नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच बढ़ती ट्रेड वॉर से भारतीय निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में अपना निर्यात बढ़ाने में लाभ मिलने की उम्मीद है. भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा कि अमेरिका की ओर से चीन पर भारी टैरिफ लगाने से मांग भारत की ओर ट्रांसफर हो जाएगी. भारत ने 2024-25 में अमेरिका को 86 अरब डॉलर के सामान निर्यात किए हैं. इसका सीधा मतलब है कि अमेरिकी-चीन जो तनाव बढ़ा है, उससे भारत को फायदा हो सकता है.
अमेरिका ने एक नवंबर 2025 से चीनी वस्तुओं पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जिससे चीनी आयात पर कुल शुल्क दर लगभग 130 प्रतिशत हो जाएगी. यह कदम बीजिंग के 9 अक्टूबर 2025 के फैसले के जवाब में लिया गया, जिसमें रेयर अर्थ के निर्यात पर कड़े नए नियम लगाए गए हैं. ये दुर्लभ खनिज अमेरिकी रक्षा, इलेक्ट्रिक वाहन और क्लीन एनर्जी इंडस्ट्री के लिए बहुत जरूरी हैं.
भारतीय सामान पर है 50 प्रतिशत टैरिफ
वर्तमान में भारतीय वस्तुओं पर अमेरिकी टैरिफ 50 प्रतिशत है, जो चीन के 30 प्रतिशत से अधिक है. एक टेक्सटाइल एक्सपोर्टर ने कहा कि अब चीनी वस्तुओं पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने से हमें बढ़त मिलेगी. उन्होंने कहा कि चीन से आयात पर अमेरिका की ओर से भारी टैरिफ लगाने से भारत के लिए अमेरिका को निर्यात के बड़े अवसर पैदा होंगे.
भारतीय निर्यातकों को ये उम्मीद
एक अन्य निर्यातक ने कहा कि टैरिफ से चीन से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर असर पड़ेगा, क्योंकि इससे अमेरिकी बाजार में उनके माल की कीमतें बढ़ जाएंगी, जिससे वे कम प्रतिस्पर्धी हो जाएंगे. खिलौना निर्यातक मनु गुप्ता ने भी कहा कि चीनी वस्तुओं पर उच्च शुल्क से दोनों देशों के खरीदारों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी. गुप्ता ने कहा कि इससे हमें मदद मिलेगी. ज्यादा टैरिफ से समानता आएगी और हमें समान अवसर मिलेंगे.”