प्रकाश मेहरा
एक्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: 24 सितंबर यानी मंगलवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर न्याय पार्टी ने अतिपिछड़ों पर हो रहे अत्याचार,उत्पीड़न को लेकर एस. पी सिंह की अध्यक्षता में सामाजिक न्याय आंदोलन के० टी० ने भारत सरकार से अति पिछड़ों के साथ हो रहे अत्याचार, उत्पीडन, भेदभाव जातियता, राजनीतिक भागीदारी देश आजाद होने के पश्चात भी अधिकारों से वंचित हैं इसको लेकर उन्होंने विशाल धरना प्रदर्शन किया और सरकार का विरोध किया।
आंदोलनकारियों की मांगें क्या हैं
- रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को चर्चा हेतु सार्वजनिक किया जाए।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 340/341 को शीघ्र लागू किया जाए।
- भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर फार्मूले पर आधारित आयोग के रिपोर्ट को शेड्यूल नाइन के तहत लागू किया जाए ।
- 4, जातिय जनगणना को राष्ट्रीय स्तर पर कराया जाए।
- अति पिछड़ा मंत्रालय के साथ बजट भी दिया जाए।
- अति पिछड़ों के आबादी के हिसाब से जुडिशल, सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में तथा न्याय पचायत, ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा तक हिस्सेदारी दी जाए।
- 6 सूत्री मांगों को भारत सरकार से शीघ्र लागू करने की मांग की उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. पी सिंह ने बताया कि “अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो हम सरकार को चेतावनी देते हैं कि आने वाले समय में हम सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे।”