Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राष्ट्रीय

कितना फायदेमंद है मुक्त व्यापार समझौता

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
December 2, 2022
in राष्ट्रीय, विशेष, विश्व, व्यापार
A A
free trade
26
SHARES
857
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

प्रो. लल्लन प्रसाद


दो देशों के बीच में व्यापार, सेवाओं और निवेश के सरलीकरण, आयात और निर्यात पर टैरिफ शून्य या कम करने, कोटा, सब्सिडी, बौद्धिक संपदा, सरकारी खरीद, प्रतिस्पर्धा आदि को दोनों देशों के हितों के अनुसार नियमित करने, व्यापार में तकनीकी बाधाएं दूर करने, निवेशकों को संरक्षण देने, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में सहयोग और व्यापार संबंधी अन्य प्रतिबंधों को हटाने के लिए किए जाने वाले समझौते को मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) की संज्ञा दी जाती है।

इन्हें भी पढ़े

india-us trade deal

टैरिफ वार : भारत पर लगा दिया जुर्माना, इन आंकड़ों से बेनकाब हो गया ट्रंप का हर झूठ

August 1, 2025
Attack-in-Pahalgam

पहलगाम के हमलावरों की पाकिस्तानी ID सामने आई, और कितने सबूत चाहिए?

August 1, 2025
india russia

भारत रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार कैसे बना?

August 1, 2025
india-pakistan

भारत की संसद में खुली पोल तो बौखलाया पाकिस्तान, फिर गढ़ दी झूठी कहानी

August 1, 2025
Load More

यह समझौता दो देशों में उत्पादन लागत कम करने, व्यापार और रोजगार बढ़ाने और बाहरी स्पर्धा से बचने में सहायक होता है।
विश्व का लगभग 15-17 फीसद, भारत का 18-19 फीसद, यूरोपियन यूनियन का 13 फीसद , चीन का 27 फीसद और जापान का 22 फीसद व्यापार मुक्त व्यापार समझौते से होता है। भारत ने अब तक लगभग 50 से अधिक देशों से व्यापार समझौते किए हैं, जिनमें 13 समझौते मुक्त व्यापार के हैं, शेष सीमित या व्यापक जो पारस्परिक व्यापारिक हितों को आगे बढ़ाने के लिए किए गए हैं। श्रीलंका, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, जापान, मलयेशिया, चिली, मॉरीशस, यूएई और ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौते हुए हैं। इंग्लैंड के साथ वार्ता चल रही है और इस वर्ष होली तक इस पर समझौते की आशा है। कनाडा और ‘गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल’ से भी मुक्त व्यापार पर वार्ता हो रही है, जिसमें अच्छी प्रगति है। 27 देशों के यूरोपियन यूनियन के साथ भी मुक्त व्यापार पर चर्चा हो रही है जिसमें कुछ प्रगति हुई है, किंतु बाधाएं बहुत हैं।

भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार संयुक्त राज्य अमेरिका है, 2021-22 में दोनों देशों के बीच 157 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ जो भारत के कुल विदेशी व्यापार का लगभग 11:30 प्रतिशत है। चीन दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसके साथ 2021-22 में 72.9 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ। 10 बड़े व्यापारिक साझेदार देशों में अमेरिका और चीन के बाद 2021-22 कारोबार-यूएई 73 बिलियन डॉलर, सऊदी अरब 42.8 बिलियन डॉलर, इराक 34.3 बिलियन डॉलर, सिंगापुर 30.1 बिलियन डॉलर, हांगकांग 30 बिलियन डॉलर, इंडोनेशिया 26.1 बिलियन डॉलर, साउथ कोरिया 25.5 बिलियन डॉलर, ऑस्ट्रेलिया 25 बिलियन डॉलर के हुए। इन देशों में मुक्त व्यापार समझौते अभी 4 देशों के साथ ही हुए हैं : सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, यूएई, एवं ऑस्ट्रेलिया। मुक्त व्यापार समझौता यूएई एवं ऑस्ट्रेलिया के साथ इसी वर्ष हुआ। यूनाइटेड किंगडम, जिसके साथ शीघ्र ही मुक्त व्यापार समझौते की आशा है भारत का 12वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2021-22 में दोनों देशों के बीच 29.6 बिलियन डॉलर का कारोबार हुआ जो पिछले वर्ष की अपेक्षा 8 बिलियन डॉलर अधिक था। दोनों देशों के बीच प्रस्तावित समझौते में टैरिफ, कोटा, सब्सिडी और अन्य प्रतिबंधों को कम करने, सामान, सेवाएं, निवेश, बौद्धिक संपदा, शैक्षणिक योग्यताओं को संयुक्त रूप से मान्यता देने आदि से संबंधित विषयों पर प्रावधान होंगे जो दोनों देशों के हित में होंगे।

