मुंबई : यह सही है कि विश्व सिनेमा में बायोपिक का दौर ढल रहा है। लेकिन, इसके बावजूद ऐसे लोगों पर फिल्में बनाई जानी चाहिए जिन्होंने किसी न किसी क्षेत्र में ऐसा किया हो जिसने एक बड़े समुदाय का भविष्य बदल दिया। ऐसा ही एक नाम खेल की दुनिया में जॉन पॉल विंसेट वकारो का रहा है, जिन्हें प्यार से लोग सनी कहकर बुलाते रहे हैं। सनी ने खेल के कारोबार में खिलाड़ियों की हिस्सेदारी की नींव रखी। यही वह शख्स हैं जिन्होंने तमाम कायदों के बाहर जाकर बास्केटबॉल और खेल की दुनिया के महानतम खिलाड़ी माइकल जॉर्डन को नाइकी कंपनी का चेहरा बनने के लिए राजी किया। इस इंसान की कोशिशों का नतीजा है कि माइकल जॉर्डन हर साल करीब 40 करोड़ डॉलर सिर्फ अपने नाम पर बने नाइकी उत्पादों की श्रृंखला एयर जॉर्डन की बिक्री में अपनी हिस्सेदारी से कमा लेते हैं। अमेजन प्राइम वीडियो पर शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म ‘एयर’ इस उपलब्धि तक पहुंचने की एक प्रेरक कहानी है। अरसे बाद ओटीटी पर कोई ऐसी फिल्म दिखी है जिसे एक बार देखना शुरू करने के बाद उसे आप बीच में छोड़कर कतई नहीं उठना चाहेंगे।
कहानी जूता कंपनियों के कंपटीशन की
फिल्म ‘एयर’ शुरू होती है तो ये बताती चलती है कि साल 1984 में जूते बनाने वाली कंपनी नाइकी की बाजार में हिस्सेदारी लगातार घटती जा रही है। कंपनी में इस बात पर रार मची हुई है कि उनके पास कोई ऐसा नामी चेहरा नहीं है जो युवाओं को उनके उत्पादों की तरफ आकर्षित कर सके। कंपनी का मार्केटिंग बजट जितना है उसमें तीन चार उभरते खिलाड़ियों को कंपनी का दूत बनाने की कोशिशें चल रही हैं। तभी सनी वकारो ये पूरा बजट एक उभरते खिलाड़ी माइकल जॉर्डन को साइन करने में खर्च करने का प्रस्ताव रख देता है। नाइकी प्रबंधन उसके इस प्रस्ताव पर उधेड़बुन में ही है कि सनी निकल पड़ता है माइकल जॉर्डन के माता पिता से मिलने। इसके बाद जो कुछ होता है, वह हर उस इंसान को जरूर देखना चाहिए जो जीवन में अपने बूते कुछ हासिल करने की जद्दोजहद में लगा है। फिल्म बताती है कि दायरों में रहकर सफलताएं नहीं मिलतीं और सफलता पानी है तो जोखिम तो लेना ही होगा।
अफ्लेक और डेमन का जोड़ी धमाल
बेन अफ्लेक और मैट डेमन की दोस्ती के किस्से हॉलीवुड में खूब मशहूर रहे हैं। दोनों यहां इस फिल्म में एक साथ हैं और ये पहली बार है जब बेन अफ्लेक अपने दोस्त डेमन को निर्देशित कर रहे हैं। दोनों ने मिलकर फिल्म ‘गुडविल हंटिंग’ के लिए सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा का ऑस्कर जीता था। दोनों ने इस फिल्म में काम भी किया था। दो साल पहले दोनों फिल्म ‘द लास्ट ड्यूएल’ के लिए साथ आए। दोनों ने ये फिल्म भी साथ मिलकर लिखी। अफ्लेक ने अपना दूसरा ऑस्कर अपनी निर्देशन में बनी फिल्म ‘अर्गो’ के लिए बेस्ट पिक्चर का जीता, वहीं डैमन भी अपने अभिनय के लिए तीन बार ऑस्कर में और नामांकित हो चुके हैं। फिल्म ‘एयर’ दोनों दोस्तों की प्रोडक्शन कंपनी आर्टिस्ट्स इक्विटी की पहली फिल्म भी है।
एक बहुत ही प्रेरक कहानी
फिल्म ‘एयर’ एक तरह से सनी वकारो की बायोपिक है जिसने नाइकी के लिए माइकल जॉर्डन को लाकर खेल की दुनिया में खिलाड़ियों की हिस्सेदारी की नींव रखी। और, ये बात खेल उद्योग को समझाने की जिम्मेदारी उठाई माइकल जॉर्डन की मां ने। सनी वकारो के किरदार में मैट डैमन और माइकल की मां बनी वायोला डेविस के बीच के संवाद इस फिल्म की सबसे सुखद अनुभूति हैं। ये दृश्य न सिर्फ मानवता में विश्वास के पोषक हैं बल्कि ये दृश्य एक इंसान के दृढ़ विश्वास के साथ साथ उसके जमीन से जुड़े रहने की जरूरत के भी परिचायक हैं। सनी वकारो को विश्वास है कि वह जो भविष्य माइकल जॉर्डन का देख रहा है, उसे उसके माता पिता के साथ साझा करने में उसकी नौकरी खतरे में पड़ सकती है लेकिन वह ये भी जानता है कि एक इंसान सफल होने के बाद उन्हीं नियमों के कारण जाना जाता है जो उसने इस रास्ते पर चलते हुए तोड़े। ऑस्कर विजेता वायोला डेविस जब अपने बेटे के लिए एक बेहतर भविष्य के सौदे पर अड़ती है तो भी उनके चेहरे पर कहीं कोई घमंड नहीं दिखता। वह बस एक ऐसी मां के रूप में दिखती है जिसे अपने बेटे की काबिलियत पर नाज है और वह जानती हैं कि इसका बेटा इस बात का हकदार है।
ऑस्कर में धूम मचाएगी फिल्म
फिल्म में जैसन बेट्समैन, क्रिस मेसिना, मार्लन वेयैन्स, क्रिस टकर, मैथ्यू माहेर, गुस्ताफ स्कार्सगार्ड और जूलियस टेनन जैसे दिग्गज कलाकारों की भरमार है और इतने शानदार कलाकारों के साथ बेन अफ्लेक खुद भी नाइकी के सीईओ फिल नाइट के किरदार में हैं। अफ्लेक ने इन शानदार कलाकारों के साथ एक बेहद शानदार फिल्म ‘एयर’ बनाई है। प्राइम वीडियो पर हालांकि हिंदी में इस हफ्ते एक बेहद ही दोयम दर्जे की वेब सीरीज ‘दहाड़’ रिलीज हुई है लेकिन इसी ओटीटी पर ‘एयर’ जैसी फिल्म आपका सप्ताहांत बना देगी। फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज होने के महीने भर बाद ही ओटीटी पर आ गई है और अगले साल ऑस्कर्स और उसके पहले गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स में इसकी धूम मचना तय है। फिल्म तकनीकी रूप से भी कमाल है। अपने समय के हिसाब से इसका पूरी पृष्ठभूमि तैयार की गई है। सिनेमैटोग्राफी नयनाभिराम है और गाने बहुत ही भावुक और प्रेरक हैं!