बॉलीवुड डेस्क/मुंबई: बॉलीवुड के ‘मिस्टर परफेक्शनिस्ट’ आमिर खान अपनी नई फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ के साथ 20 जून 2025 को सिनेमाघरों में वापसी कर रहे हैं। यह फिल्म उनकी 2007 की ब्लॉकबस्टर ‘तारे जमीन पर’ का स्पिरिचुअल सीक्वल है, जिसने न केवल बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाया, बल्कि डिस्लेक्सिया जैसे सामाजिक मुद्दे को मुख्यधारा में लाकर समाज में जागरूकता पैदा की थी।
‘लाल सिंह चड्ढा’ (2022) और ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ (2018) जैसी असफल फिल्मों के बाद, आमिर की इस फिल्म से प्रशंसकों और इंडस्ट्री को बड़ी उम्मीदें हैं। क्या आमिर ‘सितारे जमीन पर’ के साथ फिर से अपनी कंटेंट की खान वाली छवि को मजबूत कर पाएंगे और बॉक्स ऑफिस पर दमदार वापसी करेंगे ? आइए पूरी रिपोर्ट एग्जीक्यूटिव एडिटर प्रकाश मेहरा से समझते है फिल्म ‘सितारे जमीन पर’ का बैकग्राउंड और कहानी।
क्या है कहानी और थीम
‘सितारे जमीन पर’ स्पेनिश फिल्म ‘कैम्पियोन्स’ (Campeones) का रीमेक है, जो डाउन सिंड्रोम से पीड़ित लोगों की कहानी को हास्य और संवेदनशीलता के साथ पेश करती है। फिल्म में आमिर खान एक कोच की भूमिका में हैं, जो 10 दिव्यांग बच्चों को बास्केटबॉल सिखाते हैं। यह कहानी न्यूरोडायवर्जेंट लोगों के प्रति समाज के नजरिए और उनके संघर्षों को उजागर करती है।
आमिर ने कहा है कि “यह फिल्म इस संदेश को देती है कि हर व्यक्ति अपने तरीके से ‘नॉर्मल’ है, और समाज को उनकी विशेषताओं को स्वीकार करना चाहिए।”
निर्देशन और प्रोडक्शन
फिल्म का निर्देशन आर.एस. प्रसन्ना (‘शुभ मंगल सावधान’ फेम) ने किया है, और इसे आमिर खान प्रोडक्शन्स, किरण राव, और ज्योति देशपांडे ने प्रोड्यूस किया है। संगीत शंकर-एहसान-लॉय और गीत अमिताभ भट्टाचार्य के हैं, जो फिल्म की भावनात्मक गहराई को बढ़ाते हैं। आमिर के साथ जेनेलिया डिसूजा मुख्य भूमिका में हैं, जो उनकी पहली ऑन-स्क्रीन जोड़ी है। फिल्म में 10 नए दिव्यांग कलाकार हैं, जिन्हें ऑडिशन के जरिए चुना गया, जैसे अरूश दत्ता, गोपी कृष्ण वर्मा, और अन्य। खास बात यह है कि आमिर की मां जीनत खान (91 वर्ष) और बहन निखत खान भी फिल्म में छोटी भूमिकाओं में नजर आएंगी।
आमिर खान… कंटेंट की खान क्यों ?
