प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने पर्यटकों और नागरिकों पर हमला किया, जिसमें 26 लोग मारे गए। जिनमें 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक शामिल थे। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन TRF (लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा) ने ली थी। हमले के 15 दिन बाद, 6-7 मई 2025 की रात, भारतीय सशस्त्र बलों (सेना, वायुसेना, और नौसेना) ने एक संयुक्त अभियान, जिसे ऑपरेशन सिंदूर नाम दिया गया के तहत पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया। इस ऑपरेशन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाम दिया, जो पहलगाम हमले में मारे गए पुरुषों के कारण महिलाओं के “सिंदूर” छिनने के प्रतीकात्मक जवाब के रूप में देखा गया।
ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-1
भारतीय वायुसेना ने राफेल जेट्स, स्कैल्प क्रूज मिसाइलों, और हैमर स्मार्ट बमों का उपयोग कर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया। इनमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, और हिजबुल मुजाहिदीन के शिविर शामिल थे।
कौन-कौन से ठिकानों पर हुआ हमंला ?
- मरकज सुभान अल्लाह, बहावलपुर (जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय)।
- मरकज तैयबा, मुरीदके (लश्कर-ए-तैयबा का मुख्यालय)।
- सरजाल/तेहरा कलां कैंप।
- महमूना जोया फैसिलिटी, सियालकोट (हिजबुल मुजाहिदीन)।
- मरकज अहले हदीस, बरनाला, भिंबर।
- सवाई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद (लश्कर-ए-तैयबा)।
- मस्कर राहील शाहिद, कोटली।
- सैयदना बिलाल कैंप (जैश-ए-मोहम्मद)।
- अन्य ठिकाने (गुलपुर, चक अमरू)।
हमले में कितने आतंकी मारे गए ?
विभिन्न रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हमले में 70 से 100 आतंकी मारे गए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद के 30 से अधिक आतंकी और मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य शामिल थे। भारत ने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, किसी भी पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान को नुकसान नहीं पहुंचाया, जिससे यह कार्रवाई गैर-उकसावे वाली और जिम्मेदारपूर्ण रही। ऑपरेशन 6-7 मई की रात 1:05 बजे शुरू हुआ और 1:30 बजे तक (लगभग 25 मिनट) चला। यह गोपनीय और तेजी से अंजाम दिया गया, जिसमें भारतीय विमानों ने सीमा पार नहीं की, बल्कि भारतीय हवाई क्षेत्र से ही मिसाइलें दागीं।
ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2: 21 में से 9 तबाह, 12 बाकी !
रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) ने 21 आतंकी ठिकानों की सूची तैयार की थी, जिनमें से 9 को ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-1 में नष्ट किया गया। शेष 12 ठिकानों को निशाना बनाने की योजना को “ऑपरेशन सिंदूर पार्ट-2” के रूप में चर्चा किया जा रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में हाई-अलर्ट जारी किया गया। इस्लामाबाद, लाहौर, और कराची जैसे शहरों में ब्लैकआउट की स्थिति रही। पाकिस्तानी सेना ने LoC पर गोलाबारी शुरू की, जिसमें 12 नागरिकों की मौत और 42 के घायल होने की खबर है।
आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन !
अमेरिका ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया, लेकिन परमाणु तनाव को लेकर सतर्कता की सलाह दी। भारत ने P5 देशों और UNSC के अस्थायी सदस्यों को ऑपरेशन की जानकारी दी, जिसमें पाकिस्तान की आतंकी गतिविधियों को उजागर किया गया।
आतंकवाद पर कड़ा संदेश ऑपरेशन सिंदूर को पहलगाम हमले के साथ-साथ पिछले 25 वर्षों के आतंकी हमलों (जैसे मुंबई हमला, संसद हमला) का जवाब माना जा रहा है। भारत में इस कार्रवाई को व्यापक समर्थन मिला। विपक्षी नेता जैसे अखिलेश यादव और सत्यपाल मलिक ने सेना की सराहना की। ऑपरेशन के बाद भारत में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, और अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में हाई-अलर्ट जारी किया गया। कई एयरपोर्ट्स पर उड़ानें रद्द की गईं। “सिंदूर” नाम इसलिए चुना गया क्योंकि पहलगाम हमले में आतंकियों ने मुख्य रूप से पुरुषों को निशाना बनाया, जिससे कई महिलाओं का सुहाग उजड़ा।







