नई दिल्ली: इस समय अमेरिका, रूस और चीन हाइपरसोनिक मिसाइल को तैयार करने में जुटे हुए हैं. हाइपरसोनिक मिसाइल साउंड की भी स्पीड से 5 गुना तेज चलती हैं. ये मिसाइलें सेकंडों में बड़ी दूरी तक हमला कर सकती हैं.
अमेरिका, चीन और रूस के बीच में इस समय हाइपरसोनिक मिसाइल बनाने की होड़ लगी हुई है. सभी देश तेजी से इस शक्ति को हासिल करने में जुटे हुए हैं.
जहां हाइपरसोनिक हथियारों को तैयार करने और तैनाती में अमेरिका सुस्ती दिखा रहा है. वहीं, इसका फायदा रूस और चीन उठा रहे हैं. हाइपरसोनिक कैपेबिलिटीज़ टास्क फोर्स की एक रिपोर्ट सामने आई है. जो बताती है कि हाइपरसोनिक मिसाइल कितनी कीमती है.
रिपोर्ट बताती है कि हाइपरसोनिक हथियारों को आधुनिक युद्ध में एक “बड़ी क्रांति” बताया गया है. अमेरिका इस तकनीक को अब नजरअंदाज नहीं कर सकता.
रिपोर्ट के मुताबिक, “हाई-स्पीड और हाइपरसोनिक क्षमताओं में अमेरिका की कमी बढ़ती जा रही है. रूस के पास पहले से ही Kinzhal, Tsirkon और Avangard जैसी हाइपरसोनिक मिसाइलें हैं.
चीन के पास DF-17 और DF-26 जैसे बैलिस्टिक मिसाइल सिस्टम हैं. अमेरिका के पास भी कुछ हाइपरसोनिक प्रोजेक्ट चल रहे हैं — लॉन्ग रेंज हाइपरसोनिक मिसाइल, Conventional Prompt Strike, एयर लॉन्च्ड रेपिड रिस्पॉन्स वेपन, हाइपरसोनिक अटैक क्रूज मिसाइल है.
इसी के साथ जहां अमेरिका ने “गोल्डन डोम” नाम के 175 अरब डॉलर के हेमीस्फेरिक मिसाइल शील्ड (missile shield) बनाने की योजना शुरू की है. वहीं, चीन ने इसको तैयार कर लिया है.