स्पेशल डेस्क/इस्लामाबाद: पाकिस्तान में हाल के महीनों में राजनीतिक और सैन्य उथल-पुथल ने एक बड़े तूफान की आहट दी है, जिसके केंद्र में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के साथ-साथ शहबाज शरीफ सरकार और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के बीच तनाव है। यह मामला भारत-पाकिस्तान के बीच हाल के सैन्य तनाव, इमरान खान की जेल में बंदी, और शहबाज शरीफ सरकार की अस्थिरता से जुड़ा हुआ है। आइए, इस मामले को विशेष विश्लेषण में एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते हैं-
इमरान खान और शहबाज शरीफ का टकराव
इमरान खान ( जो 2018 से 2022 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री) को अप्रैल 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से हटा दिया गया। इसके बाद से वह जेल में हैं और उनके खिलाफ कई मामले चल रहे हैं। उनकी पार्टी PTI का दावा है कि यह सब सेना और शहबाज शरीफ की सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) की साजिश है। इमरान की लोकप्रियता, खासकर युवाओं और शहरी मध्यम वर्ग में अभी भी बरकरार है, जिससे वह शहबाज सरकार के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं।
शहबाज शरीफ मार्च 2024 में दोबारा प्रधानमंत्री बने, लेकिन उनकी सरकार को शुरू से ही वैधता की चुनौती का सामना करना पड़ा है। 2024 के आम चुनावों में कथित धांधली के आरोपों और आर्थिक संकट ने उनकी स्थिति को कमजोर किया है। इसके अलावा, सेना के साथ उनके रिश्ते भी हमेशा सहज नहीं रहे, क्योंकि सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को उनकी नियुक्ति में अहम भूमिका मानी जाती है।
भारत-पाकिस्तान तनाव और सैन्य उथल-पुथल
भारत-पाकिस्तान संघर्ष: मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया, जब भारत ने 10 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के 11 सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए। इन हमलों का कारण कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुआ एक आतंकी हमला था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इन हमलों को “कायरतापूर्ण” करार दिया और जवाबी कार्रवाई की बात कही, लेकिन उनकी धीमी और कमजोर प्रतिक्रिया ने उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग का शिकार बनाया।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने इन हमलों के बाद अपनी स्थिति मजबूत की। उन्होंने दावा किया कि भारतीय मिसाइलों को रोक लिया गया और पाकिस्तानी वायुसेना के ठिकाने सुरक्षित हैं। हालांकि, उपग्रह तस्वीरों से साफ हुआ कि नूर खान, रहीम यार खान, और अन्य हवाई अड्डों को भारी नुकसान हुआ। इसने शहबाज सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए। 9 मई 2025 को खबर आई कि जनरल असीम मुनीर को चेयरमैन जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने कथित तौर पर गिरफ्तार कर लिया था, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई। यह घटना पाकिस्तान की सैन्य व्यवस्था में अभूतपूर्व अस्थिरता का संकेत देती है।
इमरान खान का प्लान और PTI का आंदोलन
इमरान खान की पार्टी PTI ने शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद से हटाने की मांग तेज कर दी है। PTI के खैबर-पख्तूनख्वा अध्यक्ष जुनैद अकबर खान ने रमजान के बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी, जो अब भारत-पाक तनाव के बाद और तेज हो गए हैं। PTI समर्थक सड़कों पर उतरने को तैयार हैं और इमरान खान की रिहाई की मांग जोर पकड़ रही है।
इमरान और मुनीर की साझेदारी ?
कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स और विश्लेषणों में दावा किया गया है कि “इमरान खान और जनरल असीम मुनीर मिलकर शहबाज शरीफ की सरकार को गिराने की योजना बना रहे हैं। यह दावा तब और मजबूत हुआ जब इमरान खान ने भारत के साथ हाल के संघर्ष में सेना की तारीफ की, जो उनके पहले के सेना-विरोधी रुख से अलग था। हालांकि, यह अभी केवल अटकलें हैं और इसका कोई ठोस सबूत नहीं है।
शहबाज सरकार की चुनौतियां
शहबाज शरीफ की सरकार को न केवल PTI के विरोध का सामना है, बल्कि बलोचिस्तान और अन्य क्षेत्रों में भी बड़े प्रदर्शन हो रहे हैं। उनकी धीमी बोलने की शैली और भारत के हमलों के जवाब में कमजोर रुख ने उनकी छवि को और नुकसान पहुंचाया है। पाकिस्तान में सेना का राजनीति पर हमेशा से दबदबा रहा है। जनरल असीम मुनीर को शहबाज शरीफ को सत्ता में लाने का श्रेय दिया जाता है, लेकिन हाल के घटनाक्रमों से लगता है कि सेना और सरकार के बीच तनाव बढ़ रहा है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि मुनीर शहबाज को हटाकर सैन्य शासन लागू कर सकते हैं।
पाकिस्तान पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। IMF से कर्ज की किश्तों पर निर्भरता और बढ़ती महंगाई ने जनता का गुस्सा भड़काया है। इमरान खान ने IMF से चुनावों की ऑडिट की मांग की थी, जिसने शहबाज सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दीं।
आगे क्या हो सकता है?
अगर इमरान खान को जेल से रिहा किया जाता है, तो यह शहबाज सरकार के लिए सबसे बड़ा झटका होगा। उनकी लोकप्रियता और PTI का संगठनात्मक ढांचा सरकार को अस्थिर कर सकता है। भारत के साथ हाल का तनाव और शहबाज की कमजोर प्रतिक्रिया ने उनकी सरकार की विश्वसनीयता को और कम किया है। अगर सेना इस मौके का फायदा उठाकर सत्ता हथियाने की कोशिश करती है, तो यह पाकिस्तान की सियासत में बड़ा बदलाव ला सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता से भारत-पाक के बीच 10 मई को युद्धविराम हुआ था, लेकिन पाकिस्तान की आंतरिक अस्थिरता ने इस समझौते को कमजोर किया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय, खासकर अमेरिका, पाकिस्तान की स्थिति पर नजर रख रहा है।
सियासी और सामाजिक अस्थिरता
पाकिस्तान में इस समय सियासी, सैन्य, और सामाजिक अस्थिरता का माहौल है। इमरान खान की PTI और उनके समर्थकों का आंदोलन, शहबाज शरीफ सरकार की कमजोर स्थिति, और सेना के भीतर उथल-पुथल ने एक बड़े तूफान की आशंका को जन्म दिया है। अगर PTI के विरोध प्रदर्शन तेज होते हैं और सेना शहबाज के खिलाफ कोई कदम उठाती है, तो सरकार का पतन संभव है। हालांकि, इमरान खान और जनरल असीम मुनीर के बीच किसी तरह की साझेदारी की बात अभी केवल अटकलें हैं। अगले कुछ हफ्ते पाकिस्तान की सियासत के लिए निर्णायक हो सकते हैं।