प्रकाश मेहरा
एक्जीक्यूटिव एडिटर
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर, भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा 7 मई 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया एक सैन्य अभियान है, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई थी। इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से जुड़े 9 ठिकानों को निशाना बनाया गया। यह अभियान 23 मिनट तक चला, जिसमें राफेल जेट और सटीक मिसाइलों का उपयोग किया गया। ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकी ढांचे को नष्ट करना था, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) को जिम्मेदार ठहराया गया।
संसद में चर्चा का समय और तारीख
संसद के मानसून सत्र 2025 में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सरकार ने सहमति दी है। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) की बैठक में तय हुआ कि,
- लोकसभा: 16 घंटे की चर्चा, जो सोमवार, 28 जुलाई 2025 को शुरू होगी।
- राज्यसभा: 16 घंटे की चर्चा, जो मंगलवार, 29 जुलाई 2025 को शुरू होगी।
चर्चा की मांग और विपक्ष का रुख
मानसून सत्र (21 जुलाई से 21 अगस्त 2025) के पहले दिन से ही विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा की मांग की, जिसके चलते दोनों सदनों में हंगामा हुआ। लोकसभा की कार्यवाही कई बार स्थगित की गई। विपक्ष ने मांग की कि “चर्चा तत्काल शुरू हो और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सदन में मौजूद रहें। विपक्ष का आरोप है कि सरकार चर्चा से बच रही है और पीएम विदेश दौरे को प्राथमिकता दे रहे हैं।
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में कहा कि “पहलगाम हमले के आतंकियों को न तो पकड़ा गया और न ही मारा गया और सरकार ने इंटेलिजेंस विफलता पर स्पष्ट जवाब नहीं दिया।”
मैंने पहलगाम आतंकी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद की स्थिति पर नियमों के मुताबिक सदन में नोटिस दिया है।
पहलगाम आतंकी हमला 22 अप्रैल को हुआ था और उसे अंजाम देने वाले आतंकी आज तक न पकड़े गए और न मारे गए। पहलगाम में चूक हुई है, इस बात को खुद जम्मू-कश्मीर के LG मनोज सिन्हा ने… pic.twitter.com/L7V1ztXl6L
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 21, 2025
क्या है सरकार का रुख ?
सरकार ने सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तत्परता दिखाई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार रक्षा से जुड़े किसी भी विषय पर विस्तृत चर्चा के लिए तैयार है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि “नियमों के तहत सभी मुद्दों पर चर्चा होगी, लेकिन विपक्ष को सदन की कार्यवाही में सहयोग करना चाहिए।”
मानसून सत्र के पहले दिन ही विपक्ष का रवैया साफ है- चर्चा नहीं, सिर्फ़ हंगामा!
सरकार हर मुद्दे पर जवाब देने को तैयार है, लेकिन सदन में हंगामा कर लोकतंत्र का अपमान हो रहा है।
सवाल पूछिए, जवाब पाइए-लेकिन संसद को बंधक न बनाइए।#Parliament #MonsoonSession2025 pic.twitter.com/33uoI6c5Fi— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) July 21, 2025
पीएम मोदी ने सत्र शुरू होने से पहले कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने 22 मिनट में आतंकी ठिकानों को नष्ट कर पाकिस्तान को बेनकाब किया।”
May the Monsoon Session of Parliament be productive and filled with enriching discussions that strengthen our democracy. https://t.co/Sj33JPUyHr
— Narendra Modi (@narendramodi) July 21, 2025
क्या हैं विपक्ष के अन्य मुद्दे !
ऑपरेशन सिंदूर के अलावा, विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), मणिपुर की स्थिति, और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता दावों पर भी चर्चा की मांग की। लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने तख्तियां दिखाकर और नारेबाजी कर हंगामा किया, जिसे स्पीकर ओम बिरला ने सदन की गरिमा के खिलाफ बताया।
ऑपरेशन सिंदूर के अलावा, संसद में आयकर बिल (12 घंटे), राष्ट्रीय खेल विधेयक (8 घंटे), मणिपुर बजट (2 घंटे), और भारतीय डाक विधेयक (3 घंटे) पर भी चर्चा होगी। शुभांशु शुक्ला के अंतरिक्ष मिशन और उनकी सफल वापसी पर भी सदन में चर्चा प्रस्तावित है।
विवाद और स्थगन
सत्र के पहले दो दिनों (21-22 जुलाई) में विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित हुई, जिसमें 21 जुलाई को चार बार और 22 जुलाई को दो बार स्थगन हुआ। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे (स्वास्थ्य कारणों) ने भी चर्चा को और गर्म कर दिया।
ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में व्यापक चर्चा की तैयारी है, जिसमें लोकसभा और राज्यसभा में 16-16 घंटे की बहस होगी। चर्चा की तारीखें 28 जुलाई (लोकसभा) और 29 जुलाई (राज्यसभा) तय की गई हैं। विपक्ष और सरकार के बीच तनाव के बावजूद, सरकार ने चर्चा के लिए सहमति दी है, लेकिन विपक्ष चाहता है कि पीएम और अन्य प्रमुख मंत्री बहस में शामिल हों। यह चर्चा न केवल ऑपरेशन की सफलता, बल्कि पहलगाम हमले और इंटेलिजेंस विफलता जैसे मुद्दों पर भी केंद्रित होगी।