नई दिल्ली। नोबेल शांति पुरस्कार की आड़ में भीषण जंग शुरू होने वाली है. इसके संकेत मिलने शुरू हो गए हैं. शांति के लिए नोबेल पाने का सपना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अधूरा रह गया है. नोबेल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो के हिस्से आया है.
राष्ट्रपति ट्रंप इस पुरस्कार को हासिल करने के लिए काफी कोशिश कर रहे थे. लेकिन, इसके बाद भी वो इससे चूक गए. हालांकि, अब विजेता मारिया ने ट्रंप के नाम अपने मेडल कर दिया है.मारिया ने पुरस्कार जीतने के बाद एक्स पर लिखा, मैं यह पुरस्कार वेनेजुएला के पीड़ित लोगों और राष्ट्रपति ट्रंप को हमारे मकसद के लिए उनके खास समर्थन के लिए समर्पित करती हूं!
ट्रंप के नाम किया मेडल
जहां एक तरफ मारिया ने अपना पुरस्कार ट्रंप के नाम किया है. वहीं, दूसरी तरफ रूस के राष्ट्रपति पुतिन का निकोलस मादुरो की तरफ समर्थन नजर आया है. पुतिन ने कहा कि ट्रंप नोबेल शांति पुरस्कार हासिल करने के लिए बेहतर उम्मीदवार थे.
राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया और नोबेल समिति पर हमला बोला, जिसने शांति पुरस्कार किसी और को देने का फैसला किया. पुतिन ने कहा, ट्रंप नोबेल पुरस्कार के हकदार हैं या नहीं, मैं नहीं जानता. लेकिन, वो असल में कई ऐसे जटिल संकटों को हल करने के लिए बहुत कुछ कर रहे हैं जो वर्षों या दशकों से चले आ रहे हैं.
पुतिन ने मारिया के खिलाफ बोलते हुए कहा, उन्होंने समिति की आलोचना करते हुए कहा कि इसने पुरस्कार ऐसे लोगों को दिया है जिन्होंने शांति के लिए कुछ भी नहीं किया और इन फैसलों ने पुरस्कार की प्रतिष्ठा को बहुत नुकसान पहुंचाया है.
इजराइल-US का समर्थन
मारिया मचाडो की नोबल पुरस्कार जीतने पर अब कई सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, मचाडो अमेरिका और ट्रंप की समर्थक रही हैं. मचाडो को अमेरिका और इजराइल का खुला समर्थन है. मचाडो ने अपने राजनीतिक करियर में कई चुनावों और वार्ता प्रक्रियाओं का बहिष्कार किया है. वो अक्सर कहती रही हैं कि विदेशी हस्तक्षेप ही मादुरो को हटाने का एकमात्र रास्ता है. साथ ही वेनेजुएला की गद्दी पाने के लिए मारिया युद्ध के समर्थन में हैं. मारिया ने इजराइली प्रधानमंत्री को वेनेजुएला पर हमले के लिए चिट्ठी भी लिखी थी.
अवॉर्ड की आड़ में शुरू होने वाली है भीषण जंग?
जहां एक तरफ मारिया को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का सपोर्ट है. वहीं, वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो को पुतिन का साथ मिला हुआ है. रूस और वेनेजुएला ने 10 साल के एक रणनीतिक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. जिसमें रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग शामिल है. अमेरिका के साथ राजनयिक संबंध टूटने के बाद वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने रूस से हाथ मिलाया है.
अमेरिका की सेना वेनेजुएला पर अटैक को तैयार है. मारिया को अमेरिका गद्दी दिलवाना चाहता है. वेनेजुएला के राष्ट्रपति के साथ रूस और ईरान है. इसके चलते अगर वेनेजुएला पर अमेरिका अटैक करता है तो मादुरो को रूस और ईरान का साथ मिल सकता है और एक जंग छिड़ने की संभावना है.