Upgrade
पहल टाइम्स
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन
No Result
View All Result
पहल टाइम्स
No Result
View All Result
  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • ईमैगजीन
Home विशेष

स्वप्ना के आरोप और केरल सरकार

पहल टाइम्स डेस्क by पहल टाइम्स डेस्क
June 24, 2022
in विशेष
A A
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp

बलबीर पुंज

मुख्य आरोपी और जमानत पर बाहर स्वप्ना सुरेश ने अदालत में शपथपत्र दाखिल करके जो आक्षेप लगाए है, वह बहुत गंभीर है। स्वप्ना के इन सभी आरोपों को निरस्त करते हुए मुख्यमंत्री विजयन ‘राजनीति से प्रेरित’ बता रहे है। किंतु उनकी सरकार मामले की जांच को लेकर कितनी गंभीर है, यह इस बात से स्पष्ट है कि जो बतौर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एम.शिवशंकर, आरोपी स्वप्ना के घर अक्सर आते-जाते रहते थे, जो इस मामले को लेकर 98 दिन जेल में भी रहे- उन्हें वामपंथी सरकार ने जनवरी 2022 में दोबारा बहाल करते हुए खेल-युवा मामलों का प्रधान सचिव बना दिया।

इन्हें भी पढ़े

जिहाद

जिहाद के नाम पर आतंक फैलाने वाले इस्लाम और भारत दोनों के दुश्मन, इनका समूल नष्ट किया जाए

December 3, 2025
Indian economic

भारत की आर्थिक विकास दर ने पूरे विश्व को चौंकाया

December 2, 2025
शराब

गांव के युवकों में शराब की लत बढ़ी!

November 30, 2025
Indian economic

भारत का आर्थिक विकास – सहकारिता से समृद्धि की ओर

November 30, 2025
Load More

क्या केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन या उनका परिवार, प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से चर्चित स्वर्ण तस्करी में शामिल है? यह सब जांच का विषय है। किंतु इस संबंध में मुख्य आरोपी और जमानत पर बाहर स्वप्ना सुरेश ने अदालत में शपथपत्र दाखिल करके जो आक्षेप लगाए है, वह बहुत गंभीर है। स्वप्ना द्वारा लगाए आरोपों के अनुसार, मुख्यमंत्री विजयन, उनकी पत्नी कमला, उनकी बेटी वीणा, पूर्व मंत्री के.टी. जलील, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पी.श्रीरामकृष्णन, मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव एम.शिवशंकर और कुछ शीर्ष नौकरशाह स्वर्ण तस्करी सहित कई राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों में भी संलिप्त है। यही नहीं, स्वप्ना कहती हैं कि वर्ष 2016 में जब पी.विजयन दुबई में थे, तब उसने नकदी से भरा एक बैग भी उन्हें दिया था।

यह पहली बार नहीं है कि केरल के सोना तस्करी मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय पर संदेह की सुई घूमी हो। जब से इस पूरे कांड का खुलासा हुआ है, तब से अन्ततोगत्वा यहीं बातें ही सामने आ रही है। स्वप्ना सुरेश पुलिस की पूछताछ में भी इन्हीं आरोपों को दोहराया चुकी है। वही स्वप्ना के इन सभी आरोपों को निरस्त करते हुए मुख्यमंत्री विजयन ‘राजनीति से प्रेरित’ बता रहे है। किंतु उनकी सरकार मामले की जांच को लेकर कितनी गंभीर है, यह इस बात से स्पष्ट है कि जो बतौर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एम.शिवशंकर, आरोपी स्वप्ना के घर अक्सर आते-जाते रहते थे, जो इस मामले को लेकर 98 दिन जेल में भी रहे- उन्हें वामपंथी सरकार ने जनवरी 2022 में दोबारा बहाल करते हुए खेल-युवा मामलों का प्रधान सचिव बना दिया। सोचिए, यदि यह सब किसी भाजपा शासित राज्य में होता, तो यह कई समाचारपत्रों और न्यूज चैनलों की मुख्य हेडलाइन होती, साथ ही देश का एक वर्ग नैतिकता के नाम की ढपली पीटने लगता। क्या केरल के इस मामले में ऐसा कुछ हुआ?- नहीं। क्या इसका कारण मुख्यमंत्री पी.विजयन के वैचारिक-राजनीतिक दर्शन में निहित है?

