नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा चुनाव में शनिवार यानि 25 नवंबर को रात 11.30 बजे तक के आंकड़े के हिसाब से 74.13% वोटिंग हुई। चुनाव आयोग के मुताबिक मतदान का यह प्रतिशत 2018 में राजस्थान में हुई कुल वोटिंग 74.06% से अधिक है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार इतना तो तय है कि राजस्थान में मतदान का प्रतिशत पिछली बार से कहीं ज्यादा रहा है। लेकिन, सवाल है कि सट्टा बाजार इसे किस रूप से देख रहा है?
राजस्थान में इस बार कैसा रहेगा चुनाव परिणाम?
अगर दोनों चुनावों में राजस्थान में हुए कुल मतदान का प्रतिशत और उसकी तुलना राजस्थान के सट्टा बाजार के दोनों चुनावों की भविष्यवाणियों और पिछले चुनाव के नतीजों से करें तो इस बार के चुनाव परिणाम को लेकर काफी कुछ अंदाजा लग सकता है।
पलड़ा बीजेपी के पक्ष में भारी- सटोरिया
राजस्थान का फलोदी सट्टा बाजार देश भर में चुनावी भविष्यवाणियों समेत अन्य अनुमानों के लिए मशहूर है। शनिवार को शाम 5 बजे तक जब 68.24% वोटिंग हुई थी, तभी एक ब्रोकर ने वन इंडिया को नाम नहीं बताने की शर्त पर दावा किया था कि पलड़ा बीजेपी के पक्ष में भारी लग रहा है।
74.13% वोटिंग, यानि बीजेपी के पक्ष में आंधी- सट्टा बाजार
उसने कहा था कि 70% से ज्यादा मतदान हुआ तो बीजेपी 130 से लेकर 132 सीटें जीत सकती है। उसके मुताबिक 70% वोटिंग की स्थिति में भी भाजपा कम से कम 120 सीटें जीत सकती है। लेकिन, अगर उसके भविष्यवाणी पर यकीन करें तो 74.13% मतदान का मतलब है कि राज्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में आंधी चल रही है।
2018 में कितनी सच हुई थी भविष्यवाणी?
अगर 2018 में राजस्थान के सट्टा बाजारों की भविष्यवाणी से इस बार की स्थिति की तुलना करें तो कहानी बिल्कुल ही उलट लग रही है। तब मतगणना से एक दिन पहले सट्टा बाजार की नजर में 74.06% मतदान के आधार पर कांग्रेस को करीब 128 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था।
काफी हद तक सही रहा था सट्टा बाजार का अनुमान
वहीं बीजेपी की सरकार जाने की भविष्यवाणी करते हुए तब उसे अधिकतम 56 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था। सट्टा बाजार की भविष्यवाणी तब इतनी तो सही रही थी कि बीजेपी सरकार से बाहर हो गई।
2018 में राजस्थान का चुनाव परिणाम
लेकिन, कांग्रेस को जितनी बड़ी जीत दिखाई गई थी, वह सच साबित नहीं हुई और वह पूर्ण बहुत प्राप्त नहीं कर सकी थी। तब राजस्थान की 200 सीटों में से कांग्रेस 100 सीटों पर सफल रही थी और बीजेपी को 73 सीटें मिली थीं। ऐसे में इस बार यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य में भाजपा के पक्ष में जो लहर चलने का अनुमान सट्टा बाजार लगा रहा है, वास्तविक चुनाव परिणाम उससे कितना अलग रहता है या फिर यह भविष्यवाणी सफल हो जाती है।