नई दिल्ली: अमेरिका के कैलिफोर्निया में नौसेना के F-35C फाइटर जेट क्रैश होने के बाद इस विमान को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं. यह स्टील्थ फाइटर जेट स्ट्राइक फाइटर स्क्वाड्रन वीएफ-125 था. इस विमान की कीमत 100 मिलियन डॉलर (करीब 820 करोड़ रुपये) है. हालांकि विमान में सवार पायलट ने किसी तरह अपनी जान बचा ली. फाइटर जेट के क्रैश की असल वजह अब तक सामने नहीं आई है. इस विमान हादसा ने अमेरिका की मिलिट्री तकनीक और सुरक्षा उपायों को कटघरे में खड़ा कर दिया है.
F‑35 को दुनिया के सबसे उन्नत फाइटर जेट माना जाता है. यह फाइटर जेट रडार को धोखा धोने में सक्षम है. यानी रडार सिस्टम में पकड़ में नहीं आता है. मारक क्षमता 2200 किलोमीटर है. परमाणु बम और मिसाइलों को ले जाने में सक्षम है. जासूसी और निगरानी की भी क्षमता रखता है.
अमेरिकी नौसेना 2019 से इस विमान का इस्तेमाल कर रही है. दुनिया के 19 देशों के पास यह विमान है. इनमें ब्रिटेन, इटली, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, नॉर्वे, डेनमार्क, इजरायल, जापान, दक्षिण कोरिया, बेल्जियम, फिनलैंड, पोलैंड, सिंगापुर, स्विटजरलैंड, जर्मनी, चेक रिपब्लिक और रोमानिया शामिल हैं.
फाइटर जेट का रखरखाव बहुत महंगा
अमेरिका की डिफेंस कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने इसे डेवलप किया था. अमेरिका का सबसे उन्नत फाइटर जेट F‑35 कबाड़ साबित होता दिख रहा है. बार-बार क्रैश हो रहा है. तकनीकी खामियां भी सामने आई हैं. शुरुआती वर्षों में ही सॉफ्टवेयर बग्स, इंजन के फेल होने और सेंसर अनियमितता जैसी कई तकनीकी खामियां सामने आ चुकी हैं. इसक कई वर्जन में कुछ समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं. इस फाइटर जेट का रखरखाव बहुत महंगा है.
हाल ही में भारत के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर इसी फाइटर जेट की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी. करीब एक माह तक यह विमान उड़ नहीं पाया था. बाद में ब्रिटेन के इंजीनियरों की एक स्पेशल टीम 6 जुलाई को आई. यह टीम अपने साथ विशेष स्पेयर पार्ट्स और उपकरणों लेकर पहुंची थी. तब जाकर विमान को ठीक किया जा सका.
2025 में भी यह विमान क्रैश हुआ था
जनवरी 2025 में भी यह विमान क्रैश हुआ था. पेंटागन ने अपनी रिपोट में पाया था कि इस विमन के सभी वर्जनों में खामियां हैं. एलन मस्क भी इस विमान को खर्चीला बताते हुए इसकी आलोचना कर चुके हैं. फरवरी 2025 में उन्होंने कहा था कि ‘अमेरिका के कुछ रक्षा हथियार अच्छे हैं लेकिन इनकी जरूरत से कीमत ज्यादा है.’