Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home राष्ट्रीय

जनगणना 2025: देश की तस्वीर को बनाएगा और सशक्त, यहां जानिए सभी सवालों के जवाब!

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
June 6, 2025
in राष्ट्रीय, विशेष
A A
population
17
SHARES
577
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

स्पेशल डेस्क/नई दिल्ली: भारत में जनगणना एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो हर 10 साल में आयोजित की जाती है। यह न केवल देश की जनसंख्या की गणना करती है, बल्कि सामाजिक, आर्थिक, और जीवनशैली से जुड़ी विस्तृत जानकारी भी इकट्ठा करती है। 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण जनगणना स्थगित हो गई थी, लेकिन अब केंद्र सरकार ने 2025 में इसे शुरू करने की योजना बनाई है, जिसके आंकड़े 2026 तक सामने आने की उम्मीद है। इस बार की जनगणना में कुछ नए सवाल, जैसे कि संप्रदाय और जाति से संबंधित जानकारी, शामिल किए जाने की संभावना है। आइए, इस प्रक्रिया और सवालों के बारे में विशेष विश्लेषण में एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से विस्तार से समझते हैं।

जनगणना क्या है…यह क्यों महत्वपूर्ण है ?

इन्हें भी पढ़े

सांसद रेणुका चौधरी

मालेगांव फैसले के बाद कांग्रेस सांसद के विवादित बोल- हिंदू आतंकवादी हो सकते हैं

July 31, 2025
पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु

इस नेता ने लगाया था देश का पहला मोबाइल फोन कॉल, हेलो कहने के लग गए थे इतने हजार

July 31, 2025

‘एक पेड़ मां के नाम’: दिल्ली के सरस्वती कैंप में वृक्षारोपण कार्यक्रम, समाज को दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश!

July 31, 2025
nisar satellite launch

NISAR : अब भूकंप-सुनामी से पहले बजेगा खतरे का सायरन!

July 30, 2025
Load More

जनगणना देश की जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति और जीवन स्तर को समझने का एक व्यवस्थित तरीका है। यह सरकार को नीतियां बनाने, संसाधनों का आवंटन करने, और विकास योजनाओं को लागू करने में मदद करती है। इसके अलावा, जनगणना के आंकड़े लोकसभा और विधानसभा सीटों के परिसीमन, आरक्षण नीतियों और सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए आधार प्रदान करते हैं। भारत में पहली व्यापक जनगणना 1872 में हुई थी और तब से हर दशक में यह प्रक्रिया दोहराई जाती रही है।

जनगणना की प्रक्रिया

जनगणना दो चरणों में आयोजित की जाती है हाउस लिस्टिंग और हाउसिंग सेंसस… इस चरण में घरों और उनकी सुविधाओं से संबंधित जानकारी एकत्र की जाती है। जनसंख्या गणना (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर – NPR) इस चरण में प्रत्येक व्यक्ति की व्यक्तिगत, सामाजिक, और आर्थिक जानकारी दर्ज की जाती है।

इस प्रक्रिया के लिए सरकारी कर्मचारियों को नियुक्त किया जाता है, जिन्हें एन्यूमेरेटर कहा जाता है। ये कर्मचारी घर-घर जाकर जानकारी इकट्ठा करते हैं और उनके पास आधिकारिक पहचान पत्र होता है।

जनगणना में पूछे जाने वाले सवाल !

