सरकार ने नई विदेश व्यापार नीति का ऐलान कर दिया है। सरकार ने घोषणा की है कि अब वह E-commerce के जरिए एक्सपोर्ट को बढ़ावा देगी। इसके साथ ही सरकार का डॉलर के मुकाबले रुपये में export – import करने पर भी जोर दिया जायेगा। सरकार ने नई विदेश व्यापार नीति 2023 (New Foreign Trade Policy 2023) जारी कर दी गई है। नई फॉरेन ट्रेड पॉलिसी कल से लागू होगी। जिसमें इन्सेंटिव की जगह रेमिशन पर फोकस किया गया है। सूत्रों के मुताबिक इस बार पॉलिसी में इन्सेंटिव पर फोकस नहीं है। सरकार ई-कॉमर्स के जरिए एक्सपोर्ट पर फोकस करेगी। जबकि मर्चेंट्स ट्रेड को बढ़ावा देने पर फोकस किया जायेगा। इस बार पॉलिसी में मर्चेंट्स ट्रेड का शामिल होना संभव है। इसके अलावा एक्सपोर्टर के लिए Amnesty स्कीम का ऐलान भी संभव है।
ग्लोबल अनिश्चितता से भारत के एक्सपोर्ट पर खास असर नहीं
नई विदेश व्यापार नीति पर हमारे सहयोगी चैनल सीएनबीसी-आवाज़ के इकोनॉमिक पॉलिसी एडिटर लक्ष्मण रॉय ने विदेश व्यापार महानिदेशक (Directorate General of Foreign Trade) संतोष सारंगी से बात की। इस बातचीत में संतोष सारंगी ने कहा कि अबकी बार पॉलिसी में इन्सेंटिव की जगह रेमिशन पर जोर दिया जायेगा। WTO के अनुसार रेमिशन पर फोकस किया जायेगा। उन्होंने कहा कि
रेमिशन स्कीम से एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी होगी। इस समय ग्लोबल अनिश्चितता के कारण एक्सपोर्ट पर दबाव दिखाई दे रहा है। हालांकि इसके बावजूद ग्लोबल अनिश्चितता से भारत के एक्सपोर्ट पर खास असर नहीं हुआ है। FY23 में एक्सपोर्ट 77,000 करोड़ डॉलर तक पहुंच सकता है।
डेयरी सेक्टर को एवरेज एक्सपोर्ट शर्तों से छूट मिलेगी
सरकारी अधिकारियों ने कहा कि फॉरेन ट्रेड पॉलिसी में कोई समयसीमा तय नहीं है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर नई ट्रेड पॉलिसी में बदलाव संभव है। कैपिटल गुड्स एक्सपोर्ट प्रोमोशन जारी रहेगा। सरकार एक्सपोर्ट प्रोमोशन प्लान जारी रखेगी। FTA में मर्चेंट्स ट्रेड शामिल किया जाएगा। एवरेज एक्सपोर्ट शर्तों से डेयरी सेक्टर को छूट मिलेगी।
एक्सपोर्ट मंजूरी अब सिर्फ 1 दिन में
अधिकारियों का कहना है कि एक्सपोर्ट के लिए ऑटोमेटिक सिस्टम बेस्ड मंजूरी मिलेगी। एक्सपोर्ट मंजूरी अब सिर्फ 1 दिन में मिल सकेगी। इसमें 4 शहरों को एक्सपोर्ट एक्सीलेंस सिटी का दर्जा दिया गया है। वाराणसी को एक्सपोर्ट एक्सीलेंस सिटी का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा फरीदाबाद, मुरादाबाद और मिर्जापुर को भी एक्सीलेंस सिटी का दर्जा दिया गया है।
रुपए को ग्लोबल करेंसी बनाने का लक्ष्य
अधिकारियों का कहना है कि सरकार का रुपए को ग्लोबल करेंसी बनाने का लक्ष्य है। इस दिशा में सरकार ने काम करना भी शुरू कर दिया है। सरकार रुपये में इंपोर्ट-एक्सपोर्ट करने पर जोर दे रही है। वहीं सरकार द्वारा कूरियर के जरिए एक्सपोर्ट की सीमा बढ़ाई गई है। सरकार ने कूरियर एक्सपोर्ट सीमा बढ़ाकर 10 लाख/कंसाइनमेंट कर दी है।