स्पेशल डेस्क/नई दिल्ली: नेपाल में हाल ही में हुए बड़े राजनीतिक बदलाव के बीच पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया है। यह नियुक्ति भ्रष्टाचार विरोधी ‘जेन-जेड’ (Gen-Z) प्रदर्शनों के बाद हुई, जिनमें कम से कम 51 लोगों की मौत हो गई और पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर सुशीला कार्की को बधाई दी, जिसमें उन्होंने लिखा “I extend my best wishes to Right Hon. Mrs. Sushila Karki on assuming office as the Prime Minister of the Interim Government of Nepal.” यहाँ “RIGHT” शब्द “Right Honourable” का हिस्सा है, जो एक औपचारिक संबोधन है। आइए पूरी रिपोर्ट को विस्तार में एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं।
I extend my best wishes to Right Hon. Mrs. Sushila Karki on assuming office as the Prime Minister of the Interim Government of Nepal. India remains firmly committed to the peace, progress and prosperity of the people of Nepal.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 13, 2025
“RIGHT… मिसेज सुशीला कार्की” क्यों लिखा ?
इसका मतलब क्या है? “Right Honourable” का अर्थ यह ब्रिटिश संसदीय परंपरा से लिया गया एक सम्मानजनक उपाधि (honorific title) है, जो उच्च पदाधिकारियों (जैसे प्रधानमंत्री, मंत्रियों या सांसदों) के लिए इस्तेमाल होता है। नेपाल जैसे राष्ट्रमंडल (Commonwealth) देशों में यह आम है। “Right Hon.” का मतलब “माननीय” या “सम्माननीय” होता है, जो व्यक्ति के पद की गरिमा को दर्शाता है। यह कोई गलती या राजनीतिक संकेत नहीं, बल्कि डिप्लोमेटिक और आधिकारिक भाषा का हिस्सा है।
क्यों इस्तेमाल किया ?
पीएम मोदी ने इसे अंतरराष्ट्रीय शिष्टाचार के तहत अपनाया। नेपाल के विदेश मंत्रालय ने भी अपनी आधिकारिक स्टेटमेंट में लिखा “We welcome the formation of a new Interim Government in Nepal, led by Right Honourable Mrs Sushila Karki.” विश्व के अन्य नेता भी इसी तरह बधाई दे रहे हैं, जैसे यूके या ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों ने। यह नेपाल की पहली महिला पीएम को सम्मान देने का तरीका है।
पीएम मोदी का यह ट्वीट 13 सितंबर को आया, जब सुशीला कार्की ने 12 सितंबर को राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल से शपथ ली। हिंदी में भी उन्होंने लिखा “नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री के रूप में पद ग्रहण करने पर माननीय सुशीला कार्की जी को हार्दिक शुभकामनाएं।” (यहाँ “माननीय” “Right Honourable” का अनुवाद है।)
नेपाल की अंतरिम सरकार की प्रधानमंत्री के रूप में पद ग्रहण करने पर माननीय सुशीला कार्की जी को हार्दिक शुभकामनाएं। नेपाल के भाई-बहनों की शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए भारत पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
— Narendra Modi (@narendramodi) September 13, 2025
नेपाल में क्या हुआ ?
नेपाल में 8 सितंबर से शुरू हुए ‘जेन-जेड’ प्रदर्शन सोशल मीडिया बैन (26 प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध) से भड़के, जो जल्दी भ्रष्टाचार और राजनीतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़े आंदोलन में बदल गए। युवाओं ने ओली सरकार को “भ्रष्ट” बताते हुए इस्तीफे की मांग की। हिंसा में 51 मौतें हुईं, जिसमें एक भारतीय नागरिक भी शामिल था। सेना ने मध्यस्थता की, संसद भंग हुई, और सुशीला कार्की को अंतरिम पीएम चुना गया।
सुशीला कार्की कौन हैं ?
73 वर्षीय सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस (2016-2017) रहीं। भ्रष्टाचार विरोधी छवि के कारण जेन-जेड प्रदर्शनकारियों की पसंद बनीं। वे बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से पढ़ी हैं और भारत को “दोस्त” मानती हैं।
उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ की “मोदी जी को नमस्कार करती हूं… भारत से प्रभावित हूं।” BHU के दिनों को याद करते हुए कहा, “गंगा किनारे हॉस्टल था, आज भी टीचर्स याद हैं।” अंतरिम सरकार को हिंसा की जांच, कानून-व्यवस्था बहाल करना और 2026 चुनाव कराना है। वे पारंपरिक राजनीतिक दलों और युवाओं दोनों को एकजुट करने वाली “कंसेंसस लीडर” हैं।
भारत का रुख
पीएम मोदी ने मणिपुर (इम्फाल) से भाषण में कहा “सुशीला जी का पीएम बनना महिला सशक्तिकरण का उदाहरण है। नेपाल के युवाओं ने सड़कें साफ कीं, यह समर्पण की मिसाल है।” भारत ने नेपाल की शांति-समृद्धि के लिए प्रतिबद्धता जताई। विदेश मंत्रालय ने कहा “भारत नेपाल के साथ विकास साझेदारी जारी रखेगा।” ओली सरकार गिरने से भारत-नेपाल संबंधों पर असर की चर्चा है, लेकिन कार्की का भारत-समर्थक रुख राहत है।