स्पेशल डेस्क/नई दिल्ली: हाल ही में कुछ पाकिस्तानी मीडिया और सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया है कि रूस और पाकिस्तान ने कराची में सोवियत-युग के बंद पड़े पाकिस्तान स्टील मिल्स (PSM) को पुनर्जनन के लिए 2.6 बिलियन डॉलर (लगभग 22,000 करोड़ रुपये) की एक बड़ी डील पर हस्ताक्षर किए हैं। इस खबर ने भारत में विवाद और सवाल खड़े किए, क्योंकि रूस को भारत का लंबे समय से करीबी सहयोगी माना जाता है। हालांकि, रूस ने इन दावों को खारिज करते हुए इसे “फर्जी” और भारत-रूस संबंधों को कमजोर करने की कोशिश करार दिया है। आइए इस मामले को विशेष विश्लेषण में एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से विस्तार से समझते हैं।
पाकिस्तानी मीडिया का दावा
पाकिस्तानी मीडिया और कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स ने दावा किया कि रूस और पाकिस्तान ने कराची में बंद पड़े पाकिस्तान स्टील मिल्स को पुनर्जनन के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस डील की लागत 2.6 बिलियन डॉलर बताई गई, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और स्टील आयात पर निर्भरता को 30% तक कम करना है।
यह दावा ऐसे समय में आया जब भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) और भारत की ऑपरेशन सिंदूर (6-7 मई 2025) के कारण तनाव चरम पर था। ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए थे। इस डील को रूस-पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियों और भारत की कथित कूटनीतिक विफलता के रूप में पेश किया गया।
रूस ने किया खंडन
रूस ने इन दावों को पूरी तरह खारिज किया है। रूसी सरकार और स्पूतनिक इंडिया के अनुसार, कोई 2.6 बिलियन डॉलर की डील नहीं हुई। रूस ने इसे “जानबूझकर फैलाई गई गलत सूचना” करार दिया, जिसका मकसद भारत-रूस के मजबूत रणनीतिक संबंधों को नुकसान पहुंचाना है, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद।
रूस ने कहा कि कुछ तत्व, विशेष रूप से पाकिस्तान में, इस तरह की अफवाहें फैलाकर भारत-रूस संबंधों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। यह भी बताया गया कि इस दावे की शुरुआत निक्केई एशिया की एक रिपोर्ट से हुई, जो 2022 के बाद से रूस में अपनी पत्रकारिता बंद कर चुकी है। इसलिए, इस दावे के लिए कोई विश्वसनीय स्रोत नहीं है।
“ऑपरेशन सिंदूर” और क्षेत्रीय तनाव
ऑपरेशन सिंदूर भारत की ओर से 6-7 मई 2025 को पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर किए गए हवाई हमलों का कोडनेम था। यह हमला पहलगाम आतंकी हमले (22 अप्रैल 2025) के जवाब में था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस हमले की जिम्मेदारी द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF), जो लश्कर-ए-तैयबा का एक हिस्सा है, ने ली थी। भारत ने इन हमलों में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें रावलपिंडी में नूर खान एयरबेस भी शामिल था। इस कार्रवाई से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया और परमाणु युद्ध की आशंका तक जताई गई। 10 मई 2025 को अमेरिकी मध्यस्थता (मार्को रुबियो और जेडी वैंस) के जरिए दोनों देशों के बीच युद्धविराम हुआ, लेकिन तनाव अब भी बना हुआ है।
रूस-पाकिस्तान संबंध मजबूत
हाल के वर्षों में रूस और पाकिस्तान के बीच संबंध मजबूत हुए हैं। 2023 में दोनों देशों ने सस्ते कच्चे तेल की आपूर्ति के लिए एक समझौता किया था। दोनों देश संयुक्त सैन्य अभ्यास और आतंकवाद-रोधी सहयोग पर भी काम कर रहे हैं, जिससे भारत में कुछ चिंताएं बढ़ी हैं। हालांकि, रूस ने हमेशा भारत के साथ अपनी “विशेष रणनीतिक साझेदारी” को प्राथमिकता दी है और पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को मुख्य रूप से आर्थिक और सीमित रणनीतिक सहयोग तक रखा है।
रूस-भारत संबंधों का महत्व
