Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home विशेष

जी 20 सम्‍मेलन का मातम पीओके में क्यों मना रहे हैं बिलावल भुट्टो?

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
May 25, 2023
in विशेष, विश्व
A A
Bilawal Bhutto
16
SHARES
531
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

अशोक भाटिया


पूरी दुनिया इस बात से काफी अच्‍छे वाकिफ है कि पाकिस्‍तान किस कदर जम्मू कश्‍मीर में आयोजित हो रहे जी-20 सम्‍मेलन से परेशान है. उसे अब इस सम्‍मेलन के खिलाफ परममित्र चीन का भी साथ के लिए उकसा रहा है. पूरी दुनिया के सामने सम्‍मेलन को असफल करार देने के मकसद से मुल्‍क के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने एक जहरीला प्‍लान बनाया है. इस प्‍लान के तहत जी-20 आयोजन के दौरान ही बिलावल पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर यानी पीओके के दौरे पर निकल गए हैं . जम्‍मू कश्‍मीर की राजधानी श्रीनगर में 22 से 24 मई तक जी-20 सम्‍मेलन का आयोजन हो रहा हैं . इस बार भारत इस सम्‍मेलन की अध्‍यक्षता कर रहा है. जिस समय श्रीनगर में जी-20 सम्‍मेलन के लिए दुनिया भर से राजनयिकों और वरिष्‍ठ मंत्रियों की टीम इकट्ठा हुई हैं , उसी समय बिलावल भी इससे कुछ ही दूरी पीओके में मौजूद हैं . 21 से 23 मई तक बिलावल पीओके में रह रहे. 23 मई को बिलावल बाग कश्‍मीर में कश्‍मीरी शरण‍ार्थियों के साथ मुलाकात की. साथ ही एक रैली को भी संबोधित किया . यह जानकारी ऐसे समय में आई है जब चीन की तरफ से जी-20 सम्‍मेलन के आयोजन का विरोध किया गया है. बाग कश्‍मीर मुजफ्फराबाद से 80 किलोमीटर दूर और श्रीनगर से करीब 100 किलोमीटर दूर स्थित है. जबकि पाकिस्‍तान की राजधानी इस्‍लामाबाद से यह 160 किमी दूर है.

इन्हें भी पढ़े

hypersonic missile

अमेरिका-रूस या चीन…सबसे ज्यादा हाइपरसोनिक मिसाइल कौन बना रहा है?

October 10, 2025

परियोजनाओं को पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को मिलेगी विशेष सहायता

October 10, 2025
India and Britain

भारत-ब्रिटेन के बीच हुई बड़ी डील, किन-किन समझौतों पर हुए हस्ताक्षर?

October 9, 2025
trump

ट्रंप को शांति का नोबेल दिलाने में जुटा ह्वाइटहाउस!

October 9, 2025
Load More

बिलावल ने कुछ महीने पहले ही संयुक्‍त राष्‍ट्र में कश्‍मीर पर एक बड़ा सच कबूल किया था. बिलावल ने माना था कि पाकिस्‍तान, कश्‍मीर मसले को यूएन में एक मुख्‍य मुद्दा बनाने में असफल रहा है. उन्‍होंने यह सच भी कबूला था कि कश्‍मीर मुद्दे पर यूएन का ध्‍यान आकर्षित करने में भी वह विफल रहा है. पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री ने कहा था कि जहां उनके देश की सारी कोशिशें फेल हो गईं तो कश्‍मीर पर भारत के सभी कूटनीतिक प्रयास यूएन में सफल रहे हैं. ऐसा लगता है कि अब वह पीओके जाकर एक और असफल कोशिश को अंजाम देना चाहते हैं.

चीन ने कश्मीर में जी-20 मीटिंग का यह कहकर विरोध किया कि यह एक विवादित क्षेत्र है और ऐसे आयोजनों का वह दृढ़ता से विरोध करता है. साथ ही उसने इसमें हिस्‍सा न लेने का ऐलान कर दिया है. चीन के विदेश मंत्रालय की मानें तो तुर्की और सऊदी अरब ने भी श्रीनगर में होने वाले कार्यक्रम के लिए रजिस्‍ट्रेशन नहीं कराया है. हालांकि भारत की तरफ से भी चीन को बराबर जवाब दिया गया है. भारत ने कहा ह कि वह अपने क्षेत्र में ऐसे सम्‍मेलन कराने के लिए आजाद है.

