नई दिल्ली: समंदर के बीच एक ऐसी जेल, जिसे अमेरिका की सबसे सुरक्षित और अभेद्य (टूट न सकने वाली) माना जाता था. नाम था- अलकाट्राज (Alcatraz). कहा जाता था कि यहां से भागना नामुमकिन है. क्योंकि जेल के चारों तरफ गहरे और बर्फ जैसे ठंडे पानी का समंदर था, जिसमें तेज धार, शार्क और मौत का डर मंडराता था. लेकिन जून 1962 की एक रात ने इस दावे को झुठला दिया. उस रात तीन कैदी ऐसे फरार हुए कि आज तक उनकी किस्मत एक रहस्य बनी हुई है.
अलकाट्राज जेल सैन फ्रांसिस्को खाड़ी (San Francisco Bay) के बीच एक छोटे से द्वीप पर बनी थी. 1934 से 1963 तक यह जेल अमेरिका के सबसे खतरनाक कैदियों का ठिकाना रही. यहां माफिया बॉस अल कैपोन जैसे नामी अपराधी भी बंद रहे. जेल की सुरक्षा इतनी कड़ी थी कि किसी को विश्वास ही नहीं था कि कोई कैदी कभी यहां से निकल सकेगा.
लेकिन जेल के इतिहास में सबसे बड़ा झटका 11 जून 1962 की रात को लगा. तीन कैदी और उनकी खतरनाक योजना ने सबको गलत साबित कर दिया.
इस घटना के मुख्य किरदार थे- फ्रैंक मॉरिस (Frank Morris)- बेहद चालाक और तेज दिमाग वाला अपराधी, क्लेरेंस एंगलिन (Clarence Anglin)- बैंक लुटेरा, जॉन एंगलिन (John Anglin)- क्लेरेंस का भाई और उसका साथी. ये तीनों लंबे समय से एक ही वार्ड में बंद थे और धीरे-धीरे उन्होंने जेल की कमजोरियों पर नजर डालनी शुरू कर दी.
दीवारों में सुराख और नकली सिर
कैदियों ने बड़ी चालाकी से एक चम्मच, छेनी और ड्रिल जैसी चीजों का इस्तेमाल करके अपनी सेल की दीवारों में छोटे-छोटे छेद बनाए. धीरे-धीरे ये छेद इतने बड़े हो गए कि इंसान उसमें से निकल सके. लेकिन असली मुश्किल थी जेलर को धोखा देना. इसके लिए उन्होंने साबुन, प्लास्टर और असली बालों से नकली सिर बनाए. रात में जब गार्ड चेक करते तो उन्हें लगता कि कैदी सो रहे हैं, जबकि असल में वे दीवार के पीछे निकल चुके होते. साथ ही, उन्होंने जेल में मिलने वाली रेनकोट से एक राफ्ट और लाइफ जैकेट बनाए. ये रेनकोट उन्होंने चुराकर और चिपका कर एक inflatable राफ्ट में बदला जिसे वे समुद्र में इस्तेमाल कर सकें.
फरारी की रात
11 जून 1962 की रात को तीनों ने अपनी योजना को अंजाम दिया. उन्होंने अपनी कोठरियों से निकलकर जेल की छत तक पहुंचने के लिए पाइपों का सहारा लिया. वहां से वे जेल के बाहरी हिस्से में उतरे और समुद्र तट तक पहुंचे. रात के अंधेरे में उन्होंने अपनी राफ्ट को फुलाया और ठंडे खतरनाक पानी में उतर गए. इसके बाद उनका कोई पक्का सुराग नहीं मिला. अगली सुबह, जब गार्ड्स ने उनकी कोठरियों की जांच की, तो उन्हें केवल नकली सिर मिले. इसके बाद जेल में हड़कंप मच गया.
17 साल तक इस मामले की जांच की
तुरंत कोस्ट गार्ड, पुलिस और एफबीआई ने मिलकर समुद्र में और आसपास के इलाकों में खोज अभियान शुरू किया. कुछ दिनों बाद तट पर एक वॉटरप्रूफ बैग मिला, जिसमें कैदियों की कुछ निजी चीजें थीं. लेकिन उनके शव कभी नहीं मिले. एफबीआई ने लगभग 17 साल तक इस मामले की जांच की और 1979 में आधिकारिक रूप से यह निष्कर्ष निकाला कि कैदी शायद समुद्र की तेज धार और ठंड के कारण डूबकर मर गए होंगे.
हालांकि, कई लोगों का मानना है कि ये तीनों जिंदा बच निकले थे. वजह यह है कि उनकी लाशें कभी नहीं मिलीं. कुछ गवाहों ने दावा किया कि बाद के सालों में उन्हें एंगलिन भाइयों जैसे दिखने वाले लोग अलग-अलग जगहों पर दिखे. साथ ही 2013 में एफबीआई को एक चिट्ठी भी मिली, जिसमें लिखा था कि वह चिट्ठी भेजने वाला खुद जॉन एंगलिन है और अब बूढ़ा हो चुका है.
हमेशा के लिए बंद कर दिया गया जेल
इस फरारी के बाद अलकाट्राज जेल की बदनामी और बढ़ गई. सरकार को इस जेल को चलाना बहुत महंगा भी पड़ रहा था. इसलिए 1963 में इसे हमेशा के लिए बंद कर दिया गया. आज यह जेल एक पर्यटन स्थल है, जहां लाखों लोग हर साल घूमने जाते हैं. लेकिन 1962 की यह घटना अब भी लोगों को रोमांच और रहस्य से भर देती है.