नई दिल्ली: रक्षा प्रणाली की मजबूती के दिशा में भारत के कई बड़ी पहल की है। डीआरडीओ ने स्वतंत्रता दिवस से ठीक पहले भारत में निर्मित ‘मैन-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MPATGM) का परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। डीआरडीओ को ये सफलता ऐसे वक्त में मिली जब देश 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। एक बयान में डीआरडीओ की ओर कहा गया कि इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का टेस्ट जैसलमेर के फील्ड फायरिंग रेंज में आयोजित किया गया। स्वदेशी मैन-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल सिस्टम में मिसाइल, लॉन्चर, लक्ष्य अधिग्रहण प्रणाली और एक फायर कंट्रोल यूनिट भी शामिल है, ये अपडेटेड और टारगेट को सटीकता से भेदने में पूरी तरह से सक्षम है।
डीआरडीओ के नए अनुसंधान ने भारतीय रक्षा प्रणाली को हाल के कुछ वर्षों को भीतर काफी मजबूती दी है। भारत में निर्मित मानव-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MP-ATGM) का सफलतापूर्वक परीक्षण इसका ताजा उदाहरण है, जिसका टेस्ट हाल ही में राजस्थान के जैसलमेर स्थित फील्ड फायरिंग रेंज सफलतापूर्वक किया गया।
MPATGM भारत में निर्मित ‘मैन-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल है। जिसे रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने विकसित किया है। डीआरडीओ के मुताबिक, इस एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल या एटीजीएम प्रणाली का उपयोग दिन और दोनों समय में किया जा सकता है। अधिकारियों के मुताबिक ये मिसाइल दोहरे मानदंडों पर भी खरी उतरती है। युद्ध जैसी परिस्थितियों के लिए ये काफी उपयोगी है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने MPATGM को भारत के डिफेंस सिस्टम के लिए अहम बताया। उन्होनें डीआरडीओ के इस प्रयास की सराहना करते हुए मिसाइल सिस्टम टेस्ट के सफल होने कहा, “उन्नत प्रौद्योगिकी-आधारित रक्षा प्रणाली विकास में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
वहीं इस सफलता के बाद डीआरडीओ ने मंगलवार को तमिलनाडु के सुलूर में चल रहे तरंग शक्ति अभ्यास में कई अन्य भारत-निर्मित हथियार प्रणालियों का भी प्रदर्शन किया। इस मौके पर डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत ने बताया कि भारतीय वायुसेना का तरंग शक्ति अभ्यास डीआरडीओ के लिए घरेलू हथियारों का प्रदर्शन करने का एक अवसर है।