गौरतलब है कि G20 सम्मेलन इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह जम्मू कश्मीर में हो रहा है. ये वही जम्मू कश्मीर है जहां पर पर्यटक नहीं जाया करते थे और जाते भी थे तो बड़ी कम संख्या में.यह वही जम्मू कश्मीर है जहां फिल्म की शूटिंग तक नहीं हो पाती थी. यह वही जम्मू कश्मीर है जहां पर पहले आतंकवाद बोलता था, जहां दहशतगर्दों की संख्या की कोई गिनती नहीं थी. यहां तक कि जो प्रायोजक पत्थरबाजों की भी संख्या ज्यादा थी. यह वही जम्मू कश्मीर है जहां जाने से पहले लोगों के सामने आतंकवाद, दहशतगर्द और पत्थरबाजों की अलग तस्वीर बन जाती थी.

लेकिन अब जम्मू-कश्मीर बदल चुका है बदलाव की बयार यहां पर बहुत तेजी से बह रही है. इस जी-20 बैठक के चलते एक दो या तीन नहीं बल्कि 20 देशों के प्रतिनिधि यहां बैठक कर रहे हैं . जम्मू कश्मीर में अब आतंकवाद को लेकर बात नहीं होती, जम्मू कश्मीर में आज अलगाववाद को लेकर बात नहीं होती, यहां दहशतगर्दों को लेकर बात नहीं होती, ना ही यहां अब पत्थरबाजों को लेकर बात होती है. अब जम्मू कश्मीर में विकास की बात होती है और संभावनाओं की बात होती है.

भारत सरकार भी लगातार विकास और संभावनाओं को लेकर जम्मू-कश्मीर में काम कर रही है.जम्मू कश्मीर की सुंदरता को हम सभी जानते हैं, यहां जी 20 को लेकर सभी तैयारियों के साथ जम्मू कश्मीर की सड़कों और चौराहों पर जी-20 के बड़े-बड़े बैनर देखने को मिल सकते हैं यही नहीं इसके चलते चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बल और सुरक्षा एजेंसी तैनात है. एयरपोर्ट से लेकर शेर-ए-कश्मीर कन्वेंशन सेंटर तक कई लेवल की सिक्योरिटी तैनात है.

एन एस जी और मार्कोस कमांडो भी चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा में लगे हुए हैं. आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए खास ध्यान दिया जा रहा है क्योंकि आने वाला एक हफ्ता जम्मू कश्मीर के लिए बेहद खास होने वाला है. ऐसे में जम्मू-कश्मीर की एक अलग तस्वीर दुनिया के सामने उभरकर आएगी. जम्मू कश्मीर की जनता भी प्रदेश को आगे बढ़ते देखना चाहती है.वैसे तो जी-20 की बैठक के देश के कई अलग-अलग शहरों में होनी है लेकिन उसमें से जम्मू कश्मीर एक खास और अहम भूमिका निभा रहा है.

इस बैठक में पर्यटन को लेकर चर्चा के आलावा फिल्म पर्यटन को लेकर चर्चा के साथ , संभावनाओं को लेकर चर्चा हो रही है , तंकवाद को लेकर चर्चा होगी, जलवायु परिवर्तन को लेकर भी चर्चा होगी, स्वास्थ्य को लेकर भी चर्चाएं होंगी.दरअसल जम्मू कश्मीर में फैले आतंकवाद के बाद सभी के सामने एक ऐसी तस्वीर बन रही थी जिसमें यह दिखता था कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद है, लेकिन 20 देशों के प्रतिनिधियों ने जम्मू कश्मीर में आकर बता दिया कि जम्मू कश्मीर डिस्प्यूटेड एरिया नहीं है.

जम्मू कश्मीर जाने से पहले अपने ही देश के लोग वहां जाने से डरा करते थे लेकिन इस बैठक के बाद लोगों के मन का वह भी दूर हो चुका है. अब जम्मू कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने से कोई नहीं रोक सकता.फैले हुए आतंकवाद के चलते किसी भी फिल्म की शूटिंग करने के लिए भी लोग डरते थे लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है अब फिल्म पर्यटन को भी तेजी से बढ़ावा मिलेगा. देश के कुछ खास राज्यों को भी इसमें लाभ हो सकता है.

