़ थी, जो मई 2024 के लोकसभा चुनाव तक बढ़कर 9.29 करोड़ हो गई। लेकिन सिर्फ पांच महीने बाद, नवंबर 2024 के विधानसभा चुनाव में यह संख्या 9.70 करोड़ हो गई। यानी, पांच साल में 31 लाख मतदाताओं की वृद्धि की तुलना में, पांच महीने में 41 लाख मतदाताओं की वृद्धि संदिग्ध है।
उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बाद 39 से 72 लाख नए मतदाता जोड़े गए, जो हिमाचल प्रदेश की कुल मतदाता संख्या के बराबर है। यह असामान्य वृद्धि धांधली का संकेत है।
वोटर लिस्ट में अनियमितताएं
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए बताया कि वोटर लिस्ट में कई नामों के साथ पिता का नाम अधूरा है, कई पते शून्य हैं, और एक ही पते पर 46 मतदाता दर्ज हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 11,965 मतदाता ऐसे हैं, जो अलग-अलग बूथों पर दोहरे मतदान कर रहे हैं।कुछ मतदाताओं के पते और पहचान संदिग्ध हैं, और कई जगह फोटो गायब हैं। एक ही हॉस्टल में 9,000 मतदाता दर्ज होने का दावा भी किया गया।
राहुल गांधी ने कहा कि “चुनाव आयोग ने बार-बार अनुरोध के बावजूद डिजिटल वोटर लिस्ट और वोटिंग डे की सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध नहीं कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि आयोग पारदर्शी नहीं है और लोकतांत्रिक जवाबदेही से भाग रहा है। यह “वोट चोरी” को छिपाने का प्रयास है।
कर्नाटक केस स्टडी और “एटम बम” दावा
राहुल गांधी ने कर्नाटक की बेंगलुरु ग्रामीण लोकसभा सीट (महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र) का उदाहरण देते हुए कहा कि 6.5 लाख मतदाताओं में से 1 लाख वोटों की चोरी हुई। उनकी जांच में डुप्लीकेट वोटर, फर्जी पते और बल्क वोटर जैसे सबूत मिले। उन्होंने दावा किया कि छह महीने की जांच के बाद उनके पास “एटम बम” जैसे सबूत हैं, जो चुनाव आयोग की मिलीभगत को उजागर करेंगे।
महाराष्ट्र में “मैच फिक्सिंग” का आरोप
राहुल गांधी ने अपने लेख में महाराष्ट्र चुनाव को “लोकतंत्र में धांधली का ब्लूप्रिंट” बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पांच चरणों में पूरी की गई:चुनाव आयोग की नियुक्ति समिति पर कब्जा।
- फर्जी मतदाताओं को सूची में जोड़ना।
- मतदान प्रतिशत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना।
- लक्षित क्षेत्रों में फर्जी मतदान।
- सबूतों को छिपाना।
उन्होंने दावा किया कि यह “मैच फिक्सिंग” बिहार और अन्य राज्यों में भी दोहराई जा रही है।
चुनाव परिणामों पर संदेह
राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र में महायुती गठबंधन ने 288 सीटों में से 230 सीटें जीतीं, जिसमें भाजपा को 132 सीटें मिलीं। यह परिणाम स्वाभाविक नहीं लगता। उन्होंने एग्जिट पोल और वास्तविक परिणामों में अंतर का हवाला देते हुए कहा कि यह धांधली का संकेत है।
चुनाव आयोग और भाजपा पर आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग भाजपा के लिए वोट चोरी कर रहा है, और उनके पास इसके पुख्ता सबूत हैं। उन्होंने इसे “लोकतंत्र की हत्या” और “राष्ट्रद्रोह” करार दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि सबूत सार्वजनिक होने पर चुनाव आयोग को जवाब देना होगा, और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
चुनाव आयोग का जवाब
आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को “बेबुनियाद” और “गैर-जिम्मेदाराना” बताया। उन्होंने कहा कि “वोटर लिस्ट में वृद्धि जनसंख्या वृद्धि और 18-19 वर्ष के युवा मतदाताओं के कारण है। आयोग ने यह भी कहा कि राहुल ने उनके पत्रों का जवाब नहीं दिया।
Letter to Shri Rahul Gandhi, Hon'ble Member of Parliament and Hon'ble Leader of the Opposition in Lok Sabha
Expecting the signed declaration and oath@ECISVEEP pic.twitter.com/7CLG100V2r— Chief Electoral Officer, Karnataka (@ceo_karnataka) August 7, 2025
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल के आरोपों को “हताशा” का परिणाम बताया, जबकि चिराग पासवान ने कहा कि राहुल बिहार में हार के डर से बहाने बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल के दावों को महाराष्ट्र के मतदाताओं, खासकर महिलाओं का अपमान बताया।
राहुल गांधी सातत्याने खोटं बोलत आहेत आणि चुकीची विधाने करत आहेत.
राहुल गांधी लगातार झूठ बोल रहे हैं और गलत बयानबाजी कर रहे हैं।( मुंबई | 7-8-2025)@RahulGandhi @ANI#Maharashtra #Mumbai pic.twitter.com/pmRg2n6Llo
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) August 7, 2025
मामला सुप्रीम कोर्ट में भी विचाराधीन
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में मतदाता सूची में धांधली के गंभीर आरोप लगाए, जिनमें असामान्य वोटर वृद्धि, डुप्लीकेट वोटर, फर्जी पते, और चुनाव आयोग की पारदर्शिता की कमी शामिल हैं। उन्होंने कर्नाटक की एक सीट का अध्ययन और सबूतों का दावा किया, जिसे वे जल्द सार्वजनिक करने की बात कह रहे हैं। हालांकि, चुनाव आयोग और भाजपा ने इन आरोपों को खारिज किया है, और मामला सुप्रीम कोर्ट में भी विचाराधीन है।
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