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हिमाचल: आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 विधानसभा में प्रस्तुत, इतनी अधिक रहेगी जीडीपी

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
March 16, 2023
in राज्य, विशेष
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CM Sukhvinder Singh Sukhu
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शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 प्रस्तुत किया। पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान राज्य की वास्तविक जीडीपी स्थिर भावों पर 8,143 करोड़ रुपए से अधिक होगी। राज्य आय के प्रथम अग्रिम अनुमानों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में वित्तीय वर्ष 2021-22 के 7.6 प्रतिशत की तुलना में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि होगी। वित्तीय वर्ष 2021-22 के 1,26,433 करोड़ रुपए के सकल घरेलू उत्पाद के अंतिम अनुमानों की तुलना में वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्थिर भावों (2011-12) पर राज्य की जीडीपी 1.34,576 करोड़ रुपए अनुमानित है।

वित्तीय वर्ष 2022-23 में जीडीपी प्रचलित भावों पर 1,95,404 करोड़ रुपए अनुमानित है, जोकि वित्तीय वर्ष 2021-22 के अस्थाई अनुमानों के अनुसार 1.76,269 करोड़ रुपए से 19,135 करोड़ की शुद्ध वृद्धि दर्शाते हैं। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान नोमिनल जीडीपी में वृद्धि वित्त वर्ष 2021-22 के 135 प्रतिशत की तुलना में 10.9 प्रतिशत अनुमानित है। पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान राज्य की वास्तविक जीडीपी स्थिर भावों पर 8,143 करोड़ रुपए से अधिक होगी। राज्य आय के प्रथम अग्रिम अनुमानों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में वित्तीय वर्ष 2021-22 के 7.6 प्रतिशत की तुलना में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि होगी।

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वित्तीय वर्ष 2021-22 के 1,26,433 करोड़ रुपए के सकल घरेलू उत्पाद के अंतिम अनुमानों की तुलना में वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्थिर भावों (2011-12) पर राज्य की जीडीपी 1.34,576 करोड़ रुपए अनुमानित है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में जी.डी.पी. प्रचलित भावों पर 1,95,404 करोड़ अनुमानित है। जोकि वित्तीय वर्ष 2021-22 के अस्थायी अनुमानों के अनुसार 1.76,269 करोड़ से ₹19,135 करोड़ की शुद्ध वृद्धि दर्शाते हैं। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान नोमिनल जीडीपी में वृद्धि वित्त वर्ष 2021-22 के 135 प्रतिशत की तुलना में 10.9 प्रतिशत अनुमानित है।

वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अग्रिम अनुमानों के अनुसार, प्राथमिक क्षेत्र से सकल मूल्य वर्धित, स्थिर भावों पर 20 प्रतिशत की गति से बढ़ने की संभावना है। वित्त वर्ष 2022-23 (अ.अ.) के दौरान प्राथमिक क्षेत्र का जीवीए स्थिर भावों पर 2021-22 (प्र.स.अ.) के 16.395 करोड़ के मुकाबले 116,717 करोड़ हो गया। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अग्रिम अनुमानों के अनुसार स्थिर (2011-12) मावों पर द्वितीयक क्षेत्र का जीवीए 60,444 करोड अनुमानित है जोकि वित्त वर्ष 2021-22 (प्र. स.अ.) के अनुसार 56,408 करोड़ रुपए था और पिछले वर्ष की तुलना में वर्ष 2022-23 में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है।

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सेवा क्षेत्र की राज्य जीवीए में महत्वपूर्ण और तेजी से बढ़ती हिस्सेदारी है। वित्तीय वर्ष 2022-23 (अ.अ.) के लिए सेवा क्षेत्र का योगदान स्थिर भावों (2011-12) पर 49,527 करोड़ अनुमानित है, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 (प्र.स.अ.) में यह 46,350 करोड़ रुपए था, जो पिछले वर्ष की तुलना में 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है।

अग्रिम अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 के लिए प्रचलित भावों पर प्रति व्यक्ति आय (पीसीआई) 2021-22 में 2,01,271 रुपए के मुकाबले 2,22,227 रुपए रहने का अनुमान है, जोकि वित्त वर्ष 2021-22 में 131 प्रतिशत की तुलना में 104 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। वर्ष 2022-23 में हिमाचल प्रदेश की अनुमानित प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय प्रति व्यक्ति आय से 51,607 अधिक है। किसी भी राज्य का जीडीपी तीन प्रमुख क्षेत्रों-प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक द्वारा किए गए आर्थिक योगदान के संदर्भ में मापा जाता है। राज्य के सकल राज्य मूल्य वर्धन (जीवीए) में तृतीयक क्षेत्र का सबसे अधिक योगदान रहा है, इसके बाद द्वितीयक और प्राथमिक क्षेत्रों का स्थान है।

