प्रकाश मेहरा
एग्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली: दिल्ली में 14 सितंबर को एक दर्दनाक सड़क हादसे ने वित्त मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह की जान ले ली। रिंग रोड पर धौला कुआं के पास एक तेज रफ्तार BMW कार ने उनके मोटरसाइकिल को पीछे से टक्कर मार दी, जिसमें नवजोत सिंह की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी संदीप कौर गंभीर रूप से घायल हो गईं। परिवार ने हादसे के बाद की घटनाओं पर गंभीर सवाल उठाए हैं, जिसमें घायलों को दुर्घटना स्थल से 17-19 किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाने का मामला शामिल है। पुलिस ने आरोपी ड्राइवर गगनप्रीत को गिरफ्तार कर लिया है और केस को हत्या न होने वाले दोषसिद्धि (कुल्पेबल होमिसाइड) के तहत दर्ज किया है।
कब और कहां हुआ हादसा ?
14 सितंबर को दोपहर करीब 1:15 बजे, दिल्ली कैंट इलाके के रिंग रोड पर धौला कुआं और दिल्ली कैंट मेट्रो स्टेशन के पास मेट्रो पिलर नंबर 67 के निकट यह दुर्घटना हुई। पुलिस को ट्रैफिक जाम की कई कॉल्स मिलीं, जिसके बाद टीम मौके पर पहुंची। वहां BMW कार सड़क पर तिरछी खड़ी मिली और मोटरसाइकिल डिवाइडर के पास पड़ी हुई थी।
पीड़ित कौन थे ?
नवजोत सिंह (52 वर्ष), वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (Department of Economic Affairs) में डिप्टी सेक्रेटरी थे। वे हरि नगर, दिल्ली के निवासी थे। वे अपनी पत्नी संदीप कौर के साथ बंगला साहिब गुरुद्वारा दर्शन करने गए थे और कर्नाटक भवन में लंच करने के बाद घर लौट रहे थे। नवजोत सिंह एक सीनियर CSS (Central Secretariat Service) अधिकारी थे, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, IMF में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। वे चीन, कोरिया और जापान में भी भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके थे और बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट से जुड़े थे। वे अगले साल प्रमोशन के लिए तैयार थे और हाल ही में IIM लखनऊ से ट्रेनिंग पूरी की थी।
आरोपी कौन हैं ?
BMW X5 कार को गुरुग्राम की रहने वाली गगनप्रीत (महिला ड्राइवर) चला रही थीं, जिनके साथ उनका पति परिक्षित और दो छोटे बच्चे सवार थे। गगनप्रीत और उनके पति भी हादसे में घायल हुए। पुलिस ने गगनप्रीत को 15 सितंबर को अस्पताल से गिरफ्तार किया।
हादसे के बाद क्या हुआ !
हादसे के बाद गगनप्रीत और उनके पति ने नवजोत सिंह और उनकी पत्नी को टैक्सी से दुर्घटना स्थल से करीब 17-19 किलोमीटर दूर GTB नगर के न्यूलाइफ हॉस्पिटल ले जाया। नवजोत सिंह को डॉक्टरों ने ब्रॉट डेड घोषित कर दिया, जबकि संदीप कौर का इलाज चल रहा है और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। परिवार का कहना है कि अगर उन्हें पास के हॉस्पिटल (जैसे AIIMS या सफदरजंग) ले जाया जाता, तो शायद नवजोत बच जाते।
कवर-अप के आरोप
नवजोत सिंह के बेटे नवनूर सिंह ने बताया कि “हॉस्पिटल स्टाफ ने कोई जानकारी नहीं दी। बाद में पता चला कि न्यूलाइफ हॉस्पिटल आरोपी गगनप्रीत के परिवार से जुड़ा है—यह उनके पिता का को-ओन्ड हॉस्पिटल है। नवनूर ने आरोप लगाया कि एक डॉक्टर ने गगनप्रीत का नाम मेडिको-लीगल सर्टिफिकेट में फर्जी तरीके से डाला। संदीप कौर को भी लॉबी में रखा गया, बजाय कमरे में। परिवार ने इसे लापरवाही और सबूत छिपाने का प्रयास बताया। एक कैब ड्राइवर, जिसने घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया, ने कहा कि नवजोत सिंह उस समय बोल नहीं पा रहे थे। एक चश्मदीद गुल्फाम ने बताया कि “उन्होंने ही घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया। पुलिस ने उनका बयान दर्ज किया है।”
पुलिस जांच और कानूनी कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया है भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 281 (रैश ड्राइविंग), 125B (जीवन को खतरे में डालना), 105 (हत्या न होने वाली कुल्पेबल होमिसाइड) और 238 (सबूत मिटाना या फर्जी जानकारी देना) के तहत।
BMW और मोटरसाइकिल जब्त कर ली गईं। क्राइम टीम और फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने साइट का निरीक्षण किया। आरोपी दंपति के बयान अभी लंबित हैं, क्योंकि वे घायल हैं। पुलिस हादसे की परिस्थितियों और सीक्वेंस की जांच कर रही है।
परिवार का दर्द
नवजोत सिंह की भाभी बिट्टी सिंह ने बताया, “वह सबके चहेते थे। कोई उनसे नाराज नहीं होता था। उनके बेटे ने अभी ग्रेजुएशन पूरा किया है और गुरुग्राम में जॉब कर रहे हैं। पत्नी की सर्जरी चल रही है। एक पूरा परिवार बर्बाद हो गया। हम सिर्फ इतना कहेंगे कि ड्राइविंग में सावधानी बरतें।” नवनूर ने कहा, “समय बहुत महत्वपूर्ण होता है। पास के हॉस्पिटल ले जाते तो शायद पिता बच जाते।”
यह हादसा दिल्ली की सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है, खासकर तेज रफ्तार लग्जरी वाहनों और इमरजेंसी रिस्पॉन्स को लेकर। जांच जारी है, और परिवार न्याय की उम्मीद कर रहा है।