2025 की जनगणना में लगभग 30-31 सवाल पूछे जाने की संभावना है, जो 2011 की जनगणना (29 सवाल) से थोड़े अधिक हैं। ये सवाल दो श्रेणियों में बांटे जा सकते हैं: हाउसिंग से संबंधित और व्यक्तिगत जानकारी से संबंधित।

हाउसिंग और सुविधाओं से संबंधित सवाल ये सवाल घर की स्थिति और उपलब्ध सुविधाओं पर केंद्रित होते हैं। घर पक्का है या कच्चा? दीवार, फर्श, और छत में इस्तेमाल सामग्री क्या है (उदाहरण के लिए, कंक्रीट, मिट्टी, लकड़ी, आदि)? दीवार का पेंट कैसा है ? घर में शौचालय है या नहीं ? यदि है, तो किस प्रकार का (फ्लश, पिट, आदि)? क्या वॉशरूम उपलब्ध है? पीने के पानी का मुख्य स्रोत क्या है (नल, कुआँ, हैंडपंप, आदि)? पानी की उपलब्धता घर के अंदर, बाहर या कितनी दूरी पर है ? घर में बिजली का मुख्य स्रोत क्या है? खाना पकाने के लिए किस ईंधन का उपयोग होता है (एलपीजी, लकड़ी, गोबर, आदि)? घर में कितने कमरे हैं? क्या टीवी, रेडियो, वाई-फाई, या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं? डिश कनेक्शन या मोबाइल फोन की संख्या? परिवार मुख्य रूप से कौन-सा आटा खाता है (गेहूं, ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी, आदि)? घर का मालिक कौन है ? क्या यह किराए का है या स्वामित्व वाला ?

व्यक्तिगत और सामाजिक जानकारी से संबंधित सवाल

ये सवाल प्रत्येक व्यक्ति की व्यक्तिगत और सामाजिक स्थिति पर केंद्रित होते हैं मूल जानकारी में नाम, लिंग, जन्म तिथि, माता-पिता का नाम, वैवाहिक स्थिति, और परिवार के मुखिया से संबंध। इस बार जनगणना में जाति से संबंधित सवाल शामिल किए जाएंगे, जिसमें पूछा जा सकता है कि व्यक्ति किस जाति या संप्रदाय से है। यह भी पूछा जा सकता है कि क्या परिवार का मुखिया या अन्य सदस्य अनुसूचित जाति (SC) या अनुसूचित जनजाति (ST) से हैं।

व्यक्ति की शैक्षिक योग्यता, व्यवसाय, उद्योग की प्रकृति, और रोजगार की स्थिति। यदि बेरोजगार हैं, तो क्या वे रोजगार की तलाश में हैं ? क्या व्यक्ति अपने जन्म स्थान पर रहता है या कहीं और से पलायन करके आया है? यदि पलायन किया है, तो कारण और समय क्या है? परिवार में कितने बच्चे हैं? कितने बेटे और बेटियां जीवित हैं? पिछले एक साल में कितने बच्चे पैदा हुए? कार्यस्थल की दूरी और वहां पहुंचने का माध्यम (पैदल, साइकिल, गाड़ी, आदि)। क्या व्यक्ति किसी विशेष समुदाय (जैसे OBC, सामान्य वर्ग) से संबंधित है?

2025 की जनगणना की खास बातें !

इस बार पहली बार आजाद भारत में पूर्ण जातिगत जनगणना होगी। पहले केवल अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए सवाल पूछे जाते थे, लेकिन अब सभी जातियों का रिकॉर्ड दर्ज किया जाएगा। यह नीतिगत निर्णय सामाजिक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आरक्षण और कल्याण योजनाओं में बदलाव हो सकता है।

चर्चा है कि इस बार संप्रदाय (उप-धार्मिक समूह) से जुड़े सवाल भी पूछे जा सकते हैं, जो धार्मिक और सामाजिक गतिशीलता को समझने में मदद करेंगे। वाई-फाई कनेक्शन, इंटरनेट की गति, और डिजिटल उपकरणों की उपलब्धता जैसे सवाल शामिल किए गए हैं, जो डिजिटल इंडिया की प्रगति को मापने में मदद करेंगे। दो चरणों में जनगणना..पहला चरण अक्टूबर 2026 में पहाड़ी इलाकों में और दूसरा चरण मार्च 2027 में मैदानी इलाकों में शुरू होगा। जनगणना के आंकड़े 2028 तक लोकसभा और विधानसभा सीटों के परिसीमन के लिए उपयोग किए जाएंगे, जो राजनीतिक प्रतिनिधित्व को प्रभावित करेगा।

क्यों पूछे जाते हैं ये सवाल ?