आमिर खान को बॉलीवुड में ‘कंटेंट की खान’ कहा जाता है, क्योंकि उनकी फिल्में न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर गहरा प्रभाव छोड़ती हैं। ‘तारे जमीन पर’ (2007) ने डिस्लेक्सिया पर जागरूकता फैलाई और शिक्षकों-माता-पिता के व्यवहार में बदलाव लाया। ‘3 इडियट्स’ (2009) ने शिक्षा प्रणाली की खामियों को उजागर किया, जबकि ‘दंगल’ (2016) ने महिला सशक्तीकरण और खेल को बढ़ावा दिया। ‘पीके’ (2014) ने धार्मिक अंधविश्वासों पर सवाल उठाए, और ‘गजनी’ (2008) ने भारत में 100 करोड़ क्लब की शुरुआत की।
आमिर हर फिल्म में नए किरदार और कहानियों के साथ प्रयोग करते हैं। ‘कयामत से कयामत तक’ (1988) में रोमांटिक चॉकलेट बॉय से लेकर ‘लगान’ (2001) में ग्रामीण क्रांतिकारी तक, उनका ट्रांसफॉर्मेशन उल्लेखनीय है। वे फोकस-ग्रुप स्क्रीनिंग जैसी रणनीतियों का उपयोग करते हैं, जैसा कि ‘दंगल’ और अब ‘सितारे जमीन पर’ के लिए भी किया जा रहा है।
‘सितारे जमीन पर’ की दमदार वापसी
‘दंगल’ ने विश्वव्यापी बॉक्स ऑफिस पर 2000 करोड़ से अधिक की कमाई की, जो भारतीय सिनेमा का रिकॉर्ड है। उनकी फिल्में, खासकर चीन और अन्य एशियाई देशों में, बड़े पैमाने पर पसंद की जाती हैं।
फिल्म के ट्रेलर को दर्शकों ने “दिल छू लेने वाला” और “प्रेरणादायक” बताया है। लेखिका सुधा मूर्ति ने इसे “आंखें खोलने वाली” फिल्म कहा, और एक स्पेशल स्क्रीनिंग में इसे स्टैंडिंग ओवेशन मिला।
देखिए फिल्म का ट्रेलर
एडवांस बुकिंग में शानदार शुरुआत
Sacnilk की रिपोर्ट के अनुसार, रिलीज से एक दिन पहले (18 जून 2025) तक, फिल्म ने 6,132 शोज में 39,667 टिकटें बेचकर 1.03 करोड़ रुपये की एडवांस कमाई की। ब्लॉक सीट्स सहित यह आंकड़ा 3.64 करोड़ तक पहुंच गया। हिंदी वर्जन में सबसे ज्यादा डिमांड है, जबकि तमिल और तेलुगु में भी अच्छी बुकिंग हुई। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि एडवांस बुकिंग 2 करोड़ तक पहुंच गई।
‘तारे जमीन पर’ ने 2007 में पहले दिन 2.65 करोड़ और कुल 62.95 करोड़ रुपये कमाए थे। ‘सितारे जमीन पर’ का बजट 80 करोड़ बताया जा रहा है, और इसे पहले दिन के कलेक्शन में ‘तारे जमीन पर’ को पीछे छोड़ने की उम्मीद है।
सेंसर बोर्ड से मंजूरी फिल्म को CBFC ने 17 जून 2025 को U/A 13+ सर्टिफिकेट दिया, बिना किसी कट के। इसका रनटाइम 2 घंटे 38 मिनट और 46 सेकंड है।
क्या हैं चुनौतियाँ और विवाद !
‘लाल सिंह चड्ढा’ और ‘ठग्स ऑफ हिंदोस्तान’ की असफलता ने आमिर की स्टार पावर पर सवाल उठाए। इन फिल्मों में दर्शकों को “आमिर खान फैक्टर” की कमी महसूस हुई, जो उनकी यूनिक कहानियों और इमोशनल डेप्थ का मिश्रण है।
‘लाल सिंह चड्ढा’ के फ्लॉप होने के बाद आमिर ने इंडस्ट्री छोड़ने तक का विचार किया था, लेकिन बच्चों के मनाने पर वापसी की।
प्लेगियारिज्म के आरोप
