Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राष्ट्रीय

कांग्रेस की ओर लौटने लगे मुस्लिम मतदाता?

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
May 15, 2023
in राष्ट्रीय, विशेष
A A
मुस्लिम मतदाता
21
SHARES
687
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

कर्नाटक के नतीजों के ठीक एक महीने पहले की बात है। वाराणसी के मुस्लिम बुद्धिजीवियों के एक समूह से चर्चा के दौरान इस सोच का संकेत मिला कि मुसलमानों को कांग्रेस की ओर लौटना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव क्षेत्र वाराणसी के बुद्धिजीवियों के उस समूह ने संकेत दिया कि वोट देने के लिए उनकी पहली पसंद कांग्रेस बनती जा रही है। स्थानीय चुनावों को छोड़ दें तो संसदीय हो या विधानसभाओं के चुनाव, अब मुस्लिम मतदाता कांग्रेस की ओर देखने लगा है।

कर्नाटक में जिस तरह के नतीजे आए हैं, उसमें यूं तो पिछड़ी जातियों के मतदाताओं, वोक्कालिग्गा समूह के साथ ही सबसे बड़ा योगदान मुस्लिम मतदाताओं का है। एक सर्वे एजेंसी के फौरी आंकलन के मुताबिक, पोलिंग बूथों पर पहुंचे राज्य के मुस्लिम मतदाताओं ने एकमुश्त कांग्रेस को वोट दिया है। सर्वे के मुताबिक, राज्य के करीब 82 प्रतिशत मुस्लिम वोटरों ने जहां एकमुश्त कांग्रेस को वोट दिया, वहीं जनता दल सेक्युलर को सिर्फ पंद्रह प्रतिशत का ही समर्थन मिला। कर्नाटक चुनाव में 65 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम वोटर प्रभावी हैं। इन 65 सीटों में से आधी सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है।

इन्हें भी पढ़े

Attack-in-Pahalgam

पहलगाम के हमलावरों की पाकिस्तानी ID सामने आई, और कितने सबूत चाहिए?

August 1, 2025
Supreme court

पूरा हिमाचल गायब हो जाएगा… सुप्रीम कोर्ट ने क्यों चेताया?

August 1, 2025
india turkey trade

भारत से पंगा तुर्की को पड़ा महंगा, अब बर्बादी तय

August 1, 2025
fund

टैरिफ वार : सरकार के थिंक टैंक ने बढ़ा दी चिंता!

August 1, 2025
Load More

अल्पसंख्यक समुदायों का भरोसा जीतने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ जैसे नारे के साथ लगातार काम कर रहे हैं। लेकिन सर्वे एजेंसी के आंकड़ों पर भरोसा करें तो पता चलता है कि इस नारे और संकल्प के बावजूद अल्पसंख्यक समुदाय का भरोसा जीतने में भारतीय जनता पार्टी बुरी तरह असफल साबित हुई है। कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में राज्य के सिर्फ दो प्रतिशत मुस्लिम मतदाताओं ने ही भाजपा का साथ दिया है। यहां याद कर लेना चाहिए कि कर्नाटक में मुस्लिम वोटरों की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत है। राज्य में इन दिनों पांच करोड़ इक्कीस लाख मतदाता हैं। इस हिसाब से देखें तो इसमें मुस्लिम वोटरों की संख्या 82 लाख के पार है।

उत्तर भारत के राज्यों मसलन बिहार और उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोटरों ने पिछली सदी के नब्बे के दशक से कांग्रेस से मुंह मोड़ना शुरू किया था। राजनीति की दुनिया में अतीत में ताकतवर रही कांग्रेस का बुनियादी समर्थक आधार मोटे तौर पर दलित, आदिवासी और मुस्लिम समुदाय था। इसके साथ ब्राह्मण समुदाय का थोक समर्थन होता था। लेकिन जब बिहार में लालू यादव और उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह यादव का उभार हुआ तो मुस्लिम वोटर इन दोनों के इर्द-गिर्द इकट्ठा होने लगे। यही वह दौर है, जब भारतीय राजनीति में सांप्रदायिकता बनाम धर्मनिरपेक्षता की बहस शुरू हुई तो मुस्लिम समुदाय अपनी कट्टरता के बावजूद कथित धर्मनिरपेक्ष खेमे का सबसे बड़ा समर्थक आधार बनता गया। जिन राज्यों में उसे कांग्रेस का विकल्प दिखा, वह कांग्रेस को छोड़ विशेषकर समाजवादी वैचारिक आधार का दावा करने वाले दलों और व्यक्तित्वों के पीछे चलने लगा।

एक दौर में अपनी सीमित सत्ता के बावजूद वामपंथी राजनीति धर्मनिरपेक्षता की सबसे बड़ी अलंबरदार रही। साफ है कि वह भी अपने प्रभाव वाले दिनों में मुस्लिम वोटबैंक का सबसे बड़ा आधार बनी रही। हालांकि जब उनकी तुलना में कहीं ज्यादा आक्रामक राजनीतिक धारा दिखी तो मुस्लिम वोट बैंक उसकी तरफ झुकता चला गया। जैसे पश्चिम बंगाल में यह धारा ममता बनर्जी की ओर झुकती गई। इसका असर यह हुआ कि ममता बनर्जी भी सत्ता की चाहत में नमाज पढ़ती हुई नजर आने लगीं। समाजवादी तो बरसों से गोल टोपी लगाकर रोजा-इफ्तार के बहाने धर्मनिरपेक्षता को परवान चढ़ाते ही रहे हैं।

