नई दिल्ली। अमेरिका बहुत जल्द फिर से परमाणु परीक्षण की तैयारी में है. आइए इससे पहले यह जान लेते हैं कि आखिर अमेरिका या रूस किसके पास सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं.
अमेरिका ने एक बार फिर परमाणु शक्ति की परख करने का फैसला किया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को सेना को निर्देश दिया कि वे करीब 33 साल बाद दोबारा न्यूक्लियर हथियारों की टेस्टिंग शुरू करें. यह एलान उन्होंने उस समय किया, जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनकी अहम बैठक शुरू होने ही वाली थी. आइए जानें कि इस वक्त रूस या अमेरिका किसके पास सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं.
दुनिया में अगर कोई ऐसी चीज है जो एक पल में सभ्यता मिटा सकती है, तो वो है न्यूक्लियर हथियार. सवाल ये है कि धरती पर इस विनाश की सबसे बड़ी ताकत किसके पास है, रूस या अमेरिका? दोनों देश दशकों से परमाणु शक्ति की इस खामोश जंग में लगे हैं, जहां बटन दबाने की जरूरत सिर्फ एक पल की होती है, लेकिन असर सदियों तक रह सकता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस के पास कुल 5,977 परमाणु हथियार हैं. इनमें से लगभग 1700 हथियार तैनात स्थिति में हैं, यानी ये किसी भी वक्त लॉन्च के लिए तैयार हैं. बाकी बचे हथियार स्टोरेज और रिजर्व सिस्टम में रखे गए हैं.
रूस के ये हथियार जमीन से लेकर पानी के नीचे तक फैले हुए हैं. ICBM मिसाइलें, सबमरीन-लॉन्च्ड वॉरहेड्स और एयरबॉर्न न्यूक्लियर बॉम्बर्स ये रूस के हथियार हैं. रूस ने हाल के वर्षों में अपने हथियारों की रेंज और सटीकता दोनों में सुधार किया है, जिसमें ‘सारमत ICBM’ और ‘पोसाइडन टॉरपीडो’ जैसे डूम्सडे हथियार भी शामिल हैं.
अमेरिका के पास फिलहाल करीब 5428 परमाणु हथियार हैं. इनमें से भी लगभग 1700 सक्रिय स्थिति में और बाकी रिजर्व में हैं. अमेरिका की परमाणु रणनीति मुख्य रूप से ट्राइएड सिस्टम पर टिकी है, यानी भूमि, समुद्र और हवा से लॉन्च किए जाने वाले हथियारों का संतुलन.
अमेरिका ने पुराने हथियारों को आधुनिक बनाने की दिशा में बड़े कदम उठाए हैं, जिसमें ‘B61-12 न्यूक्लियर बॉम्ब’ और ‘Minuteman-III मिसाइल’ का अपग्रेड शामिल है.
हालांकि रूस की तुलना में अमेरिका के हथियार तकनीकी रूप से अधिक एडवांस माने जाते हैं, लेकिन कुल संख्या में वह पीछे है.
वर्ल्ड न्यूक्लियर एसोसिएशन के अनुसार, इस समय धरती पर लगभग 12,100 परमाणु हथियार मौजूद हैं. इनमें से 90% सिर्फ रूस और अमेरिका के पास हैं. बाकी हथियार चीन (500), फ्रांस (290), ब्रिटेन (225), पाकिस्तान (170), भारत (160), इजराइल (90) और उत्तर कोरिया (50) के पास हैं.