स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालयों की उपलब्धता और उपयोग को ट्रैक करने के लिए ये सवाल महत्वपूर्ण हैं। यह सरकार को ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता सुविधाओं की स्थिति का आकलन करने में मदद करता है।

खानपान से संबंधित सवाल क्षेत्रीय खाद्य आदतों और पोषण स्तर को समझने के लिए पूछे जाते हैं। यह कृषि नीतियों और खाद्य सुरक्षा योजनाओं को बेहतर बनाने में सहायक है। दीवार का पेंट और घर की स्थिति ये सवाल परिवार की आर्थिक स्थिति और जीवन स्तर को दर्शाते हैं। पक्का घर और अच्छा पेंट उच्च जीवन स्तर का संकेत हो सकता है, जबकि कच्चा घर गरीबी का। जाति और संप्रदाय ये सवाल सामाजिक संरचना को समझने और आरक्षण, कल्याण योजनाओं, और सामाजिक समानता के लिए नीतियां बनाने में मदद करते हैं। डिजिटल उपकरण और संपत्ति ये सवाल देश में डिजिटलीकरण और आर्थिक प्रगति को मापने के लिए पूछे जाते हैं।

जनगणना का प्रभाव

जनगणना के आंकड़े शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, और रोजगार योजनाओं को डिजाइन करने में उपयोग होते हैं। जाति और संप्रदाय के आंकड़े सामाजिक न्याय और समावेशी विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। जनगणना के आधार पर परिसीमन से निर्वाचन क्षेत्रों की संख्या और सीमाएं बदल सकती हैं, जो राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण है। घरों की सुविधाओं और संपत्ति के आंकड़े आर्थिक असमानता को समझने और लक्षित योजनाएं बनाने में सहायक हैं।

सावधानियां और सुझाव

एन्यूमेरेटर के पास आधिकारिक पहचान पत्र होना चाहिए। संदेह होने पर इसे जांचें। सही और पूरी जानकारी देना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह राष्ट्रीय डेटाबेस का हिस्सा बनता है। परिवार के सभी सदस्यों को जनगणना के सवालों के बारे में पहले से अवगत कराएं ताकि प्रक्रिया सुचारू हो।

2025 की जनगणना भारत के सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक परिदृश्य को समझने का एक महत्वपूर्ण कदम होगी। वॉशरूम, आटा, और दीवार के पेंट जैसे सवाल भले ही साधारण लगें, लेकिन ये देश के जीवन स्तर, स्वच्छता, और पोषण की स्थिति को मापने में महत्वपूर्ण हैं। जातिगत जनगणना और संप्रदाय से जुड़े सवाल इस बार इसे और भी खास बनाते हैं, क्योंकि ये सामाजिक समानता और राजनीतिक प्रतिनिधित्व पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
WCL

WCL ने नागपुर में दो महत्वपूर्ण सीएसआर पहलों का किया शुभारंभ

April 29, 2025
Himachal

हिमाचल में बनी गठबंधन की सरकार?, तो कौन होगा सीएम

December 6, 2022
pak youtuber

यूट्यूबर ने पूछा- कश्मीर जाएंगे, शख्स बोला- ‘इंशाअल्लाह.. हिंदुओं को मारेंगे, जन्नत नसीब होगी’

March 26, 2025
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • मालेगांव फैसले के बाद कांग्रेस सांसद के विवादित बोल- हिंदू आतंकवादी हो सकते हैं
  • डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में किन उद्योगों के लिए बजाई खतरे की घंटी!
  • इस नेता ने लगाया था देश का पहला मोबाइल फोन कॉल, हेलो कहने के लग गए थे इतने हजार

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.