द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौतों के अतिरिक्त क्षेत्रीय व्यापक व्यापार सहयोग के समझौते बहुत सारे देशों के साथ हुए हैं, जिनमें मुक्त व्यापार समझौते वाले देश भी शामिल रहे हैं-1) आसियान व्यापक आर्थिक सहयोग संधि; पूर्व एशिया के देश- ब्रुनेई, म्यांमार, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, और वियतनाम, 2) दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र संधि-नेपाल, भूटान, बांग्लादेश,पाकिस्तान, मालदीव, अफगानिस्तान, 3) एशिया प्रशांत व्यापार संधि- चीन, लाओस, दक्षिण कोरिया, बांग्लादेश और श्रीलंका एवं व्यापार में प्राथमिकता की व्यवस्था संबंधित समझौते-जिनमें अफ्रीकी, दक्षिण अमेरिकी, और मद्धेशिया के 42 देश-अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राजील, चिली, क्यूबा, घाना, नाइजीरिया, इरान, इराक, लीबिया आदि शामिल हैं, जिनका उद्देश्य भी आपस में व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना, व्यापार और निवेश बढ़ाना एवं बाधाओं को कम करना होता है। दक्षिण एशिया के देशों के साथ भारत का व्यापार क्षमता से बहुत कम है, उसके विश्व व्यापार का मात्र लगभग 4 फीसद। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में जहां 62 बिलियन डॉलर व्यापार की संभावना है वहां यह मात्र 19 बिलियन डॉलर के आसपास है।

इन देशों से व्यापार बढ़ाने के लिए 1994 में सार्क प्रेफरेंशियल अरेंजमेंट एवं 2004 में दक्षिण एशियाई मुक्त व्यापार क्षेत्र पर भी हस्ताक्षर किए गए। संरक्षण नीति, इच्छाशक्ति एवं आपसी विश्वास में कमी इस क्षेत्र में व्यापार वृद्धि में बाधक हैं। लैटिन अमेरिकी देशों के साथ भारत का व्यापार उसके विश्व व्यापार का लगभग 6 फीसद है। ब्राजील इस क्षेत्र का भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। 2020-21 में भारत ने ब्राजील को 6.4 बिलियन डॉलर का निर्यात किया। मेक्सिको, अर्जेंटीना, कोलंबिया, चिली और पेरू के साथ भी व्यापार में अच्छी वृद्धि हुई है। भारत में निर्मिंत कारों और मोटरसाइकिलों का एक तिहाई निर्यात इन देशों को होता है। अफ्रीकी देशों के साथ भी भारत का व्यापार हाल के वर्षो में बढा है। 2021-22 में यह 95 बिलियन डॉलर पर पहुंचा जो पिछले वर्ष 56 बिलियन डॉलर ही था।
अफ्रीका के साथ व्यापार और निवेश में भारत विश्व में पांचवें स्थान पर है। 1996 से 2021 के बीच भारत ने अफ्रीकी देशों में .73.9 बिलियन का निवेश किया।

खाड़ी देशों के साथ भारत के गहरे व्यापारिक संबंध है। एक ब्लॉक के रूप में ये देश भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार हैं, इनके साथ मुक्त व्यापार संधि पर वार्ता भी चल रही है। 2021-22 में भारत ने इन देशों से 154 बिलियन डॉलर का आयात किया, 44 बिलियन डॉलर मात्र का निर्यात किया। यह देश भारत के कच्चे तेल की एक तिहाई एवं गैस की 70 फीसद आवश्यकता पूरी करते हैं। लाखों की संख्या में प्रवासी भारतीय इन देशों में काम करते हैं। हाल के वर्षो में इन देशों से रेमिटेंस में कमी आई है। 2016-17 में जहां 50 फीसद से अधिक रेमिटेंस इन देशों से आता था अब 30 फीसद के लगभग है। कोविड के कारण बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय स्वदेश वापस आ गए थे जो इसका प्रमुख कारण रहा है। द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौतों का दायरा बढ़ाना चाहिए और ज्यादा देशों के साथ संधि करनी चाहिए।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
phogat

पेरिस ओलंपिक: विनेश फोगाट अयोग्य घोषित, नहीं खेल पाएंगी कुश्ती का फाइनल मुकाबला

August 7, 2024
Pahal Media Group

कड़ाके की ठंड में गरीबों का सहारा बना ‘पहल मीडिया ग्रुप’

January 27, 2024
NDA and opposition

बिखरता हुआ विपक्षी महागठबंधन, 24 में मोदी बनाम कौन?

February 22, 2024
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • टैरिफ वार : भारत पर लगा दिया जुर्माना, इन आंकड़ों से बेनकाब हो गया ट्रंप का हर झूठ
  • प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण की कोशिश, 5 लोग गिरफ्तार
  • पहलगाम के हमलावरों की पाकिस्तानी ID सामने आई, और कितने सबूत चाहिए?

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.