एक समय था जब धरती का स्वर्ग जम्मू-कश्मीर आतंक के साए में था, दहशतगर्दी का आलम हुआ करता था. जो ना हो पसंद हो तो उनके ऊपर पत्थर फेंके जाते थे. पाकिस्तान के पैरोकार राजनीति को ढाल बनाकर अपनी सियासी रोटियां सेंका करते थे. इस स्वर्ग को देखने के लिए ना तो पर्यटक पहुंचते थे, ना भारतीय फिल्मों की यहां शूटिंग हुआ करती.अब भारत के इतिहास में एक तारीख जुड़ गई, जो थी 5 अगस्त 2019. यह वही तारीख है जब भारत ने पाकिस्तान के मुंह पर करारा तमाचा मारा था.

जब लोकसभा में अमित शाह गरजते हुए कहा था, “कि क्या गुलाम कश्मीर को आप भारत का हिस्सा नहीं मानते? हम जान दे देंगे कश्मीर के लिए.” यही था वो ऐतिहासिक दिन जब भारत ने पाकिस्तान के मुंह पर जोरदार तमाचा मारा था.जम्मू कश्मीर में हो रही जी-20 बैठक के चलते पाकिस्तान के मुंह पर भारत ने ऐसा करारा तमाचा मारा है, जिससे पाकिस्तान पूरी तरह से बौखलाया हुआ है.

पाकिस्तान को इस कदर मिर्ची लगी कि उसने साफ तौर पर कहा कि कश्मीर विवादित जगह है और जब तक इस मामले का हल नहीं होता तब तक वहां कोई भी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन नहीं हो सकता. यहां तक कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भी कई बार जी-20 का जिक्र करते हुए कहा कि आखिर जी-20 बैठक के लिए जम्मू-कश्मीर को ही क्यों चुना.

सिर्फ इतना बोलने के बाद पाकिस्तान चुप नहीं बैठ रहा है वो लगातार जम्मू कश्मीर के कई इलाकों में अपने आतंकवादियों को भेज रहा है और कुछ ऐसा करना चाह रहा है, जिससे जम्मू-कश्मीर में अशांति पैदा हो. भारत की सुरक्षा एजेंसी जम्मू कश्मीर के चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं और लगातार पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को ध्वस्त कर रही है. जी-20 बैठक से पहले भारतीय सेना और सुरक्षाबलों ने कई आतंकियों को धर दबोचा है.

पाकिस्तान के कड़वे बोल का जवाब देते हुए पहले ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जी-20 की मीटिंग कहां होगी और कहां नहीं इस बात से पाकिस्तान का कोई ताल्लुक नहीं हो सकता और न होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस मुद्दे पर कुछ नहीं कह सकता क्योंकि वह इस ऑर्गेनाइजेशन का हिस्सा ही नहीं है. उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर भारत का अटूट हिस्सा था और रहेगा हम अपने देश में जहां चाहेंगे वहां इसकी मीटिंग करा सकते हैं.

जी-20 की बैठक जम्मू कश्मीर की जनता और वहां के हस्तशिल्प उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए एक बड़ा मौका है. अब जम्मू कश्मीर के उत्पादों को बड़ा बाजार मिलने वाला है अब यहां के उत्पाद लोकल से ग्लोबल बनने की ओर बढ़ रहे हैं. जम्मू कश्मीर के पारंपरिक कढ़ाई यानी कि सोजनी कढ़ाई को अपना खोया हुआ स्थान मिल जाएगा. पश्मीना शॉल की पहचान दुनिया भर में है और इसके हुनरमंदों को बड़ा बाजार मिलेगा.

