नई दिल्ली: चक्रवाती तूफान मोंथा दस्तक देने को तैयार है। मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में बना दबाव का क्षेत्र पश्चिम की ओर बढ़ गया है। इस दबाव क्षेत्र के 26 अक्टूबर तक गहरे अवदाब में तब्दील होने और 27 अक्टूबर की सुबह तक चक्रवाती तूफान के रूप में परिवर्तित होने की संभावना है।
आईएमडी ने कहा कि यह उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ते हुए 28 अक्टूबर की सुबह तक प्रचंड चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। आगे बढ़ते हुए यह आंध्र प्रदेश तट पर मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच काकीनाडा के आसपास 28 अक्टूबर की शाम या रात्रि के समय पहुंचेगा, जो 110 किमी प्रति घंटे तक की अधिकतम हवा की गति के साथ प्रचंड चक्रवाती तूफान का रूप धारण कर लेगा।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने सभी जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और सीनियर अधिकारियों को मोंथा चक्रवात के बारे में सतर्क किया और उनके साथ टेलीकांफ्रेंस की। नायडू ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘चूंकि मोंथा चक्रवात से 26, 27, 28 और 29 अक्टूबर को राज्य पर गंभीर प्रभाव पड़ने की आशंका है, इसलिए विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। अधिकारियों को सतर्क रहना चाहिए।’ नायडू ने अधिकारियों को जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया।
आंध्र प्रदेश कब पहुंच रहा तूफान
ओडिशा सरकार ने कहा कि उसने 28 अक्टूबर को पड़ोसी आंध्र प्रदेश तट को पार करने वाले संभावित गंभीर चक्रवाती तूफान के मद्देनजर उसने अपने आपदा तैयारी मॉडल को सक्रिय कर दिया है। भुवनेश्वर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक डॉ. मनोरमा मोहंती के अनुसार, आईएमडी ने 28 और 29 अक्टूबर को दक्षिणी और तटीय जिलों के कुछ जिलों में बारिश और तेज हवा चलने का रेड अलर्ट जारी किया है। 26 अक्टूबर की शाम से 27 अक्टूबर की शाम तक ओडिशा तट के आसपास समुद्र की स्थिति बहुत खराब रहने की संभावना है। मछुआरों को 26 से 29 अक्टूबर तक समुद्र में न जाने की सलाह दी जाती है। जो लोग समुद्री क्षेत्र में हैं, वे तुरंत तट पर लौट आएं।
किस तरह की चल रहीं तैयारियां
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने जिला कलेक्टरों के साथ उच्चस्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की। उन्हें किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया। मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसी भी स्थिति के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), ओडिशा राज्य आपदा मोचन बल, अग्निशमन सेवा की टीमों को पहले से ही तैयार रखा है। पुजारी ने कहा कि राज्य के तटीय और दक्षिणी क्षेत्रों के लगभग 15 जिलों के मौसम की बदली हुई स्थिति से प्रभावित होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि पिछले अनुभवों के आधार पर सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं।