इस तस्करी का भंडाफोड़ 5 जुलाई 2020 को तिरुवनंतपुरम हवाईअड्डे में तब हुआ, जब एक 70 किलो का भारी-भरकम राजनायिक खेप वहां उतरा। इसे लेने यूएई दूतावास का पूर्व कर्मचारी सरिथ कुमार आया था। संदेह होने और स्वीकृति मिलने पर जब सीमा शुल्क अधिकारियों ने उस खेप की जांच की, तो वे हैरान रह गए। उसमें खाद्य पदार्थों, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के बीच पाइप, नल और दरवाजों के हैंडल दिखा। उन्हीं पाइपों के भीतर चौबीस कैरेट का तीस किलो सोना भरा हुआ था, जिसकी तब अनुमानित कीमत 15 करोड़ रुपये थी। जांच में पता चला कि स्वप्ना तब यूएई दूतावास के लगातार संपर्क में थी।

बताया जाता है कि मामले का पर्दाफाश होने के सालभर पहले तक दूतावास के लिए ऐसे कई भारयुक्त कार्गों राज्य में पहुंचे थे, जो ‘राजनयिक छूट’ के कारण बिना किसी जांच के आसानी से हवाईअड्डे के बाहर आ गए। तब जांचकर्ताओं ने उस समय 230 किलो सोने की तस्करी की संभावना जताई गई थी। अनुमान लगाना कठिन नहीं कि ऐसा कितनी बार हो चुका होगा। इस पूरे मामले में सोने की तस्करी तो है ही, साथ ही इसमें देशविरोधी गतिविधियों (आतंकवाद के वित्तपोषण सहित) की दुर्गंध भी आ रही है- एनआईए जांच इसका प्रमाण है।

इस पूरे कांड में मुख्य सूत्रधार स्वप्ना प्रभु सुरेश ही है। दिखने में आकर्षक और कई भाषाएं धाराप्रवाह बोलने वाली इस महिला की पहुंच केरल सरकार में कितनी थी, यह इस बात से स्पष्ट है कि उन्हें बिना किसी पर्याप्त योग्यता के केरल राज्य सूचना प्रौद्योगिकी इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (केएसआईटीआईएल) के अंतर्गत स्पेस पार्क की विपणन संपर्क अधिकारी के पद पर नियुक्त कर दिया गया था। आरोप है कि स्वप्ना को यहां तक पहुंचाने में तत्कालीन मुख्यमंत्री पी.विजयन के मुख्य सचिव एम.शिवशंकर ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी। सोचिए, स्वप्ना उन पदों पर बिना किसी अनुभव, गला काट प्रतिस्पर्धा और उचित शैक्षणिक योग्यता के पहुंच गई, जहां अधिकांश लोग वर्षों की कड़ी मेहनत, परिश्रम, वांछित योग्यता और घूस/सिफराशि देने के बाद भी नहीं पहुंच पाते है। क्या यह केरल सरकार में शामिल प्रभावशाली लोगों की संलिप्ता के बिना संभव था?

इसमें कोई संदेह नहीं कि स्वप्ना एक अति-महत्वकांशी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- यूएई के अबू धाबी में जन्मी स्वप्ना का वैवाहिक जीवन अच्छा नहीं रहा। अल्पकाल में ही पति को तलाक देकर अपनी बच्ची के साथ स्वप्ना तिरुवनंतपुरम रहने लगी और कालांतर में उसने दूसरी शादी कर ली। केरल में स्वप्ना ने एक ट्रैवल एजेंसी में काम किया। इस दौरान वह एक ऐसे व्यक्ति की सचिव भी बनी, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की धोखाधड़ी में पहले से संलिप्त रहा था। वर्ष 2013 में स्वप्ना ने एयर इंडिया की सहायक कंपनी- एआईएसएटीएस का रूख किया, जहां थोड़े ही अंतराल में वे एयरपोर्ट के सभी प्रमुख स्थानों और अधिकारियों से परिचित हो गई। संभवत: उसे इसी दौरान ‘राजनायिक खेप’ को मिलने वाले ‘कानूनी-सुरक्षा’ का पता चला होगा। स्पष्ट था कि स्वप्ना की मंशा कम समय में तरक्की पाने की थी।

जो भी स्वप्ना के मार्ग में आया, उसे उसने कहीं का नहीं छोड़ा। ऐसा ही एक मामला हवाईअड्डे पर काम करते हुए भी आया, जहां उसके अनैतिक गतिविधियों के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले एलएस शिबू के खिलाफ एकाएक 17 लड़कियों ने यौन-शोषण की शिकायतें दर्ज करवा दी। जांच में पता चला कि सभी मामले फर्जी और झूठे थे, जिसकी पटकथा स्वप्ना ने लिखी। अपने इस अपराध की स्वीकारोक्ति के बाद स्वप्ना न केवल आसानी से बच निकली, अपितु उसने मुख्यमंत्री कार्यालय तक अपनी पहुंच बना ली। अब भला यह चमत्कार कैसे हुआ?

सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों से स्पष्ट है कि यूएई में शक्तिशाली लोगों से स्वप्ना की जान-पहचान थी। इसी कारण उसे तिरुवनंतपुरम स्थित यूएई के महावाणिज्य दूतावास में बतौर सचिव नौकरी मिली। इसी के बाद स्वप्ना ने केरल में प्रशासनिक और राजनीतिक संपर्क मजबूत किए। शासन-व्यवस्था में दबदबा इतना हो चुका था कि वाणिज्य दूतावास में एक पुलिसकर्मी द्वारा सलामी नहीं देने पर स्वप्ना ने ऊपरी अधिकारी को फोन करके उसे वहां से हटवा दिया।

स्वप्ना और केरल सरकार के बीच संबंध कितने घनिष्ठ थे कि यह इस बात से स्पष्ट है कि बतौर मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव एम.शिवशंकर स्वप्ना के आवास पर अक्सर आते-जाते थे। राज्य के पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री और वर्तमान विधायक केटी जलील से भी स्वप्ना का संपर्क होने का आरोप है। अब पुलिस ने जलील की शिकायत पर स्वप्ना के खिलाफ दंगा भडक़ाने और आपराधिक षडय़ंत्र रचने का मामला दर्ज किया है। यह घालमेल और मुख्यमंत्री पी.विजयन की राजकीय बैठकों में उपस्थित होने की वायरल तस्वीरें- मामले को बहुत अधिक खतरनाक बना देता है।

यह पहली बार नहीं है, जब केरल की वामपंथी सरकार में देशविरोधी गतिविधियों को बल मिल रहा हो। चाहे बात ई.एम.एस. नंबूदरीपाद के शासनकाल में मजहब के आधार मल्लापुरम जिले का गठन हो, वी.एस. अच्युतानंदन के दौर में लव-जिहाद के माध्यम से गैर-मुस्लिम युवतियों का जबरन मतांतरण करके प्रादेशिक जनसंख्याकीय में परिवर्तन का प्रयास हो या फिर वर्तमान पी.विजयन के शासनकाल में छल-बल से मतांतरित युवाओं की कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में भर्तियां। इसी क्रम में वर्तमान स्वर्ण तस्करी कांड, केरल की वामपंथी सरकार पर वैसा ही एक दाग है।

इन्हें भी पढ़ें

  • All
  • विशेष
  • लाइफस्टाइल
  • खेल
बस और टेंपो

वृंदावन में स्कूल बस और टेंपो की जबरदस्त भिड़ंत, मां-बेटी घायल

April 24, 2025
CM Yogi

सीएम योगी ने राष्ट्रीय पोषण माह कार्यक्रम को किया संबोधित

September 20, 2023
All India Samta Foundation submitted a memorandum to the District Magistrate

अखिल भारतीय समता फाऊंडेशन ने जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

April 28, 2025
पहल टाइम्स

पहल टाइम्स का संचालन पहल मीडिया ग्रुप्स के द्वारा किया जा रहा है. पहल टाइम्स का प्रयास समाज के लिए उपयोगी खबरों के प्रसार का रहा है. पहल गुप्स के समूह संपादक शूरबीर सिंह नेगी है.

Learn more

पहल टाइम्स कार्यालय

प्रधान संपादकः- शूरवीर सिंह नेगी

9-सी, मोहम्मदपुर, आरके पुरम नई दिल्ली

फोन नं-  +91 11 46678331

मोबाइल- + 91 9910877052

ईमेल- pahaltimes@gmail.com

Categories

  • Uncategorized
  • खाना खजाना
  • खेल
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • दिल्ली
  • धर्म
  • फैशन
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • राजनीति
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • विशेष
  • विश्व
  • व्यापार
  • साक्षात्कार
  • सामाजिक कार्य
  • स्वास्थ्य

Recent Posts

  • ब्रह्मोस के राज जानना चाहता है पाकिस्तान, हनीट्रैप का बिछाया जाल
  • अमेरिका के बड़े शहरों पर डूबने का खतरा, एक सदी में एक बार आने वाली तबाही
  • जिहाद के नाम पर आतंक फैलाने वाले इस्लाम और भारत दोनों के दुश्मन, इनका समूल नष्ट किया जाए

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.

  • होम
  • दिल्ली
  • राज्य
  • राष्ट्रीय
  • विश्व
  • धर्म
  • व्यापार
  • खेल
  • मनोरंजन
  • गैजेट्स
  • जुर्म
  • लाइफस्टाइल
    • स्वास्थ्य
    • फैशन
    • यात्रा
  • विशेष
    • साक्षात्कार
  • ईमैगजीन

© 2021 पहल टाइम्स - देश-दुनिया की संपूर्ण खबरें सिर्फ यहां.