अबोहर (पंजाब)। बेरोजगारी की समस्या इस कदर हावी है कि उच्च शिक्षित युवा रोजगार न मिलने के कारण आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर हैं। ऐसा ही मामला अबोहर के वरियाम नगर में सामने आया, जहां एग्रीकल्चर में बीएससी की डिग्री हासिल करने वाली छात्रा ने बेरोजगारी से परेशान होकर डिग्गी (टैंक) में कूदकर आत्महत्या कर ली।
गुरुवार सुबह उसका शव डिग्गी से बरामद हुआ। थाना नंबर-2 की पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया। जानकारी के अनुसार हनुमानगढ़ रोड वरियाम नगर निवासी करीब 25 वर्षीय सारिका के पिता बनवारी लाल का पहले ही निधन हो चुका है, जबकि एक भाई और दो बहनों में वह सबसे बड़ी थी और उसकी मां गांव दुतारांवाली में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है।
मृतका की मां के बयान के अनुसार सारिका ने एग्रीकल्चर से बीएससी की डिग्री हासिल की थी लेकिन रोजगार न मिलने से काफी समय से मानसिक रूप से परेशान थी। बुधवार शाम करीब चार बजे सारिका अचानक घर से निकल गई और हनुमानगढ़ रोड स्थित वाटर वर्क्स की डिग्गी में छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। इधर, परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की लेकिन सारिका का कोई पता नहीं चला।
शुक्रवार सुबह नई आबादी गली नंबर सात निवासी पुष्प शर्मा रोजाना की तरह कुछ साथियों सहित वाटर वर्क्स में पक्षियों को दाना डालने पहुंचे तो उन्होंने वहां बनी एक डिग्गी में युवती का शव पड़ा देखा और जहां डिग्गी के पास ही एक लोहे का कड़ा व काले रंग की चप्पल भी पड़ी थी। पुष्प ने इस बात की सूचना वहां के पंप ऑपरेटर व जेई को दी।
घटना की सूचना मिलते ही थाना नंबर-2 की पुलिस मौके पर पहुंची और संस्था नर सेवा नारायण सेवा समिति के सदस्यों बिट्टू नरूला व मोनू ग्रोवर की मदद से शव को डिग्गी से बाहर निकलवाकर सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। इधर, सोशल मीडिया पर डिग्गी से युवती का शव मिलने की खबर देख वरियाम नगर निवासी लापता युवती के परिजन सरकारी अस्पताल पहुंचे और उसकी पहचान सारिका पुत्री बनवारी लाल के रूप में की। परिजनों का कहना है कि बीएससी एग्रीकल्चर करने के बाद भी वह बेरोजगार थी और इसके चलते कुछ दिनों से मानसिक रूप से परेशान रहती थी। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद धारा 174 की कार्रवाई करते हुए शव परिजनों के हवाले कर दिया।