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वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीवीए के अग्रिम अनुमानों के आधार पर, तृतीयक क्षेत्र का प्रचलित मूल्यों पर राज्य के जीवीए में 43.6 प्रतिशत, इसके बाद द्वितीयक क्षेत्र का 42.7 प्रतिशत और प्राथमिक क्षेत्र का 13.7 प्रतिशत योगदान है। प्रचलित भावों पर सकल राज्य मूल्य वर्धन (जी.एस.वी.ए.) में कृषि क्षेत्र का योगदान 2018-19 में 17,767 करोड़ रुपए से 40 प्रतिशत बढ़कर 2022-23 में (अग्रिम अनुमान) 24,847 करोड़ रुपए हो गया है। 2018-19 से 2022-23 के बीच (2018-19 में 10,286 करोड़ से 2022-23 में 15,561 करोड़ रुपए तक) प्रचलित कीमतों पर फसलों के जीएसवीए में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

अग्रिम अनुमान के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 में प्राप्त 49 प्रतिशत की वृद्धि दर के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 में स्थिर कीमतों पर कृषि और संबद्ध क्षेत्र के जीएसबीए में 20 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है। कृषि और संबद्ध गतिविधियों के अर्न्तगत पशुधन पालन एक महत्वपूर्ण उप-क्षेत्र है। यह वित्त वर्ष 2022-23 में कुल सकल राज्य मूल्य वर्धन (जी. एस. वीए) का 1.61 प्रतिशत और कृषि और संबद्ध क्षेत्र जीएसबीए का 12 प्रतिशत योगदान देता है।

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उद्योग क्षेत्र राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और हिमाचल में रोजगार की बहुत सारी संभावनाएं पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण है। 2022 2023 के अग्रिम अनुमानो में औद्योगिक क्षेत्र का (खनन और उत्खनन सहित) कुल जी.बी.ए. (प्रचलित भावों में) 79,284 करोड़ रुपए अनुमानित है। जीएसवीए में प्रचलित भावों पर औद्योगिक क्षेत्र (खनन और उत्खनन सहित) का योगदान वित्तीय वर्ष 2022-23 में 4297 प्रतिशत है जिसमें 30.83 प्रतिशत विनिर्माण, 6.28 प्रतिशत निर्माण, बिजली, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाओं का 5.62 प्रतिशत एवं खनन और उत्खनन का योगदान 0.24 प्रतिशत है।

अग्रिम अनुमान के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में वित्त वर्ष 2022-23 में औद्योगिक क्षेत्र का जीवीए स्थिर कीमतों पर 7.1 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है और इसी अवधि के दौरान राष्ट्रीय स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र का जीवीए 4.1 प्रतिशत बढ़ा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान, विनिर्माण क्षेत्र के 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है जो औद्योगिक क्षेत्र में तीसरी उच्चतम विकास दर है।

संगठित और असंगठित क्षेत्र की आय बढ़ाने के लिए और राज्य के बुनियादी ढांचे का विकास करने के लिए निर्माण उप-क्षेत्र का विकास महत्वपूर्ण है। निर्माण क्षेत्र में वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान उच्चतम विकास दर जोकि 9.5 प्रतिशत अनुमानित है। पर्यटकों का आगमन किसी विशेष गंतव्य में पर्यटन की मांग के मुख्य संकेतकों में से एक है। कोविड-19 महामारी के बाद घरेलू पर्यटकों का आगमन 2020 में 32.13 लाख से बढ़कर 2021 में 56.37 लाख और 2022 में कुल मिलाकर 150.99 लाख हो गया है। इससे पता चलता है कि पर्यटकों का आगमन पूर्व महामारी के स्तर तक पहुंच रहा है।

राज्य की पांच बारहमासी नदी घाटियों में लगभग 27:436 मेगावाट जलविद्युत बिजली का उत्पादन करने की क्षमता है। राज्य की कुल जलविद्युत क्षमता में से अब तक 10,519 मेगावाट का दोहन किया जा चुका है, जिसमें से 76 प्रतिशत हिमाचल प्रदेश सरकार के नियंत्रण में है जबकि शेष केंद्र सरकार द्वारा दोहन किया जा रहा है। चालू वित्त वर्ष 2022-23 के अप्रैल से दिसंबर तक राज्य स्तर पर थोक मूल्य मुद्रास्फीति 15.4 प्रतिशत से गिरकर 50 प्रतिशत हो गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सी. पीआई) में 3.2 और 7.2 प्रतिशत के बीच उतार-चढ़ाव आया। चालू वित्त वर्ष में हिमाचल प्रदेश में मध्यम मुद्रास्फीति है, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (संयुक्त) जो दिसंबर-2022 (अस्थिर) में 39 प्रतिशत दर्ज की गई।

 

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