रूस भारत का लंबे समय से विश्वसनीय साझेदार रहा है, खासकर रक्षा और ऊर्जा क्षेत्र में। भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में रूसी हथियारों (जैसे पेचोरा और ओएसए-एकेएम मिसाइलें) का उपयोग किया।
भारत ने पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद रूस सहित कई देशों में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे ताकि पाकिस्तान के आतंकवाद से संबंधों को उजागर किया जाए। रूस में डीएमके सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मॉस्को में इस मुद्दे पर चर्चा की। रूस ने भारत के “आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहिष्णुता” के रुख का समर्थन किया और संयुक्त आतंकवाद-रोधी सहयोग की वकालत की।
पाकिस्तानी मीडिया की रणनीति
रूस-पाकिस्तान डील की खबर को कुछ विश्लेषकों ने पाकिस्तानी प्रचार तंत्र का हिस्सा माना है, जिसका उद्देश्य भारत को कूटनीतिक रूप से कमजोर दिखाना और ऑपरेशन सिंदूर के बाद अपनी स्थिति को मजबूत करना है। सोशल मीडिया पर भी कुछ पोस्ट्स ने इस खबर को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया, जिसमें भारत की विदेश नीति और पीएम मोदी की आलोचना की गई।
सच्चाई और तथ्य-जांच
स्पूतनिक इंडिया और रूसी सरकार ने स्पष्ट किया कि कोई 2.6 बिलियन डॉलर की डील नहीं हुई। हालांकि, रूस और पाकिस्तान के बीच पाकिस्तान स्टील मिल्स के पुनर्जनन पर कुछ प्रारंभिक बातचीत जरूर हुई थी, लेकिन कोई अंतिम समझौता नहीं हुआ। यह दावा निक्केई एशिया की एक पुरानी रिपोर्ट (26 मई 2025) से शुरू हुआ, जिसमें कहा गया था कि रूस कराची में एक आधुनिक स्टील प्लांट बनाने में मदद करेगा। लेकिन इस रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठे, क्योंकि निक्केई एशिया 2022 के बाद रूस से अपनी पत्रकारिता बंद कर चुकी है।
रूस ने इन खबरों को “अफवाह” बताया और कहा कि इसका मकसद भारत-रूस संबंधों को नुकसान पहुंचाना है, खासकर ऑपरेशन सिंदूर के बाद।
भारत-रूस संबंधों पर प्रभाव
रूस और भारत के बीच दशकों पुरानी रणनीतिक साझेदारी है, जिसमें रक्षा, ऊर्जा, और कूटनीति शामिल हैं। इस तरह की अफवाहें भारत में रूस के प्रति अविश्वास पैदा कर सकती हैं, खासकर जब भारत-पाकिस्तान तनाव चरम पर है। रूस ने स्पष्ट किया कि “वह भारत के साथ अपनी साझेदारी को प्राथमिकता देता है और पाकिस्तान के साथ उसका सहयोग सीमित और मुख्य रूप से आर्थिक है।”
पाकिस्तान की कूटनीतिक रणनीति
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग पड़ गया। भारत ने 33 वैश्विक राजधानियों में प्रतिनिधिमंडल भेजकर पाकिस्तान के आतंकवाद से संबंधों को उजागर किया। इस डील की खबर को पाकिस्तानी मीडिया द्वारा बढ़ा-चढ़ाकर पेश करना एक कूटनीतिक जवाब हो सकता है, ताकि यह दिखाया जाए कि पाकिस्तान के पास रूस जैसे शक्तिशाली सहयोगी हैं।
रूस का पाकिस्तान के साथ सीमित सहयोग (जैसे तेल आपूर्ति और सैन्य अभ्यास) भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है, खासकर जब रूस और चीन के बीच भी नजदीकियां बढ़ रही हैं। चीन ने 2015 के बाद से पाकिस्तान को 8.2 बिलियन डॉलर के हथियार बेचे हैं। हालांकि, रूस ने भारत-पाकिस्तान तनाव में तटस्थ रुख अपनाया है और दोनों देशों के बीच बातचीत की वकालत की है।
रूस-पाकिस्तान डील की सच्चाई
रूस ने 2.6 बिलियन डॉलर की किसी भी डील से इनकार किया है। पाकिस्तानी मीडिया और कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स ने इस खबर को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया, लेकिन यह अफवाह साबित हुई। रूस और पाकिस्तान के बीच स्टील मिल्स पर कुछ प्रारंभिक बातचीत हुई थी, लेकिन कोई अंतिम समझौता नहीं हुआ। रूस ने भारत के साथ अपनी मजबूत साझेदारी की पुष्टि की है और इन अफवाहों को भारत के खिलाफ प्रचार का हिस्सा बताया है। ऑपरेशन सिंदूर और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद पाकिस्तान कूटनीतिक रूप से कमजोर पड़ रहा है। इस तरह की खबरें उसकी छवि को मजबूत करने की कोशिश हो सकती हैं।