बहरहाल कांग्रेस से मुस्लिम वोट बैंक के इस विचलन का असर यह हुआ कि कांग्रेस राजनीतिक रूप से कम से कम उन राज्यों में सिकुड़ती चली गई, जिन राज्यों में उसके बरक्स कहीं ज्यादा तुष्टिकरण केंद्रित कथित धर्मनिरपेक्ष दल मिलता चला गया।

लेकिन मुसलमानों का अब इन दलों से मोहभंग होने लगा है। जिसकी बानगी वाराणसी के मुस्लिम बौद्धिकों से चर्चा के दौरान दिखी। अब मुस्लिम तबका भी मानने लगा है कि कथित धर्मनिरपेक्षता के पैरोकार उसका वोट तो लेता रहता है, लेकिन वह उसके राजनीतिक हितों के लिए दबंगई से काम नहीं करता। इस बीच कांग्रेस ने पिछली सदी के नब्बे के दशक के पहले का चोला पूरी तरह उतार दिया है। तब वह धर्मनिरपेक्षता की राजनीति करती थी, अल्पसंख्यक तुष्टिकरण वाले कदम भी उठाती थी, लेकिन धर्म के विरोध में झंडा नहीं उठाती थी। इंदिरा गांधी के व्यक्तित्व की पहचान में उनके गले में पड़ी रूद्राक्ष की माला भी थी।

लेकिन आज की कांग्रेस के अगुआ भले ही कभी मठों में घूमें, कुर्ते के उपर जनेऊ धारण करें, हनुमान जी की पूजा करें। लेकिन वे हिंदू तुष्टीकरण की तुलना में मुस्लिम तुष्टिकरण ज्यादा स्वाभाविक ढंग से करते हैं। आज का कांग्रेसी नेतृत्व धर्मनिरपेक्षता के खांचे में हिंदुत्व का चेहरा फिट करते वक्त उसे उदार बताता है और दूसरी तरफ वह मुस्लिम कट्टरता का खुलकर बचाव करता है। एक दौर में प्रधानमंत्री रहते मनमोहन सिंह तो यहां तक कह चुके हैं कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों का ही है।

नागरिकता संशोधन कानून हो या कृषि कानून, कांग्रेस की अगुआई वाले कथित धर्मनिरपेक्षतावादी विपक्षी खेमे की सफलता कही जाएगी कि वह मुस्लिम मतदाताओं को बरगलाने में सफल रहा कि ये कानून उसके समुदाय के विरोधी हैं। इसका असर अब दिखने लगा है। कर्नाटक के चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में एकमुश्त पड़े मुस्लिम वोट दरअसल मुस्लिम मिजाज को बदलते दिख रहे हैं।

कर्नाटक में कांग्रेस का मुस्लिम दांव रहा कामयाब, 9 मुस्लिम प्रत्याशियों ने हासिल की जीत कर्नाटक में कांग्रेस का मुस्लिम दांव रहा कामयाब, 9 मुस्लिम प्रत्याशियों ने हासिल की जीत

जैसे कांग्रेस ने प्रदेश में 15 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया जिसमें से 9 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की। जबकि जेडीएस ने 22 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया और इनमें से एक भी जीत नहीं पाया। इसका संकेत साफ है कि पहले जहां कांग्रेस को छोड़कर मुस्लिम वोटर छोटे दलों की ओर चला जाता था, इस बार छोटे दल को छोड़कर एकतरफा कांग्रेस की ओर आ गया है।

दुनिया के हर देश में अल्पसंख्यक लोग तकरीबन एक ढंग से सोचते हैं। वो किसी एक ही पार्टी के साथ खड़े नजर आते हैं। भारतीय मुसलमान भी अगर इसी तरीके से सोचना शुरू कर चुके हैं, तो कांग्रेस उम्मीद कर सकती है। लेकिन उन दलों के लिए खतरा भी है, जिनके अस्तित्व का बड़ा आधार मुस्लिम वोट बैंक है। दावा किया भी जाने लगा है कि गुवाहाटी से लेकर चौपाटी तक और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक मुस्लिम वोटरों ने तकरीबन एक तरीके से सोचना शुरू कर दिया है। कर्नाटक के नतीजे उसी दिशा में मुस्लिम वोटरों के आगे बढ़े कदम हैं। हिजाब विवाद पर जिस तरह से कांग्रेस ने मुस्लिम समुदाय का समर्थन किया तो बदले में मुस्लिम वोटरों ने उसे फिर से अपना महबूब मान लिया है।

 

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
WCL

वेकोलि में टेबल टेनिस टूर्नामेंट संपन्न, एनसीएल की टीम बनी विजेता

July 31, 2023
राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा

कांग्रेस की बदली सोच के पीछे क्या है रणनीति?

June 17, 2023
सनातन संस्कृति के संस्कारों

सनातन संस्कृति ने भारत को एकता के सूत्र में पिरोया

October 29, 2024
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • टैरिफ वार : भारत पर लगा दिया जुर्माना, इन आंकड़ों से बेनकाब हो गया ट्रंप का हर झूठ
  • प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण की कोशिश, 5 लोग गिरफ्तार
  • पहलगाम के हमलावरों की पाकिस्तानी ID सामने आई, और कितने सबूत चाहिए?

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.