यदि हम पर्यटकों की बात करें तो जम्मू कश्मीर में न केवल भारत देश के पर्यटक पहुंचेंगे बल्कि जी-20 देशों के पर्यटक भी जम्मू कश्मीर का दौरा करेंगे. इन पर्यटक में गल्फ देशों के पर्यटक ज्यादा हो सकते हैं क्योंकि उन्हें कभी भी ऊंचे-ऊंचे पहाड़ देखने का मौका नहीं मिल पाता है. जी -20 जो एक वार्षिक बैठक है और जिस देश में यह बैठक होती है वहां के आतंकवाद, पर्यटन, आर्थिक परेशानी, ग्लोबल वार्मिंग और स्वास्थ्य को लेकर बातें होती है.

यह 20 देश पूरी दुनिया का 80 प्रतिशत आर्थिक उत्पादन होल्ड करते हैं. जीडीपी में भी इनका बड़ा योगदान है. दुनिया भर की 70 प्रतिशत से ज्यादा आबादी इन 20 देशों में है. जिसका मकसद है आपस में आर्थिक सहयोग करना, व्यापार को बढ़ावा देना. इसीलिए जी 20 की बैठक पर सबकी नजर होती है.यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि देश की पूर्व सरकारों ने जी 20 जैसी बैठक, आतंकवाद, पर्यटन, ग्लोबल वार्मिंग और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया.

बात अगर जम्मू-कश्मीर की राजनीति कि की जाए तो जम्मू कश्मीर को पहले सबसे अलग रखा गया था, जिससे प्रदेश को फंड भी मिलता जाए और वहां के नेताओं की सियासत भी चमकती रहे. भारत सरकार से गए हुए फंड को जनता तक पहुंचाने की बजाय जम्मू कश्मीर के नेता अपनी जेब में धारा करते थे. आतंकवाद और तनावपूर्ण माहौल होने की वजह से जम्मू-कश्मीर के युवाओं की जो शक्ति और समय था वह पूरी तरह से खराब हो चुका है.

उनके मन में एक ही बात बैठी रहती थी, वह यह थी कि हम भारतीय नहीं है और वे भारत के लोगों को जम्मू-कश्मीर से भगा देते थे. जम्मू कश्मीर के युवाओं को जल्दी सेना में भर्ती नहीं मिलती थी. लेकिन अब वहां के युवाओं में उत्साह भर गया है. साल 2019 के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में कई सारी कंपनियां आने के लिए तैयार बैठी है और जी-20 बैठक के बाद यहां ट्रेडिंग बढ़ जाएगी जिसके बाद युवाओं को नए रोजगार का अवसर और विकल्प मिलते रहेंगे. अब जम्मू कश्मीर के युवाओं को हाथ में पत्थर नहीं उठाना पड़ेगा.

एक समय था जब जम्मू कश्मीर में आतंकवाद फैला हुआ था. पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों के साथ आतंकवाद और दहशतगर्दी को जम्मू कश्मीर में बढ़ावा दे रहा था, जिससे जम्मू-कश्मीर आतंक के साए में पल रहा था. जम्मू कश्मीर की सियासत भी पहले कुछ खास नहीं थी यहां पर नेता बस राजनीतिक रोटियां सेकते थे और जनता के फंड को अपने जेब में भर लेते थे. लेकिन समय बदलते देर नहीं लगती अब जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजों को स्पॉन्सर करने वालों की दुकानें बंद हो चुकी है या कहा जाए कि वह लोग सड़क पर आ चुके हैं. जम्मू कश्मीर का समय बदल गया है वहां विकास हो रहा है संभावनाएं सामने आ रही है और यह पूरी दुनिया देख रही है और जी 20 इसका जीता-जागता सबूत है.

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
opposition to unite

सामूहिक वैचारिक पतन पर आत्म चिंतन करे विपक्षी दल

April 28, 2023

धोनी की राह पर चले पंत, टेस्ट में किया यह बड़ा कारनामा

December 14, 2022

236 करोड़ से तैयार होगा यूपी का चौथा इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम : सीएम योगी

May 19, 2025
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • अमेरिका-रूस या चीन…सबसे ज्यादा हाइपरसोनिक मिसाइल कौन बना रहा है?
  • बिहार चुनाव: सीट बंटवारे पर राजी हुए चिराग पासवान, जल्द होगा ऐलान
  • दिल्ली सरकार का ऐलान, प्रदूषण कम का तरीका बताने पर मिलेंगे 50 लाख

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.