प्रकाश मेहरा
नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में गंदगी और अव्यवस्था की स्थिति अत्यंत निराशाजनक है। हालात ये हैं कि यमुनापार स्थित गुरु तेगबहादुर अस्पताल के शौचालयों में फैली गंदगी पर मुख्यमंत्री को निरीक्षण करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री को निर्देश देना पड़ा। यह स्थिति सिर्फ जीटीबी अस्पताल की ही नहीं है, बल्कि दिल्ली सरकार के कई अस्पताल ऐसी समस्याओं से जूझ रहे हैं। रोहिणी स्थित बाबा साहब आंबेडकर अस्पताल, खिचड़ीपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल, मध्य दिल्ली स्थित लोकनायक और जीबी पंत अस्पताल के शौचालय भी बदहाल हैं।
अस्पतालों का दौरा कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए, स्वच्छता सुनिश्चित कर निगरानी तंत्र विकसित होना चाहिए। अस्पतालों में स्वच्छता प्राथमिकता होनी चाहिए, लेकिन दिल्ली के बड़े सरकारी अस्पतालों में यह स्थिति दर्शाती है कि प्रबंधन या स्वास्थ्य विभाग स्वच्छता को लेकर तनिक भी गंभीर नहीं है। मुख्यमंत्री के आदेश पर जीटीबी अस्पताल के शौचालयों को साफ किया गया, लेकिन अन्य अस्पतालों की स्थिति जस की तस रही।
दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है, यदि यहां के अस्पतालों में गंदगी का आलम होगा तो देश के दूरदराज के क्षेत्रों के अस्पतालों से कोई अपेक्षा नहीं की जा सकती है। स्वास्थ्य मंत्री को सभी सरकारी अस्पतालों का दौरा कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही इन अस्पतालों में हर हाल में स्वच्छता सुनिश्चित करनी चाहिए। इनकी निगरानी के लिए हर सरकारी अस्पताल में एक प्रभावी तंत्र भी विकसित होना चाहिए, ताकि मरीजों और तीमारदारों को परेशानी नहीं हो।