नई दिल्ली : हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले के बाद से ही इजरायली सेना गाजा पट्टी में लगातार बम बरसा रही है. गाजा में जारी हिंसा को रोकने के लिए भारत के मुस्लिम धार्मिक नेताओं ने भी एकजुटता दिखाई है. भारत के मुस्लिम नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए इजरायली सेना द्वारा गाजा में मानव जीवन की क्षति, अस्पतालों पर बमबारी और फिलिस्तीन में रहने वाले नागरिकों के लिए मूलभूत सुविधाओं की सप्लाई रोकने के लिए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की निंदा की है.
भारतीय मुस्लिम नेताओं की ओर से संयुक्त बयान में कहा गया है, “हमें यह याद रखना चाहिए कि यहूदी (इजरायल) सरकार वर्षों से फिलिस्तीनियों को उनके घरों और जमीन से लगातार बेदखल कर रही है. फिलिस्तीन के मूल निवासियों पर अत्याचार कर रही है. फिलिस्तीन क्षेत्र में नए इलाकों में इजरायलियों को बसाया जा रहा है. पवित्र अल-अक्सा मस्जिद की लगातार मर्यादा धूमिल की जा रही है. इजरायल सरकार की ऐसी कई आक्रामक नीतियां हैं जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन है. इजरायल लगातार इस क्षेत्र में शांति और व्यवस्था में सबसे बड़ी बाधा है. ”
इजरायल पर कार्रवाई की मांग
इसके अलावा उन्होंने गाजा और फिलिस्तीन के अन्य हिस्सों में इजरायली सेना द्वारा जारी हिंसा को रोकने, फिलिस्तीनियों के मानवाधिकारों को बहाल करने और क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय कानूनों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया है.
संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने वाले मुस्लिम संगठनों में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलमा-ए-हिंद, जमात-ए-इस्लामी, इमारत ए शरिया, ऑल इंडिया उलेमा और मसाईख बोर्ड, मिल्ली काउंसिल के अध्यक्ष और वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल हैं. इसके अलावा जमीयत अहल-ए-हदीस और दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद और शियाओं की जामा मस्जिद के इमाम और मजलिस-ए-मुशावरत के पूर्व अध्यक्ष ने भी इस संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किया है.
गाजा में जारी खून-खराबे को रोकने की जरूरत
संयुक्त बयान में यह भी कहा गया है, ” हम फिलिस्तीन और खासकर गाजा की स्थिति को लेकर बहुत चिंतित हैं. हम बच्चों और महिलाओं की हत्या, भोजन, पानी, दवा और बिजली की सप्लाई में कटौती और गाजा को खाली कराने के प्रयासों की कड़ी निंदा करते हैं. अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तुरंत हस्तक्षेप कर इस खून-खराबे को रोकने की जरूरत है.
मुस्लिम नेताओं ने भारत सरकार से भी फिलिस्तीन को लेकर समय की कसौटी पर खरी उतरी नीति का पालन करने का आग्रह किया है.
संयुक्त बयान में कहा गया है, “हम सरकार से यह भी मांग करते हैं कि वह फिलिस्तीन समर्थक विदेश नीति को जारी रखे. महात्मा गांधी भी स्वतंत्र फिलिस्तीन का समर्थन करते थे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसका समर्थन किया था. फिलिस्तीन की धरती पर फिलिस्तीनियों का वैध अधिकार है.”
अस्पताल पर हमले से 500 से ज्यादा की मौत
हमास और इजरायल में जारी युद्ध के बीच मंगलवार देर रात गाजा पट्टी के अल-अहली अरब अस्पताल में हुए ब्लास्ट में 500 लोगों की मौत हो गई है. फिलिस्तीन ने दावा किया है कि यह अस्पताल इजरायली एयरस्ट्राइक की चपेट में आया है. जबकि इजरायल ने इन आरोपों को नकार दिया है. इजरायल ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि फिलिस्तीन के इस्लामिक जिहाद द्वारा दागे गए एक रॉकेट के मिस फायर होने की वजह से यह हादसा हुआ है.
गाजा के जिस अल-अहली अरब अस्पताल में ये हमला हुआ, वह उत्तरी गाजा में है. इस हॉस्पिटल को एंग्लिकन चर्च द्वारा संचालित किया जाता है. हमास और इजरायल में जारी युद्ध के चलते इस अस्पताल में हजारों लोगों ने शरण ले रखी थी.