कुछ X पोस्ट्स में दावा किया गया कि ‘सितारे जमीन पर’ में साहित्यिक चोरी (प्लेगियारिज्म) के मुद्दे हैं, क्योंकि यह ‘कैम्पियोन्स’ का रीमेक है। आमिर ने इसका जवाब देते हुए कहा कि “रीमेक एक नया क्रिएटिव कैनवास है, और महान कहानियों को अलग-अलग संस्कृतियों में दोहराया जाना चाहिए, जैसे शेक्सपियर के नाटक। इसके बावजूद, कुछ ट्रोल्स ने फिल्म के बॉयकॉट की मांग की, खासकर पहलगाम आतंकी हमले के बाद आमिर की चुप्पी को लेकर।
थिएटर vs ओटीटी डिबेट
आमिर ने प्राइम वीडियो की 120 करोड़ रुपये की डील ठुकरा दी, क्योंकि वे चाहते हैं कि दर्शक थिएटर में फिल्म देखें। उन्होंने ओटीटी पर जल्दी रिलीज होने वाली फिल्मों को थिएटर कल्चर के लिए हानिकारक बताया। इसके बजाय, वे फिल्म को थिएटर रिलीज के 8 हफ्ते बाद यूट्यूब पर पे-पर-व्यू (PPV) मॉडल में रिलीज करने की योजना बना रहे हैं, जो दर्शकों को टिकट की तरह शुल्क देकर फिल्म देखने की सुविधा देगा।
आमिर की रणनीति और मार्केटिंग
आमिर फिल्म के प्रमोशन में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। ट्रेलर, गाने (जैसे ‘शुभ मंगलम’), और मीडिया इंटरव्यू के जरिए वे दर्शकों तक पहुंच रहे हैं। उन्होंने 10 दिव्यांग कलाकारों की कहानियों को हाइलाइट किया, जिससे फिल्म की प्रामाणिकता बढ़ी। आमिर ने अपनी मां और बहन की कास्टिंग को भी पर्सनल टच के रूप में प्रचारित किया।
‘दंगल’ की तरह, ‘सितारे जमीन पर’ की फोकस-ग्रुप स्क्रीनिंग फरवरी 2025 तक होने की योजना है, ताकि दर्शकों की प्रतिक्रिया के आधार पर अंतिम बदलाव किए जा सकें। आमिर का थिएटर-फर्स्ट मॉडल और यूट्यूब PPV रणनीति न केवल उनकी फिल्म के लिए, बल्कि पूरे बॉलीवुड के लिए एक प्रयोग है।
बॉक्स ऑफिस पर संभावित प्रभाव
आमिर की फिल्में इमोशनल और सामाजिक कनेक्शन के लिए जानी जाती हैं, जो ‘सितारे जमीन पर’ की यूएसपी है। ‘तारे जमीन पर’ की पुरानी लोकप्रियता और न्यूरोडायवर्जेंस जैसे नए मुद्दे का फायदा मिल सकता है। एडवांस बुकिंग के आंकड़े उत्साहजनक हैं, जो दर्शकों की रुचि दर्शाते हैं।
‘लाल सिंह चड्ढा’ की असफलता के बाद दर्शकों का भरोसा जीतना चुनौती है। रीमेक होने के कारण कुछ दर्शक इसे मौलिक नहीं मान सकते। अन्य बड़ी फिल्मों (‘छावा’, ‘सिकंदर’) के रिकॉर्ड्स को तोड़ने के लिए वर्ड-ऑफ-माउथ और लंबी टिकट बिक्री जरूरी होगी।
असफलता और रीमेक विवाद चुनौतियां
आमिर खान की ‘सितारे जमीन पर’ उनकी कंटेंट-केंद्रित सिनेमा की विरासत को आगे बढ़ाने का एक और प्रयास है। डाउन सिंड्रोम जैसे संवेदनशील मुद्दे, मजबूत क्रिएटिव टीम, और आमिर का स्टार पावर इसे बॉक्स ऑफिस पर हिट बनाने की क्षमता रखते हैं। एडवांस बुकिंग और ट्रेलर की सकारात्मक प्रतिक्रिया से उत्साह है, लेकिन ‘लाल सिंह चड्ढा’ की असफलता और रीमेक विवाद चुनौतियां हैं। आमिर का थिएटर-फर्स्ट और यूट्यूब PPV मॉडल न केवल उनकी फिल्म के लिए, बल्कि सिनेमा के भविष्य के लिए भी क्रांतिकारी हो सकता है। अगर दर्शक कहानी से भावनात्मक रूप से जुड़ते हैं, तो आमिर एक बार फिर साबित करेंगे कि वे न केवल जोरदार कमाई, बल्कि कंटेंट की खान भी हैं।
ट्रेलर ‘सितारे जमीन पर’ आमिर खान प्रोडक्शन