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बिहार में मतदाता सूची सत्यापन…आधार, वोटर कार्ड, मनरेगा अमान्य, BLO खोज रहे 11 खास दस्तावेज !

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
July 4, 2025
in राज्य, विशेष
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प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर


पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान के तहत चुनाव आयोग ने कुछ बड़े बदलाव किए हैं। इस अभियान में आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, मनरेगा कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को मतदाता सत्यापन के लिए अमान्य कर दिया गया है। इसका उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध करना और अवैध प्रवासियों को हटाना है, ताकि केवल भारतीय नागरिक ही सूची में शामिल हों। इस प्रक्रिया में बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) 11 विशेष दस्तावेजों के आधार पर मतदाताओं की पहचान और पंजीकरण कर रहे हैं।

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मान्य 11 दस्तावेज चुनाव आयोग ने मतदाता सत्यापन के लिए 11 दस्तावेजों को मान्य किया है नियमित कर्मचारी या पेंशनभोगी का पहचान पत्र – सरकारी कर्मचारियों या पेंशनभोगियों द्वारा प्राप्त पहचान पत्र।

  • पासपोर्ट – भारतीय पासपोर्ट।
  • जन्म प्रमाण पत्र – सक्षम प्राधिकारी (जैसे नगर पालिका या रजिस्टर्ड अस्पताल) द्वारा जारी।
  • शैक्षिक प्रमाण पत्र – मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय से प्राप्त (जैसे मैट्रिक सर्टिफिकेट)।
  • स्थायी निवास प्रमाण पत्र – राज्य सरकार या स्थानीय निकाय द्वारा जारी।
  • जाति प्रमाण पत्र – OBC/SC/ST के लिए सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी।
  • वन अधिकार प्रमाण पत्र – वन क्षेत्रों में रहने वालों के लिए।
  • राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) – इससे संबंधित दस्तावेज।
  • सरकारी भूमि या मकान आवंटन प्रमाण पत्र – सरकार द्वारा जारी।
  • पारिवारिक रजिस्टर – राज्य सरकार या स्थानीय निकाय द्वारा जारी।
  • 1 जुलाई 1987 से पहले जारी प्रमाण पत्र – बैंक, डाकघर, LIC या अन्य सरकारी संस्था द्वारा जारी कोई दस्तावेज।

क्यों नहीं मान्य हैं आधार, वोटर कार्ड, मनरेगा कार्ड ?

चुनाव आयोग का कहना है कि “यह अभियान नागरिकता और स्थायी निवास की सटीक जांच पर केंद्रित है। आधार, वोटर कार्ड, मनरेगा कार्ड जैसे दस्तावेज सामान्य पहचान के लिए उपयोगी हैं, लेकिन ये नागरिकता या स्थायी निवास का पुख्ता सबूत नहीं माने गए। आयोग का मकसद मतदाता सूची से अवैध विदेशी घुसपैठियों को हटाना है, इसलिए केवल वे दस्तावेज मान्य हैं जो नागरिकता या जन्म/निवास को स्पष्ट रूप से साबित करते हों।

क्या है अभियान की प्रक्रिया !

बिहार में 77,895 BLO और 20,603 नए BLO सहित लाखों स्वयंसेवक घर-घर जाकर मतदाताओं से दस्तावेज एकत्र कर रहे हैं। प्रत्येक मतदाता को व्यक्तिगत गणना फॉर्म (Enumeration Form) भरना होगा। जिनका नाम 2003 की मतदाता सूची में है, उन्हें अतिरिक्त दस्तावेज की जरूरत नहीं है। नए मतदाताओं या 2003 के बाद जुड़े मतदाताओं को उपरोक्त 11 में से कोई एक दस्तावेज देना होगा। यदि माता-पिता का नाम 2003 की सूची में है, तो उनका रिकॉर्ड भी मान्य होगा।

मतदाता voters.eci.gov.in या Voter Helpline App के जरिए फॉर्म 6 (नया पंजीकरण) या फॉर्म 8 (सुधार) भर सकते हैं और दस्तावेज अपलोड कर सकते हैं। दस्तावेज सत्यापन के लिए 26 जुलाई 2025 तक का समय है। ड्राफ्ट मतदाता सूची 1 अगस्त 2025 को जारी होगी, और अंतिम सूची 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित होगी।

विवाद और विपक्ष के आरोप !

इस अभियान को लेकर बिहार में सियासी घमासान मचा हुआ है। इंडिया गठबंधन (RJD, कांग्रेस, आदि) ने आरोप लगाया है कि इस प्रक्रिया से करीब 2 करोड़ लोग, खासकर गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय, मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं, क्योंकि उनके पास वैकल्पिक दस्तावेज नहीं हैं। विपक्ष इसे मतदाताओं के वोटिंग अधिकार छीनने की साजिश बता रहा है। वहीं, चुनाव आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी है और किसी भी पात्र नागरिक को वंचित नहीं किया जाएगा।

जनता की परेशानी !

ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोगों, जैसे मजदूर मेघन मांझी, के पास केवल आधार, वोटर कार्ड या मनरेगा कार्ड हैं, जो अब मान्य नहीं हैं। उनके पास जाति या निवास प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज नहीं हैं, जिससे वे सत्यापन में असमर्थ हैं। कई महिलाओं और प्रवासी मजदूरों ने शिकायत की है कि उनके पास वैकल्पिक दस्तावेज नहीं हैं, और नया प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया जटिल और समय लेने वाली है।

कुछ क्षेत्रों में BLO ने लोगों को 25 जुलाई तक निवास या जाति प्रमाण पत्र बनवाने की सलाह दी है, लेकिन समय की कमी और जागरूकता का अभाव इसे और मुश्किल बना रहा है।

चुनाव आयोग की सफाई !

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा है कि “यह अभियान पूरी तरह पारदर्शी है और इसका उद्देश्य फर्जी मतदाताओं को हटाना है। 4.96 करोड़ मतदाताओं, जिनका नाम 2003 की सूची में है, को कोई अतिरिक्त दस्तावेज नहीं देना होगा। आयोग ने डिजिटल और मैदानी स्तर पर सुविधाएं बढ़ाई हैं, जैसे SMS सूचनाएं और ऑनलाइन फॉर्म।

अगर आप बिहार के मतदाता हैं, तो तुरंत अपने BLO से संपर्क करें या voters.eci.gov.in पर जाकर अपने दस्तावेज अपलोड करें। 26 जुलाई 2025 तक जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र या अन्य मान्य दस्तावेज बनवाएं। 2003 की मतदाता सूची में अपने या अपने माता-पिता के नाम की जांच करें, क्योंकि यह सत्यापन को आसान बना सकता है। यह अभियान बिहार के बाद असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में भी लागू होगा।

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