नई दिल्ली। सभी अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चे को सबसे बेहतरीन शिक्षा मिले. अब जब सरकारी स्कूल बदल रहे हैं तो दो नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं: पीएम श्री और सीएम श्री. इनके नाम लगभग एक जैसे हैं लेकिन इनका फंड, फोकस और दाखिले की शर्तें बहुत अलग हैं. ये पुराने सरकारी स्कूलों से अलग हैं. ये डिजिटल बोर्ड, मॉडर्न लैब्स और 21वीं सदी की स्किल्स पर फोकस करने वाले मॉडल स्कूल हैं. ये दोनों स्कूल भारत में सरकारी शिक्षा का नया और चमकीला भविष्य हैं.
अब अभिभावकों के सामने सवाल यह है कि बच्चे का एडमिशन पीएम श्री स्कूल में करवाएं या सीएम श्री स्कूल में. इस नई शिक्षा क्रांति में आप सही चुनाव कैसे करें? क्या PM श्री में दाखिला लेना आसान है या CM श्री में? एक योजना का पैसा केंद्र सरकार देती है तो दूसरी का राज्य सरकार. सही फैसले के लिए आपको दोनों के बीच के अंतर पता होने चाहिए. अगर आप अपने बच्चे के लिए मुफ्त में हाई-क्वॉलिटी एजुकेशन का रास्ता तलाश रहे हैं तो यह गाइड आपके लिए है.
पीएम श्री स्कूल में एडमिशन कैसे मिलता है?
PM श्री स्कूलों में दाखिले की प्रक्रिया बहुत आसान है क्योंकि ये मौजूदा सरकारी स्कूलों को अपग्रेड करके बनाए जाते हैं:
प्रवेश का आधार: ज्यादातर PM श्री स्कूलों में दाखिला उसी तरह होता है, जैसे सामान्य सरकारी स्कूलों में होता है.. यानी आसपास के क्षेत्र के बच्चों को प्राथमिकता दी जाती है.
कोई विशेष परीक्षा नहीं: आम तौर पर कक्षा 1 या कक्षा 6 के लिए कोई विशेष प्रवेश परीक्षा नहीं ली जाती है. इससे योजना का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचता है.
सीएम श्री स्कूल में एडमिशन कैसे मिलता है?
पीएम श्री स्कूल की तुलना में सीएम श्री स्कूल में एडमिशन मिल पाना थोड़ा कठिन हो सकता है.
दाखिले का आधार: सीएम श्री स्कूलों में सीटों की संख्या सीमित होने के कारण प्रवेश परीक्षा या लॉटरी सिस्टम का इस्तेमाल किया जा सकता है.
लक्ष्य: यह सुनिश्चित करना कि छात्र एक निश्चित स्तर की दक्षता (Competency) के साथ एडमिशन लें, ताकि स्कूल बेहतर शैक्षणिक परिणाम दे सके.
PM श्री स्कूलों में दाखिला सामान्य सरकारी नियमों पर होता है, जबकि CM श्री एक्सीलेंस स्कूलों में प्रवेश परीक्षा/चयन प्रक्रिया हो सकती है.







