नई दिल्ली. अगर आप रिटायरमेंट के बाद आर्थिक रूप से सुरक्षित रहना चाहते हैं, तो नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक भरोसेमंद विकल्प है. यह सरकार समर्थित और मार्केट-लिंक्ड स्कीम है, जो भारतीय नागरिकों और एनआरआई दोनों के लिए खुली है. इसकी खासियत यह है कि निवेशक अपनी जोखिम क्षमता के हिसाब से इक्विटी, कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश चुन सकते हैं. टैक्स छूट, कंपाउंडिंग से बढ़त और लंबी अवधि में स्थिर रिटर्न इसे रिटायरमेंट प्लानिंग का बेहतरीन साधन बनाते हैं.
खाता खोलना आसान, निवेश में लचीलापन
NPS खाता खोलना बेहद सरल है. सिर्फ ₹1,000 से इसकी शुरुआत की जा सकती है और यह सुविधा बैंक, डाकघर या पेंशन फंड दफ्तर में मिलती है. इस स्कीम में 18 से 70 साल तक का कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है. इसमें दो तरह के खाते होते हैं—टियर I और टियर II. टियर I में रिटायरमेंट तक पैसे सुरक्षित रहते हैं, जबकि टियर II में कभी भी निकासी की जा सकती है. इसके अलावा निवेशक एक्टिव च्वाइस (Active Choice) के तहत खुद फंड का चयन कर सकते हैं या ऑटो च्वाइस (Auto Choice) के जरिए सिस्टम को यह तय करने दे सकते हैं कि उम्र के अनुसार निवेश कहां किया जाए.
10,000 रुपये महीने से बनेगा 8.84 करोड़ रुपये का फंड
अगर कोई व्यक्ति 25 साल की उम्र से हर महीने 10,000 रुपये NPS में निवेश करता है और हर साल अपनी जमा राशि 5 फीसदी बढ़ाता है, तो 35 साल बाद उसकी कुल निवेश राशि करीब 1.08 करोड़ रुपये होगी. NPS के एक्टिव च्वाइस विकल्प में अगर औसतन 12.11 फीसदी सालाना रिटर्न मिले, तो कंपाउंडिंग की ताकत से यह राशि बढ़कर लगभग 8.84 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है. यानी मामूली रकम से भी भविष्य के लिए करोड़ों का फंड तैयार किया जा सकता है.
रिटायरमेंट पर 2 लाख रुपये महीना पेंशन
60 साल की उम्र में इस फंड का 60 फीसदी यानी 5.3 करोड़ रुपये एकमुश्त निकाला जा सकता है, जबकि शेष 40 फीसदी यानी 3.53 करोड़ रुपये एन्युटी प्लान में जाता है. इससे हर महीने लगभग 2 लाख रुपये की पेंशन मिल सकती है, जो रिटायरमेंट के बाद स्थिर आय का मजबूत जरिया बनती है. NPS न केवल सुरक्षित निवेश है, बल्कि यह आर्थिक स्वतंत्रता और मानसिक शांति का वादा भी करता है. अगर आप समय रहते निवेश शुरू करते हैं, तो भविष्य में पैसों की कोई चिंता नहीं रहेगी.







